नई दिल्ली मार्च 10, २०११, लीबिया में फ़ंसे भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित कराने तथा वहां रह रहे शेष भारतीयों को पूरी सुरक्षा प्रदान कराने के संदर्भ में आज विश्व हिंदू परिषद ने लीवियाई दूतावास को एक पत्र भेजा है। पत्र में विहिप दिल्ली के महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने मांग की है कि जब तक एक भी भारतीय लीविया में है उनकी सुरक्षा में कोई कोर-कसर नहीं होनी चाहिए।
पत्र की कापी मीडिया को जारी करते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि गत कुछ दिनों से लीविया की हालात का अध्ययन करने के बाद हमें लगा कि हमारे देशवासियों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया जाना आवश्यक है। आज फ़ैक्स द्वारा पत्र भेजने के बाद हमने लीवियन उच्चायुक्त से फ़ोन पर बात कर वहां रह रहे भारतीयों के बारे में उनसे जानकारी भी ली तथा उच्चायुक्त से प्रत्येक भारतीय की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। श्री बंसल ने बताया कि लीवियन दूतावास ने हमें हमारे हर एक नागरिक की सुरक्षा का वचन दिया है। विहिप दिल्ली के महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने पत्र में वहां चल रहे राजनैतिक संकट में फ़ंसे भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा जो भारतीय स्वदेश लौटना चाहें, उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने की मांग की गई है। पत्र की प्रति केन्द्रीय ग्रह मंत्रालय को भी भेजी गई है।*
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कभी कभी मैं बड़ी मुश्किल में पड जाता हूँ और मुझे लगने लगता है कि इस मुश्किल का कारण या तो मेरा अल्प ज्ञान है या मेरा संकीर्ण सोच.अब देखिये न.विहिप ने इतना बड़ा काम किया कि आज जब यह समाचार आये दोदिन बीत गए कि अधिकतर भारतीयों को लीबिया से निकाला जा चुका है और बाकि बचे लोगों को भी जल्द ही निकाल लिया जाएगा.हो सकता है कि बाकी बचे लोग भी निकाल ही लिए गए हों. तो विहिप का पत्र गया कि लीबिया में फंसे भारतीयों को सुरक्षा प्रदान क़ी जाये.अरे भाई,मुझे तो लगता है कि सुरक्षा प्रदान करने क़ी याद ज़रा जल्दी आ गयी.कुछ दिन और ठहर जाते .फिर यह पत्र भेजते.ऐसी भी क्या जल्दी थी?.ऐसे भी विहिप के इतने देर से भेजे हुए पत्र का क्या असर होगा यह भी मेरे समझ से बाहर है. अब जब कि भारतीयों के लीबिया से निकालने के पूरी योजना पर अमल हो चुका है यह पत्र तो मुझे सात सवारों में अपना नाम लिखाने जैसा लगता है.