देश के सपूतों, मातृभू के रक्षकों, क्रांतिवीर बन्धुओं,
शूरवीर सैनिकों, साहसी सेनानियों !!
माँ तुम्हें पुकारती, माँ तुम्हें पुकारती।
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आज तुम आतंकियों को,आक्रमणकारियों को,
और देशद्रोहियों को, भेज दो यमलोक को।
बार बार टेरती, माँ तुम्हें पुकारती।।
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फिर न कोई भय रहे , संघर्ष भी दूर रहे ,
शान्ति सर्वत्र रहे , सुख का ही राज रहे।
बार बार प्रेरती, माँ तुम्हें पुकारती।।
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आओ तिलक भाल पर कर दूँ,
प्रहरी बन सीमा पर जाओ।
शत्रु पराजित करो और तुम
विजयी होकर वापस आओ।
तुमको असीसती, माँ तुम्हें पुकारती।।
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चिरजीवी तुम रहो सदा ही,
सफल रहो तुम वर्चस्वी ।
अभिनन्दन हम करें तुम्हारा,
गौरवान्वित तुम रहो यशस्वी।
यही स्वप्न देखती, माँ तुम्हें पुकारती।।
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प्राण निछावर किये देशहित,
वे बलिदानी अमर हो गए।
जीवन उनका सफल हो गया,
भारतवासी कृतज्ञ हो गए।
गर्वित सी देखती,माँ तुम्हें पुकारती।।
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— शकुन्तला बहादुर