चिंतन धर्म-अध्यात्म राम जन्म के हेतु अनेका June 24, 2025 / June 24, 2025 by डॉ. नीरज भारद्वाज | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज राम शब्द सुनते ही मन मस्तिष्क में रामचरितमानस का जाप शुरू हो जाता है। राम नाम एक मंत्र है, जिसने भी इसे जपा, भजा और गाया वह इस आवागमन के चक्कर से मुक्त हो गया। इस चराचर जगत में श्रीराम की ही महिमा है। भगवान श्रीराम के प्रकट होने से लेकर उनके […] Read more » राम जन्म भूमि
चिंतन धर्म-अध्यात्म सर्वत्र व्याप रहा है ऋषि का आलोक January 27, 2025 / January 27, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा स्थापित आर्य समाज जैसी पवित्र संस्था को स्थापित हुए अब 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस कालखंड में हमारे देश के राष्ट्रीय इतिहास में अनेक घटनाएं घटित हुई हैं। यदि सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो आर्य समाज ने भारत के राष्ट्रीय इतिहास को इस कालखंड में बड़ी गहराई […] Read more » स्वामी दयानंद जी महाराज
चिंतन धर्म-अध्यात्म अब संभव नहीं खिलाफत, इस्लाम की छवि को नष्ट कर रही है पवित्र ग्रंथों की गलत व्याख्या January 21, 2025 / January 21, 2025 by गौतम चौधरी | Leave a Comment गौतम चौधरी यह घटना इसी साल की है। नए साल के अवसर पर कुछ लोग जश्न मना रहे थे कि अचानक एक ट्रक ने उस जश्न के माहौल को मातम में बदल दिया। ट्रक उस समय तक जश्न मना रहे लोगों को रौंदता रहा जब तक पुलिस ने ट्रक चालक की हत्या नहीं कर दी। […] Read more » Caliphate is no longer possible misinterpretation of holy scriptures is destroying the image of Islam
खान-पान चिंतन लेख एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा October 7, 2024 / October 7, 2024 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय हमेशा […] Read more » Antibiotic resistance Antibiotic resistance a new pandemic threat एंटीबायोटिक
चिंतन धर्म-अध्यात्म लेख जो मनुष्य नम्रतापूर्वक वैदिक विधि से ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना करता है वह सर्वदा आनन्द में रहता है : स्वामीयज्ञमुनि May 17, 2024 / May 17, 2024 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य स्वामी यज्ञमुनि जी ने श्रोताओं को स्मरण कराते हुए कहा कि ऋषि दयानन्द ने कहा है कि हम सर्वदा आनन्द में रहें। उन्होंने पूछा कि कौन सर्वदा आनन्द में रहता है? इसका उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि जो मनुष्य नम्रतापूर्वक वैदिक विधि से ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना करता […] Read more » prays and worships God in the Vedic manner always remains happy: Swamiyagyamuni The person who humbly praises
चिंतन धर्म-अध्यात्म लेख विश्व में वेदों के प्रचार का श्रेय ऋषिदयानन्द और आर्यसमाज को है January 3, 2024 / January 3, 2024 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के सत्य अर्थों के विलुप्त होने के कारण ही संसार में मिथ्या अन्धविश्वास तथा पक्षपात व दोषपूर्ण सामाजिक व्यवस्थायें फैली हैं। इससे विद्या व ज्ञान में न्यूनता तथा अविद्या व अज्ञानयुक्त मान्यताओं में […] Read more » वेदों के प्रचार का श्रेय ऋषिदयानन्द
चिंतन धर्म-अध्यात्म ब्रह्मचर्यादि चार आश्रमों में गृहस्थ आश्रम ही ज्येष्ठ है July 4, 2023 / July 4, 2023 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म वह धर्म है जिसका आविर्भाव ईश्वर प्रदत्त ज्ञान ‘वेद’ के पालन व आचरण से हुआ है। वैदिक धर्म के अनुसार मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त शिक्षाओं को ही मानना व आचरण करना होता है। ऐसे ग्रन्थ वेद हैं जिसमें परमात्मा के सृष्टि की आदि में दिए गये सभी वचन व […] Read more »
चिंतन धर्म-अध्यात्म दीपक की तरह ऋषि दयानन्द ने वेदज्ञान का प्रकाश विश्व में फैलायाः स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती July 3, 2023 / July 3, 2023 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज, धामावाला-देहरादून के साप्ताहिक सत्संग में आज दिनांक 2-7-2023 को प्रातः 8.00 बजे से समाज के पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री के पौरोहित्य में यज्ञशाला में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद शास्त्री जी ने एक भजन प्रस्तुत किया जिसके बोल थे ‘विषयों में फंस कर बन्दे हुआ तू बेखबर है, मानव का चोला पाया न […] Read more » Rishi Dayanand spread the light of knowledge of Vedas in the world: Swami Yogeshwaranand Saraswati
चिंतन धर्म-अध्यात्म समाज ब्रह्माण्ड के अगणित सौरमण्डलों में असंख्य पृथिव्यां हैं जहां हमारे समान मनुष्यादि प्राणि होना सम्भव है August 10, 2022 / August 10, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारी पृथिवी हमारे सूर्य का एक ग्रह है। इस पृथिवी ग्रह पर मनुष्यादि अनेक प्राणी विद्यमान है। हमारी यह पृथिवी व समस्त ब्रह्माण्ड वैदिक काल गणना के अनुसार 1.96 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया है। पृथिवी पर मानव सृष्टि की उत्पत्ति से लगभग 2.6 करोड़ वर्ष पूर्व का काल सृष्टि […] Read more » There are innumerable earths in the countless solar systems of the universe where it is possible to have human beings like us. अगणित सौरमण्डलों में असंख्य पृथिव्यां
चिंतन लेख हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय किये जाने की आवश्यकता March 25, 2022 / March 25, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्व भरा शब्द है। हलाल का आश्य यह बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैद्य है वह हलाल है और जो वैध नहीं है वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारम्भ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं, विशेष रूप […] Read more » The procedure for issuing halal certification certificates needs to be fixed हलाल प्रमाणन प्रमाण
चिंतन धर्म-अध्यात्म अमर शहीद हेमू कालाणी में राष्ट्रवाद की भावना का संचार बचपन में ही हो गया था March 22, 2022 / March 22, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment इतिहास गवाह है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में वीर सेनानियों ने, मां भारती को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से, देश के कोने कोने से भाग लिया था। इन वीर सेनानियों में से भारत के कई वीर सपूतों ने तो मां भारती के श्री चरणों में अपने प्राण भी न्योशावर कर […] Read more » The spirit of nationalism in the immortal martyr Hemu Kalani The spirit of nationalism in the immortal martyr Hemu Kalani was infused in childhood itself. अमर शहीद हेमू कालाणी
चिंतन धर्म-अध्यात्म देश एवं मानव निर्माण में गोरक्षा एवं गोसंवर्धन का महत्वपूर्ण स्थान September 7, 2020 / September 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य एवं इतर आत्माओं के लिये इस सृष्टि को उत्पन्न कर धारण किया है। परमात्मा में ही यह सारा ब्रह्माण्ड विद्यमान है। आश्चर्य होता है कि असंख्य व अनन्त लोक–लोकान्तर परमात्मा के निमयों का पालन करते हुए सृष्टि उत्पत्ति काल 1.96 अरब वर्षों से अपने अपने पथ पर चल […] Read more » Important place of cow protection Important place of cow protection and cow culture Important place of cow protection and cow culture in country and man-making गोरक्षा एवं गोसंवर्धन