ये चाक जिगर के सीना भी जरूरी है

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ये चाक  जिगर के सीना  भी जरूरी है
कुछ रोज़ खुद को जीना  भी जरूरी है

ज़िंदगी रोज़ ही नए कायदे सिखाती  है
बेकायदे होके कभी पीना भी जरूरी है

सब यूँ ही दरिया पार   कर जाएँगे क्या
सबक को डूबता सफीना भी जरूरी है  

जिस्म सिमट के पूरा ठंडा न पड़  जाए  
साल में  जून का  महीना भी जरूरी है

सिर्फ जान पहचान ही काफी नहीं होती
नाम कमाना है, तो पसीना भी जरूरी है

सलिल सरोज 

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सलिल सरोज
कार्यकारी अधिकारी लोक सभा सचिवालय संसद भवन शिक्षा: सैनिक स्कूल तिलैया,कोडरमा,झारखण्ड से 10वी और 12वी उतीर्ण। जी डी कॉलेज,बेगूसराय,बिहार से इग्नू से अंग्रेजी में स्नातक एवं केंद्र टॉपर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ,नई दिल्ली से रूसी भाषा में स्नातक और तुर्की भाषा में एक साल का कोर्स और तुर्की जाने का छात्रवृति अर्जित। जीजस एन्ड मेरी कॉलेज,चाणक्यपुरी,नई दिल्ली इग्नोउ से समाजशास्त्र में परास्नातक एवं नेट की परीक्षा पास। व्यवसाय:कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा,वैज्ञानिक विभाग,नई दिल्ली में सीनियर ऑडिटर के पद पर 2014 से कार्यरत।

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