चॉकलेट यदि खाना हो तो ,
पैदल मेरे साथ चलो |
यदि खिलोने लाना हो तो ,
पैदल मेरे साथ चलो |
बाइक और स्क्रूटर पर तो,
जाते हैं झटपट वाले ,
अच्छा स्वास्थ्य बनाना हो तो,
पैदल मेरे साथ चलो |
मेंदे की चीजें तो अक्सर ,
होतीं हैं हानिकारक ,
गाजर हलुवा खाना हो तो,
पैदल मेरे साथ चलो |
कार में मम्मी पापा के संग ,
अगर मज़ा न आता हो,
कसकर दौड़ लगाना हो तो ,
पैदल मेरे साथ चलो |
घर में लिखते पढ़ते -पढ़ते ,
यूं भी जब तक जाते हो ,
सड़कों पर मस्ताना हो तो ,
पैदल मेरे साथ चलो |
रोज भराते पापा ईंधन ,
कई रुपयों का वाहन में,
ईंधन खर्च बचाना हो तो,
पैदल मेरे साथ चलो |
कितना धुंआ -धुंआ है मौसम,
हवा हुई जहरीली है,
शुद्ध ओषजन पाना हो तो ,
पैदल मेरे साथ चलो |
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन
प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|