निर्णय जो भी कोर्ट का मिल सब करें प्रणाम।
खुदा तभी मिल पायेंगे और मिलेंगे राम।।
मंदिर-मस्जिद नाम पर कितने हुए अधर्म।
लोग समझ क्यों न सके असल धर्म का मर्म।।
हुआ अयोध्या नाम पर धन-जन का नुकसान।
रोटी पहले या खुदा सोचें बन इन्सान।।
कम लोगों को राज है अधिक यहाँ पर रंक।
यही व्यवस्था चल रही फैल रहा आतंक।।
रंग सियासी यूँ चढ़ा डोल रही सरकार।।
लग जाते उद्योग तो मिलते कुछ रोजगार।।
असली मुद्दा खो गया बुरा देश का हाल।
आज मीडिया सनसनी बाँटे करे कमाल।।
मानवता ही धर्म है और धर्म है दूर।
भारत है हर सुमन का भाई सब मंजूर।।