देश में रोजगार की समस्या क्यों ?

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गाँव खाली हो रहे,सब शहरों की तरफ ही भाग रहे |
खेती-बाड़ी छोड़ कर,कारखानों की तरफ भाग रहे ||

हलधर हल नहीं चला रहे,ट्रेक्टर वे सब चला रहे |
बुआई से कटाई तक,सब मशीनों से काम हो रहे ||

आबादी बढती जा रही,इस पर नियन्त्रण न हो रहे |
कब तक भार भू सहेगी,ये प्रश्न उभर कर आ रहे || 

मशीनीकृत सब चीजे हो गयी,लोग खाली घूम रहे |
हजारो व्यक्तियों का काम,कुछ व्यक्ति ही कर रहे ||

जरूरते सब की बढ़ गयी,सब के खर्चे ज्यादा हो रहे |
सयुक्त परिवार की जगह,एकल परिवार अब हो रहे ||

फिर पूछते हो तुम,रोजगार के अवसर क्यों कम हो रहे ? 
पुरानी परम्पराओ को छोड़ कर,अब सब नई अपना रहे ||

आर के रस्तोगी
मो 9971006425  

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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