निर्मल बाबा हो या आसाराम,
या कोई भी और संत महान,
धन और सत्ता के मतवाले,
शिष्यों को भरमाने वाले,
उनका लाभ उठाने वाले,
तिज़ोरी अपनी भरने वाले,
धर्म के नाम पर ठगने वाले।
धिक्कार…धिक्कार…धिक्कार।
सबसे अधिक दुष्ट वो बाबा,
नारी के पीछे जो भागा,
कलुषित मानसिकता वाला,
बड़ा गुनाह वो करने वाला,
दूर रहो इन दुष्टो से सब,
सबक सिखादो इनको इक अब,
ख़ुद पर यक़ीन करना सीखो,
आग लगा दो इनके धंधे को
कोई नहीं है महान आत्मा,
करना होगा इनका ख़ात्मा।
बहिष्कार..बहिष्कार..बहिष्कार..