सन 2011 का “रामनाथ गोईन्का पत्रकार शिरोमणी पुरस्कार “डॉ राधेश्याम शुक्ल को

हैदराबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक श्रंखला ” स्वतंत्र वार्ता ” के समूह संपादक डॉ राधेश्याम शुक्ल को सन 2011 का “रामनाथ गोईन्का पत्रकार शिरोमणी पुरस्कार ” से नवाजा जाएगा | पुरस्कार के रूप में डॉ शुक्ल को 51 हजार रुपये नकद के साथ साथ शाल,श्रीफल एवम प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाएगा.यह जानकारी कमला गोइन्का फाउन्डेशन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञाप्ति श्याम सुन्दर गोइन्का ने दी है. इससे पूर्व सन 2009 मे श्रीकांत पराशर एवम 2010 में नवभारत टाईम्स के पूर्व संपादक विश्च्नाथ सचदेव जी को दिया गया है.उन्हों ने बताया है कि यह पुरस्कार ईलेक्ट्रोनिक्स एवम प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को दिया जाता है.पता हो कि एक वर्ष ईलेक्ट्रोनिक्स एवम दूसरे वर्ष प्रिंट मीडिया के लोगों को दिया जा रहा है.विज्ञप्ति के मुताबिक हिंदीतर भाषी क्षेत्रों के हिंदी पत्रकारों एवम दूसरे वर्ष हिंदी भाषी क्षेत्रों के हिंदी पत्रकारों को जाता है.जिसके तहत डॉ राधेश्याम शुक्ल को सन 2011 का यह पुरस्कार दिया जा रहा है| मूलतः अयोध्या के रहने वाले डॉ शुक्ल पिछले 41 वर्षों से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हैं| जिन्होंने फैजाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक “जनमोर्चा “से पत्रकारिता की शुरुवात की .बाद में डॉ शुक्ल ने वहीँ से प्रकाशित हिंदी दैनिक “हमलोग” में संपादक बने.उसके बाद मेरठ से प्रकाशित “अमरउजाला ” एवम दैनिक जागरण को अपनी महत्त्वपूर्ण दीं | जनवरी 1998 से हैदराबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक “स्वतंत्र वार्ता “में समूह संपादक बने.विदित हो कि “स्वतंत्र वार्ता” का प्रकाशन हैदराबाद के आलावा निज़ामाबाद एवम विशखापतानम से भी होता है.डॉ शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक “रामजन्म भूमि का प्रमाणिक इतिहास ” काफी लोकप्रिय रही है|श्री गोइन्का के मुताबिक केरल के वरिस्थ साहित्यकार डॉ एन .ई .विश्वनाथ अय्यर को “गोइन्का हिंदी साहित्य सारस्वत ” सम्मान तथा इसी तरह “बाबूलाल गोइन्का हिंदी साहित्य पुरस्कार “चेन्नई के डॉ. एम्.शेषन को उनकी लोकप्रिय कृति “तमिल संगम “के लिए दिया गायेगा| जिन्हें पुरस्कार के रूप में 21000 रुपये नकद के साथ -साथ शाल,श्रीफल एवम प्रशस्ति पात्र प्रदान किया जाएगा |

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