जरूर पढ़ें पेट में घुलता ज़हर June 14, 2015 | Leave a Comment -अनुराग सिंह शेखर- नेस्ले के अतिलोकप्रिय उत्पाद मैगी में जब लेड 2.5 पीपीएम (पार्टिकल पर मिलियन) से अधिक व सोडियम ग्लूटामेट भी निर्धारित मात्रा से अधिक पाया गया तो लोगों को एहसास हुआ कि जिस मैगी को दो मिनट में बनने वाले फास्टफूड के रूप में अपना रहे थे वह वास्तव में दीर्घकालिक ज़हर का कार्य कर रही थी […] Read more » Featured खान-पान जहर पेट में घुलता ज़हर मैगी
राजनीति खोती हुई नई राजनीतिक दिशायें April 2, 2015 / April 4, 2015 | 1 Comment on खोती हुई नई राजनीतिक दिशायें भारत में जब प्रतिदिन नये नये घोटालों और भ्रष्टाचार का पर्दफाश हो रहा था तब अन्ना आंदोलन के रूप में लोगों का गुस्सा फूटा|इसी आंदोलन आंदोलन से एक नयी राजनीतिक पार्टी का जन्म हुआ-आम आदमी पार्टी|पार्टी गठन के तुरंत बाद संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित जीत हासिल हुई|त्रिशंकु विधानसभा के बाद […] Read more » 'ईमानदार पार्टी को वोट दें aam aadami party infight dispute in aam aadami party Featured अन्ना आंदोलन पार्टी मतभेद मुझे चाहिये पूर्ण स्वराज'
राजनीति जन आकांक्षाओं पर कुठाराघात March 23, 2015 | Leave a Comment भारत में जब प्रतिदिन नये नये घोटालों और भ्रष्टाचार का पर्दफाश हो रहाथा तब अन्ना आंदोलन के रूप में लोगों का गुस्सा फूटा| इसी आंदोलन आंदोलन सेएक नयी राजनीतिक पार्टी का जन्म हुआ-आम आदमी पार्टी| पार्टी गठन के तुरंतबाद संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित जीत हासिलहुई| त्रिशंकु विधानसभा के […] Read more » अनुराग सिंह शेखर जन आकांक्षाओं पर कुठाराघात पार्टी काअन्दरूनी लोकतंत्र योगेन्द्र यादव
टॉप स्टोरी इस्लामिक रूढिवादिता का दंश January 27, 2015 / January 28, 2015 | Leave a Comment एक बार फिर समूची दुनिया आतंकवाद के कायराने कुकृत्य का गवाह बनी। धार्मिक उन्माद के खिलाफ बेबाकी से लिखने वाली पत्रिका शार्ली अब्दो के दफ्तर पर हमला कर 12 लोगों की हत्या सामान्य हत्या नहीं अपितु अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या थी।ऐसा पहली बार नहीं हुआ था-इससे महज एक दशक पहले नीदरलैंड के फिल्म निर्माता […] Read more » इस्लामिक रूढिवादिता
कविता आओ मिलकर इसे बनाएं एक अलग नववर्ष …… January 6, 2015 / January 6, 2015 | Leave a Comment राजनीति की उठापटक में कट्टरता का द्वंद्व लोकतंत्र की गति हो रही धीरे- धीरे मंद राज फिरंगी आया फिर से बांटो और राज करो सत्ता पाकर शासन को फिर से जंगलराज करो नकारात्मक तत्वों ने पाया एक नया उत्कर्ष …….. कलम किए सिर लहराते,हाथों में लेकर खंजर दिल दहला देने वाले हैं खौफनाक वे मंजर […] Read more » नववर्ष