आदिवासी समाज को राष्ट्र की मूलधारा में लाना होगा: अठावले

1
213
ललित गर्ग
सुखी परिवार फाउंडेशन द्वारा अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर-नई दिल्ली के नालंदा सभागार में ‘अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस’ समारोह का भव्य आयोजन आदिवासी जनजीवन के प्रेरणास्रोत गणि राजेन्द्र विजयजी के सान्निध्य में आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले मुख्य अतिथि, कुरूक्षेत्र के सांसद श्री राजकुमार सैनी एवं राज्यसभा सांसद श्री नारणभाई राठवा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उदय इंडिया के संपादक श्री दीपक रथ एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजीव आहूजा मुख्य वक्ता थे। इस अवसर पर देश भर से बड़ी संख्या में आदिवासी कार्यकर्ता, लोक कलाकार एवं प्रतिभाओं ने अपनी सहभागिता की।
केंद्रीय मंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि आदिवासी भारत की मूल संस्कृति है। उनके अधिकारों एवं अस्तित्व की रक्षा के लिए केंद्र सरकार अपना हर संभव सहयोग प्रदत्त करेगी। आदिवासी समुदाय के विकास के लिए व्यापक प्रयत्न किये जायेंगे। श्री अठावले ने गणि राजेन्द्र विजयजी के द्वारा आदिवासी क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संत शक्ति और राजनीतिक शक्ति मिलकर ही आदिवासियों के जीवन को उन्नत बना सकेंगे। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी एक नया भारत निर्मित करने की ओर अग्रसर हैं। निश्चित ही इस नये भारत में आदिवासी समाज को सम्मान एवं गौरव प्राप्त हो सकेगा, ऐसा विश्वास है। 
प्रख्यात जैन संत गणि राजेन्द्र विजयजी ने कहा कि भारत को यदि शक्तिशाली एवं समृद्ध बनाना है तो आदिवासी जनजीवन को राष्ट्र की मूलधारा में लाना होगा। विकास की मौजूदा अवधारणा इसलिए विसंगतिपूर्ण है कि उसमें आदिवासी जनजीवन की उपेक्षा एवं उनके अधिकारों की अवहेलना की गयी है। एक संतुलित समाज रचना के लिए आज आदिवासी जनजीवन को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस समारोह में गणि राजेन्द्र विजय ने आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को राष्ट्रीय आदिवासी दिवस घोषित किये जाने की मांग करते हुए कहा कि आदिवासियों के चेहरे से लुप्त हो गई खुशी को वापिस लाने के लिए सरकार ऐसे आयोजन घोषित करे, जिससे आदिवासी जीवन में खुशियों की रोशनी उतर सके और वे अपनी मूल संस्कृति से जुड़ सके।
सांसद श्री राजकुमार सैनी ने कहा कि सरकारी उपेक्षा के कारण आदिवासी अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं जो एक गंभीर चिंता का विषय है। पूरे देश में आदिवासी शिक्षा, कृषि, रोजगार आदि विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, फिर भी आज देश में आदिवासी समाज विभिन्न समाजों की तुलना में उपेक्षित है। राज्यसभा सांसद श्री नारणभाई राठवा ने गुजरात में गैर-आदिवासियों को आदिवासी बनाये जाने एवं राठवा जाति के समुदाय को आदिवासी न मानने की सरकार की कुचेष्टाओं का विरोध करते हुए कहा कि आदिवासियों को आरक्षण नहीं, उनके मौलिक अधिकार चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक श्री ललित गर्ग ने उपराष्ट्रपति श्री वैंकया नायडू एवं गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी सहित अनेक मंत्रियों के संदेशों का वाचन किया। इस अवसर पर श्री अठावले ने गुजरात के आदिवासी समाज की समृद्धि एवं स्वनिर्भरता के लिए स्थापित किये गये ‘डिवोस सात्विक फूड एण्ड बिवरेज प्रा. लि.’ की योजना का लोकार्पण किया। श्री नाराणभाई राठवा ने कुबेर टेक्नोलाॅजिस्ट प्रा. लि. के बहुआयामी मोबाइल एप का शुभारंभ किया, जिसके माध्यम से आदिवासी कल्याण के लिए धनराशि एकत्र की जाएगी और आदिवासी उत्पादों को बाजार प्रदान किया जाएगा। अन्य वक्ताओं ने आदिवासी समाज के भारत के विकास और संस्कृति में योगदान को उजागर करते हुए उनके समग्र विकास की आवश्यकता व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा आज सबसे बड़ी अपेक्षा यह है कि आदिवासी अपना मूल्यांकन करना सीखे और खोई प्रतिष्ठा को पुनः अर्जित करे। यह कार्य राजनीति के आधार पर संभव नहीं है। इसके लिए संतपुरुषों एवं संस्कृतिकर्मियों को जागरूक होना होगा और एक सशक्त मंच बनाकर आदिवासी संस्कृति को जीवंत करना होगा।
इस अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं के लिए श्री मनोज बोरड, कुबेर टेक्नोलाॅजिस्ट के श्री हितेश कनेरिया, माॅर्डन मूवीज के श्री अतुल पटेल, माॅर्गेज वल्र्ड के श्री विपुल पटेल, क्रेजी स्टूडियो के श्री अश्विन बोरड, गुजरात के आदिवासी कार्यकर्ता श्री बी. डी. राठवा, श्री बल्लूभाई राठवा, श्री बाबूभाई राठवा, श्री रामभाई राठवा, श्री रमेशभाई जमादार, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सुश्री श्वेता सांड, भजन सम्राट श्री गोपाल शर्मा, पूना के श्री राजू ओसवाल, श्री रमेश प्राणेश, सामाजिक कार्यकर्ता श्री संजय गौतम, दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष श्री जयप्रकाश, श्री राहुल आहूजा, श्री किशनवीर सिंह चैधरी आदि को शील्ड प्रदत्त कर सम्मानित किया गया। गुजरात के लोक कलाकारों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी लोक संस्कृति एवं नृत्य को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री ललित गर्ग ने किया। आभार ज्ञापन श्री बी. डी. राठवा ने किया। श्री मनोज बोरड का उल्लेखनीय सहयोग रहा

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,860 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress