
ये देश है अपना
हिम शिखर सिरहाने में
कैलाश मानसरोवर उपर
गंगा जमुना का कछार
देश का बिछौना!
ये देश है अपना
कश्मीर बड़ी हसीन है
वादियां बड़ी रंगीन है
छोड़ो संगीन की बोली
छेड़ो राग तराना!
ये देश है अपना
दिल्ली देश का दिल
हरियाणा की हरियाली
पंजाब की गेहूँ बाली
पूर्व में सतबहना!
ये देश है अपना
गुजरात शेर का जब्ड़ा
अरावली महाबली है
विंध्याचल झुकल, मान
अगस्त का कहना!
ये देश है अपना
बिहार है दान-पुण्य की
नदियां खूनी जुनून की
बहाती साथ खून पानी
माने ना कहना!
ये देश है अपना
कृष्णा, कावेरी, गोदावरी
कल-कल करती,देती सोना
करती नही मनमानी
शांति का गहना!
ये देश है अपना
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर
सदियों से साथ में रहकर
करते गलबांही, सिखलाते
शांति, शांति रहना!
ये देश है अपना
कैलाशी शिवशंकर जटा से
निकली गंगा, जमुना, सिंधु
सतलज,झेलम,व्यास, ताप्ती
काम जीवन जल देना!
ये देश है अपना
मुकुट मणि हिमालय से
बंगाल की खाड़ी का मानसून
टकराना, जीवन रस बरसाना
हिन्द महासागर पांव पखारे
ऐसा देश है अपना!
—विनय कुमार विनायक