लोकसभा चुनाव में मिली हार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक पचा नहीं पाई है। पार्टी के अंदर अब भी घमासान मचा है। यह बात तब जग जाहिर हो गई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने पार्टी में सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया। दूसरी तरफ पार्टी इस अंतर कलह को समाप्त करने के इरादे से पार्टी नेताओं को चेतावनी दी गई।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कहा है कि वे सार्वजनिक रूप से पर एक-दूसरे की आलोचना करने से बचें। अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जशवंत सिंह, अरूण जेटली, सुधींद्र कुलकर्णी और यशवंत सिन्हा जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराने के बाद पार्टी अध्यक्ष ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कई नेताओं की ओर से मीडिया को बयान देने के बाद ऐसे स्थिति पैदा हो गई है, जिससे मालूम पड़ता है कि पार्टी नेतृत्व बिखर गया है और हार के कारणों का विश्लेषण नहीं कर रहा है। यह सच्चाई से बिलकुल परे है। भाजपा नेतृत्व पूरी तरह एकजुट है।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी में खलबली मची है। पार्टी की हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा को स्वीकार कर लिया गया है। सिन्हा लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी का पुनर्गठन चाहते हैं। सिन्हा झारखंड के हजारीबाग सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।
यही हाल रहा तो जल्दी ही ना आला बचेगा….न कमान..सब के सब डाक्टर के पास पहुचे होंगे जहां डाक्टर इनकी जांच कर रहा होगा ..आला लटका ..के..