शादी में शामिल होने वालो को सुझाव

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उतना ही लो तुम थाली में।
व्यर्थ न जाए कुछ नाली में।।

झूठन जो छोड़ता है थाली में।
अगला जन्म लेता है नाली में।।

कम व्यजन बनावाओ शादी में।
झांकी न लगाओ उनकी शादी में।।

दान दहेज न देओ तुम शादी में।
दान देहेज न लेओ तुम शादी में।।

जितना कर सको करो शादी में।
अपनी औकात में रहो शादी में।।

करो सादी सजावट तुम शादी में।
देख भाल के खर्च करो शादी में।।

सड़कों पर डांस न करो शादी में।
लोक लिहाज रखो तुम शादी में।।

जाओ जब तुम किसी की शादी में।
लिफाफा देना न भूलना शादी में।।

कम मेहमान बुलाओ तुम शादी में।
अच्छा स्वागत होगा उनका शादी में।।

लड़की वाला बारात लाता है शादी में,
बन्द करो ये रिवाज अब तुम शादी में।।

भूखों को खाना खिलाओ तुम शादी में।
ढेर सारे आशीर्वाद मिलेगे तुम्हे शादी में।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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