जिंदगी का सच

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हम सबने मानव जीवन पाया
कुछ अच्छा कर दिखलाने को
सब धर्म एक है ,एक ही शिक्षा
फिर हम सब हैं इतने बेगाने क्यों
जो दूसरों का है दुःख समझते
दुःख रहता उनके पास नहीं
औरों को हंसाने वाले
रहते कभी उदास नहीं
आचरण हमारा ही हम सबको
हर ऊँचाई तक पहुंचाता है
अगर यह दुराचरण बन जाये
तो गर्त तक ले जाता है
कष्ट उठाने से ही मानव
जीवन का अनुभव पाता है
गहरे जल जो पैठ के खोजे
मोती उसको मिल जाता है
वो जीवन ही जीवन है
जो औरों के जीवन में खुशियाँ लाता है
वो जीवन भी क्या जीवन है
जो दूसरों को सताता है
है मदारी ऊपर बैठा
हम सबको खेल दिखाता है
हम सब उसके हाथों की कठपुतली
हम सबको ही वो नचाता है
सब कुछ उसका दिया हुआ है
फिर क्या अपना क्या पराया है
एक दिन आएगा बुलावा
और हम सबको जाना है
अतः जैसे कर्म करोगे जीवन में वैसा ही वापस पाओगे
पर उपकार को जीवन दोगे
तुम ईश्वर बन जाओगे
‘प्रभात ‘चलो इस जीवन में कर लो कुछ ऐसे काम
ताकि जाने के बाद भी
दुनिया में हो तेरा नाम

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