पग-पग पर पावन नवगंगा,
कण – कण देव समान है |
हरित हिमालय से संपूरित ,
उत्तराखण्ड महान है |
गौरवमय गिरिराज, गोमुखी-
गंगा का श्री-द्वार है |
शिवसमसुन्दर,श्रेष्टसुसज्जित,
कनखलमय , हरिद्वार है |
सांध्यआरती गंगा-तट की,
पुलकित, पुण्य प्रमाण है |
हरितहिमालय से संपूरित ,
उत्तराखण्ड महान है |
इन्द्र-लोक के देव सदा से,
लालायित हैं, रहें जहां |
ऋषि-केशों सी गंग-धार से,
परिपूरित ऋषिकेश यहाँ |
चार-धाम का, मूल यहीं से,
श्री – मय क्षेत्र सुजान है
हरितहिमालय से संपूरित,
उत्तराखण्ड महान है |
यमुनोत्री, गंगोत्री-गोमुख,
पावन जल, निष्काम हैं |
बद्री संग केदार पुण्यमय,
निश्चित चारों धाम हैं |
पापविनाशक,मुक्ति प्रदाता,
हर पत्थर भगवान है |
हरितहिमालय से संपूरित ,
उत्तराखण्ड महान है |
हर चोटी पर, हर मन्दिर में,
ईश्वर का आवास है |
भारत की इस,स्वर्णधरा में ,
गौरव, क्षणिक प्रवास है |
आख्यानों से भरा पड़ा है,
सदियों से श्रुतिवान है |
हरित हिमालय से संपूरित ,
उत्तराखण्ड महान है |
बहुत सुन्दर और भावप्रणव प्रस्तुति।