बिगड़े हालत तो शायद सुधर जायेगे |

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बिगड़े हालत तो शायद सुधर जायेगे |
पर कुछ लोग तो,नजरो से उतर जायेगे ||

किसीको क्या पता,भविष्य में क्या हो जायेगा |
अगर हालात नहीं सुधरे तो हम किधर जायेगे ||

अच्छा है आज घर में लोग सब एक साथ है |
लोक डाउन खुला तो,लोग फिर किधर जायेगे ||

मानते रहे कहना,लोग अनुशासन में आ जायेगे |
ऐसा चलता रहा तो लोग सुधर जायेगे ||

अनुशासन नहीं रहा तो देश का क्या हाल होगा |
ऐसे हालात में लोग इधर उधर बिखर जायेगे ||

कहता है रस्तोगी समय है एक सूत्र में रहने का |
अगर सूत्र टूट गया तो लोग बिखर जायेगे ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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