चुनाव का बाजार लगा हुआ है |

चुनाव का बाजार लगा हुआ है |
देखो ! ये कितना सजा हुआ है ||
चारो तरफ पोस्टर लगे हुये है |
बैनर और झंडे भी लगे हुये है ||

कोई नहीं यहाँ दुकान व सामान |
बिक रहा है यहाँ धर्म व इमान ||
वोट व वोटर की कीमत यहाँ लगती |
झूठे आश्वानो पर है ये यहाँ बिकती ||

नेता यहाँ खरीदार बने हुये है |
अपनी जेबों में नोट भरे हुये है ||
पिछले पांच सालो में जो कमाया |
उसको उन्होंने दाव पर लगाया ||

ये बाजार आज बहुत गरम है |
पर नेता यहाँ बहुत नरम है ||
हाथ जोड़ते ये यहाँ फिर रहे है |
अपने वोटरों को टटोल रहे है ||

पांच साल के बाद ये यहाँ आते |
वोटरों को अपना शीश झुकाते ||
जब चुनाव खत्म हो जाते |
फिर ये नजर नहीं है आते ||

वोट तुम, तुम उसको देना |
जो कैन्डीडेट हो चरित्रवान ||
जो करे देश का विकास |
और बढाये देश सम्मान ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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