रिटायरमेंट का ‘मास्टर’ प्लान

Sachin-Tendulkarसमय हमेशा गतिशील रहता है…. वक्त का पहिया बड़ी से बड़ी हस्ती को ऐसे मोड़ पर ला देता है…जहां उसे एक बड़ा फैसला लेना होता है… पिछले 24 साल से क्रिकेट की किवदंती बन चुके मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी एक न एक दिन अपने प्रिय खेल टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना है… जिस देश में क्रिकेट को धर्म की तरह मना जाता है…उस देश में इस धर्म के एक ही भगवान हैं…सचिन तेंदुलकर…. 24 साल के करियर में ऐसा कोई मुकाम नहीं जिसे सचिन ने पाया नहीं…एक के बाद एक रिकॉर्डों के शिखर पर खड़े सचिन ने न सिर्फ अपने खेल से खुद को साबित किया… बल्कि वे मैदान पर अपने शालीन व्यवहार के कारण भी हमेशा विवादों से दूर रहे….लेकिन वक्त की नजाकत देखिए… जिस सचिन के बिना कभी भारतीय टीम की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी…उसी सचिन को विदाई देने के लिए बीसीसीआई ने प्लान तैयार कर लिया है

कोलकाता में हुई बीसीसीआई की बैठक हुई तो अधिकारी आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के विवाद पर चर्चा करने की बजाए एक नया शिगूफा छेड़ बैठे… अचानक से सचिन का रिटायरमेंट प्लान तैयार कर दिया गया…  इस साल के आखिर में साउथ अफ्रीका दौरे से पहले अचानक से वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों और 5 वनडे मैचों की सीरीज का प्रस्ताव रखा गया… ये दो टेस्ट मैच भी कोलकाता और मुंबई में कराने की योजना है… वनडे और और टी-20 को पहले ही अलविदा कह चुके सचिन अब तक 198 टेस्ट मैच खेल चुके हैं…और पूरी दुनिया को उनके 200वें टेस्ट का इंतजार है… सचिन भी आगामी साउथ अफ्रीका दौरे पर इस मुकाम को छूने के लिए तैयार थे… लेकिन बोर्ड ने आनन फानन में विंडीज के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज रखकर सचिन को ये संकेत दे दिए कि वे अपना 200वां टेस्ट संभवत: अपने घरेलू मैदान यानि वानखेड़े स्टेडियम मे ही खेलें और उसके बाद क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह दें…जब से बीसीसीआई ने यह फैसला लिया उनके संन्यास की अटकलें भी तेज हो गई हैं…

इस सीरीज के पीछे बोर्ड की मंशा ये है कि सचिन को अपने घरेलू दर्शको के सामने 200 टेस्ट खेलने और मैदान से गौरवशाली ढंग से अलविदा कहने का ऐतिहासिक मौका मिल जाए…लेकिन सचिन के फैंस के लिए ये खबर अच्छी होकर भी निराश कर देने वाली है… वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन जरूर खेलें…लेकिन प्रस्तावित साउथ अफ्रीकी दौरे पर टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है…तेज और बाउंसी विकेट पर सचिन का अनुभव ही टीम की नैया पार लगा सकता है…ऐसे में सचिन अगर साउथ अफ्रीकी जमीन पर एक बार फिर अपना जौहर दिखाकर रिटायरमेंट लेते तो इसकी यादें भारतीयों ही नहीं दुनियाभर के क्रिकेट फैंस के लिए खास होती… लेकिन बोर्ड की जल्दबाजी से लगता है कि साउथ अफ्रीका दौरा खटाई में ही पड़ जाए… इसलिए सचिन के लिए एक और रास्ता निकाला गया…

इसी साल फरवरी में वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सचिन की इस फॉर्मेट से विदाई निराशाजनक रही… फरवरी 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए सचिन तैयारी कर रहे थे…लेकिन चयनकर्ताओं की तरफ से ये संकेत आने लगे कि खराब फॉर्म से जूझ रहे सचिन को शायद ही टीम में मौका मिले…इससे पहले कि सचिन ये अपमान बर्दाश्त कर पाते…उन्होंने अचानक से वनडे से संन्यास की घोषणा कर दी….भारतीय क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ी का वनडे क्रिकेट से इस तरह संन्यास लेना कई सवाल खड़े कर गया… इसलिए अब खेल प्रेमी नहीं चाहते कि सचिन पर किसी तरह का दबाव बनाया जाए…लिहाजा घरेलू मैदान पर ही उनकी सम्मानजनक विदाई का खाका खींचा जा रहा है

15 नवंबर 1989 को इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सचिन ने 463 वनडे मैचों में 41 बार नाबाद रहते हुए 45 की औसत से 18426 रन बनाए हैं… जिसमें 49 शतक शामिल हैं… टेस्ट क्रिकेट में सचिन 198 मैच खेल चुके हैं जिसमें उनके नाम 51 शतकों के साथ 15837 रन दर्ज हैं… इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक जड़ने, वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ने, क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के अनोखे रिकॉर्ड केवल और केवल सचिन के नाम दर्ज हैं… और अब वे एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की दहलीज पर खड़े हैं… 200 टेस्ट खेलने वाले सचिन दुनिया के इकलौते खिलाड़ी बन जाएंगे…इतने मैच खेलने के मामले में उनके आसपास भी कोई नहीं है… सचिन के बाद स्टीव वॉ के नाम 168, रिकी पोंटिंग के नाम भी 168, राहुल द्रविड़ के नाम 164 टेस्ट जबकि जैक्स कैलिस के नाम 162 मैच दर्ज हैं… ऐसे में भारतीय क्रिकेट को हर खुशी दे चुके सचिन का इतना हक तो बनता ही है कि उन्हें अपने रिटायरमेंट का वेन्यू और टाइम खुद डिसाइड करने दें..

 

—- पंकज कुमार नैथानी

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