उन्नाव पीड़िता के इस हालत के दोषी कौन !

अर्चना त्रिपाठी

उन्नाव पीड़िता के इस हालत के दोषी कौन ! अर्चना त्रिपाठी (पत्रकार, लेखिका) उन्नाव पीड़िता के साथ क्या वाकई हुआ है न्याय, या हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जब पीड़िता रोती रही, चिल्लाती रही, अपने और अपने परिवार के ऊपर धमकियों की कहानी बयान करने लगी। न्याय के लिए मुख्यमंत्री के आवास के बहार आत्महत्या की कोशिश करती रही। तो भी किसी ने कोई सुध नहीं ली, क्यों ? बल्कि एक एक कर उसी रेप पीड़िता के सामने उसके परिवार के सदस्य तड़प तड़प के दम तोड़ने लगे। वह खुद और उसका वकील भी मौत के मुँह में झूल रहे है. लड़की को वेंटिलेटर में रखा गया है। हैरत की बात है कि हमारे समाज में रेप पीड़िता के ऊपर हुए इतने जुल्मो के बाद अब जाकर गुनाहगारो के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया। यह विडम्बना नहीं तो क्या है ? कि जहां तीन तलाक और बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ के लिए नेता सड़क से संसद तक आवाज बुलंद करते हुए नहीं थकते। मगर जब बारी उन्नाव की उस बेटी की आती है जो सीधे तौर पर विधायक पर इल्जाम लगा रही है. और कोई उसकी आवाज को तब तक सदन में बुलंद नहीं करता जब तक वह पीड़िता खुद ही मौत के साये में न चली जाए। यह वही नेता है जो तीन तलाक पर गुलाम नबी आज़ाद के भाषण और अज़ाम खान के बयान पर इस्तीफे की मांग करते है मगर यही नेता अपने उस विधायक के इस्तीफे की मांग नहीं करते जिस पर एक बेटी रेप के आरोप लगा रही हो। उसी रुआंसी सी आंखे, उसकी आत्मा के अंदर की वेदना का सच कौन जान पायेगा? क्या यह वेदना वह तथाकथित महिला नेता समझ पाएंगे जो हमेशा सदन में गर्जना कर सदन को सर पर उठा लेती है ? आज सदन में हंगामा होना, इस मुद्दे को उठाने का क्या औचित्य ? जब वह बेटी पहली चीख -पुकार रही थी तब कोई भी महिला नेता मदद के लिए उनके सामने क्यों नहीं आई। अचरज होता है कि उन्नाव पीड़िता के लिए आज बहस टीवी डिबेट में हो रही है, अब तक उन टीवी डिबेट में इससे पहले ट्रिपल तलाक के अलावा कोई मुद्दा नहीं उठा। रविवार का दिन शायद ही कोई भूल पाए जब उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक ‘हादसे’ में उन्नाव रेप मामले की पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई है। इसमें उनकी रिश्तेदार समेत दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि बलात्कार पीड़िता और उसका वकील मौत के साये में है. जब यह मामला गंभीर हुआ तब जाकर दुष्कर्म कांड की पीड़िता की दुर्घटना मामले में भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर लिया। सीबीआइ द्वारा बुधवार को लखनऊ में दर्ज किये मुकदमे में पुलिस द्वारा रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में दर्ज हत्या का मुकदमे को आधार बनाया है। रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद और 15-20 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। यह एफआइआर सोमवार को रायबरेली जेल में बंद पीड़ित किशोरी के चाचा की तहरीर पर दर्ज की गई थी। पुलिस ने 302 (हत्या), 307 (जानलेवा हमला), 506 (जान से मारने की धमकी) व 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। वैसे गौर करने वाली बात यह है कि सीबीआइ दुष्कर्म कांड में अब तक पांच केस दर्ज कर चुकी है। इनमें पीड़ित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट तथा पीड़िता के पिता को पीटने व झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने के मामले भी शामिल हैं। सीबीआइ इनमें तीन केस में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। सामूहिक दुष्कर्म के केस में आरोपपत्र अभी दाखिल नहीं किया गया है। अब बुधवार को सीबीआइ ने पीड़िता के साथ रायबरेली में हुई दुर्घटना मामले में भी केस दर्ज किया है। सीबीआइ ने आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 13 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह जेल में है। बता दे कि जब कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को घेरा तो जाकर बुधवार को पार्टी ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से पहले से ही निलंबित कर दिया गया है। बता दे कि पीड़िता की चहेरी बहन ने एक साक्षात्कार में कहा कि जब पीड़िता बयान देने उन्नाव आई तो कुलदीप सेंगर के लोग बोले कि अभी तो इनको (चाचा को) अंदर कराया है, उन्हें लटकाना बाक़ी है और तुमको मारना बाक़ी है। केस तो वापस लोगी नहीं तुम। बड़ी निडर हो। तुमको मार देंगे तभी फुर्सत मिलेगी। ये सारी बातें उसने चाची को बतायी थी।मगर चाची ने कहा कि तुम बयान दो और घर आ जाओ वहां रहना सुरक्षित नहीं हो। मेरी बहन ने कहा कि वो रविवार को चाचा से मिलकर तब आ जाएगी। रविवार को तो उसके लिए मौत खड़ी थी। उसको मार दिया। हमारी मां भी मर गईं और मौसी भी मर गईं, वो पैरवी करती थीं। चचेरी बहन ने यह भी कहा कि कोर्ट में न्याय नहीं होता। यहां खड़े-खड़े अन्याय होता है। हर बार तारीख़ मिलती थी। क्योंकि उसके (पीड़िता के) मौत की योजना बनाई जा रही थी। अब तो मैं उन्नाव से नफ़रत करती हूं, न पीड़िता को न्याय मिलेगा, न चाचा को मिलेगा। यहां कुलदीप के लोग ठहाका मार कर हँसते थे। कहते थे कि उनको उड़ाओ, काम ख़त्म करें। हम तीन महिलाएं थीं जबकि उनकी तरफ पूरा गैंग। पिछले नौ महीने के दौरान, जब से पीड़िता के चाचा महेश सिंह को जेल भेजा गया है, वो लोग धमकी देते रहे हैं। चाची को रास्ते में घेर लिया जाता है। उनको कहा जाता है कि चलो तुमको बुला रहे हैं। चाची कुछ लोगों को पहचानती थीं तो उनके नाम एफ़आईआर, थाने, एसपी, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह बात सुनकर किसका कलेजा न काँप जाए ? कौन लड़की इतनी साहसी होगी जो इतने बड़े लोगो से निपटे , वो भी तब जब घर में कोई आदमी न बचा हो। हैरत तो तब होती है जब हिन्दू धर्म की दुहाई देने वाले भाजपा सांसद पीड़िता के तरफ अपना धर्म न निभाने की जगह उनके कथित मुजरिम से मिलने जाए. मैं बात कर रही हु साक्षी महाराज की। उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बुधवार को सीतापुर के ज़िला कारागार पहुंचे जहां उन्होंने जेल में बंद बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर से मुलाक़ात की। कुलदीप सेंगर उन्नाव ज़िले की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के विधायक हैं। मुलाक़ात के बाद मीडिया से मुख़ातिब साक्षी महराज ने कहा, “हमारे यहां के बहुत ही यशस्वी और लोकप्रिय विधायक कुलदीप सेंगर जी काफ़ी दिन से यहां हैं। चुनाव के बाद उन्हें धन्यवाद देना उचित समझा तो मिलने आ गया।” अब बताइये सांसद धन्यवाद देने जेल जायेगा ? क्या उस विधायक को धन्यवाद देना जरुरी है जो पहले से ही बलात्कार के कथित आरोप में जेल में बंद है. जिस पर पीड़िता के परिवार पर इरादतन हत्या करने का आरोप दर्ज है? वाह रे ऐसे सांसद और इन सांसदों की ऐसी सोच? यह किसी महिला के लिए सोच कर भी घृणा से कम नहीं है। एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पीड़िता के चाचा की ओर से लगाए आरोप में कहा है कि जेल के अंदर से कुलदीप सेंगर धमकी भरे फोन कर कहते थे कि अगर जिंदा रहना चाहते हो तो अदालत में बयान बदल दो। पीड़िता और उसकी मौसी और रिश्तेदार उन्हीं से मिलकर रायबरेली से उन्नाव वापस जा रहे थे। रास्ते में गुरुबख्श सिंह नाम की जगह के पास ट्रक ने इनकी कार को टक्कर मारी थी। शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि कुलदीप सिंह सेंगर के लोगों ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने केस में समझौता नहीं किया तो सभी की हत्या कर दी जाएगी। इस बात को लेकर जब पुलिस से शिकायत की गई तो उसका कहना था कि कुलदीप सिंह सेंगर एक विधायक हैं और बीजेपी के साथ हैं। पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी नौकरी के डर से उन्हें समझौता करने के लिए कहा। चाचा ने कहा कि विधायक के लोग कहते हैं कि पूरी सरकार उनके साथ हैं। आरोप में यह भी कहा गया यह धमकियां इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से रेप के मामले में एक सह अभियुक्त की जमानत खारिज होने के बाद से बढ़ गई। मुलाकात के दौरान चाचा ने परिवार को दिल्ली चले जाने को कहा था ताकि वहां सुरक्षित रह सकें।

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