कार्य सिकंदर का अधूरा किया मौर्योतर काल में पूरा
वैकि्ट्रयाई-ग्रीक डिमेट्रियस; दमित्री
और मिनान्डर; मिलिंद ने मिलकर
एक ने पंजाब के साकल में सत्ता जमाकर,
दूसरे ने भी साकल या स्यालकोट में राजधानी बसाकर!
बैकिट्रया; हिन्दूकुश,आक्सस के मध्य भू भाग में,
अपनी मौत के पश्चात सिकंदर ने छोड़ा था
यूनान में एक विस्तृत साम्राज्य-
मैसीडोनिया, सीरिया, बैकिट्रया, पार्थिया, अफगानिस्तान
और उत्तर-पश्चिम में विस्तृत भारतीय भू भाग पर
उतराधिकार और तलवार की जोर आजमा कर बना
सेनापति सेल्यूकस सिकंदर के महाप्रान्त का राजा!
जो ईसा पूर्व तीन सौ पांच में युद्ध नाच दिखाने
पुनः सिकंदर सा आया,किन्तु जर,जमीन, जोरु की लाड़ली
उलटे सेल्यूकस ने गंवाया! फिर भी उसने बहुत अधिक पाया
आर्य देश सा समधी,आर्यपुत्र चन्द्रगुप्त मौर्य सा जमाता पाना
क्या हो सकता कभी विजय का मुंहताज!
एरिया,अराकोशिया,जेड्रोसिया,पेरिपेमिसदाई
अथार्त काबुल, कान्धार,मकराने और हेरात प्रदेश के साथ
पुत्री एलीना को गंवाकर भी वह बना रहा महाराज का महाराज!
एक चक्रवर्ती चन्द्रगुप्त मौर्य का धर्मपिता!
भारत वधू लक्ष्मी का बाप,उनके लिए हार वरदान बनी,
कौन कह सकता इसे अभिशाप,इतिहास में प्रथम बार
एक आक्रान्ता ने भारत को आदर दे तहेदिल से किया प्रणाम!
खड्गवद्ध होता कैसे? वह था स्नेहिल इंसान
हिन्दू कुश बना भारतीय सीमा और सेल्यूकस भारत प्रहरी बनकर
गया एन्टीगोनस से लड़ने यवन साम्राज्य को कुछ और विस्तृत करने!
सेल्यूकस के ही वंशज थे सिरिया के शासक-
एंटीओकस-2,सेल्यूकस-2,एंटीओकस-3,एंटीओकस-4;
एंटीओकस दूसरे, तीसरे, चौथे जब साम्राज्य था
विघटन के कगार पर ईसा पूर्व दो सौ पचास में!
वैकि्ट्रया के गवर्नर डियोडोटस,पार्थिया के गवर्नर औरेक्सस ने
स्वतंत्रता का बिगुल बजाया और ईसा पूर्व दो सौ तीस में
डियोडोटस द्वितीय ने वैकि्ट्रया को स्वतंत्र बनाया पर
उसकी हत्याकर यूथिडेमस ने सत्ता पाया
जो था डियोडोटस द्वितीय की सौतेली मां का सौतेला पति
(एंटीओकस द्वितीय की बेटी थी डियोडोटस द्वितीय की
विमाता और यूथिडेमस की पत्नी)
पुनः यूथिडेमस का बेटा डेमेट्रियस; दमित्री;एंटीओकस तृतीय का
जमाता बना बैकिट्रया का शासक और भारत का आक्रांता
जिसने जीतकर अधिकांश पंजाब साकल में स्थापित किया सत्ता!
साकल या यूथिडेमिया, आज कहलाता स्यालकोट पाकिस्तान का
इतने में वैकि्ट्रया में एंटीओकस चौथे के सेनापति यूक्रेटाइड्स ने
किया विद्रोह,विस्फोट और वार,डेमेट्रियस की हुई हार
और कट गया वहाँ से पत्ता,बच गया सिर्फ साकल की सत्ता,
तबसे वे और वंशज कहलाने लगे-इंडोग्रीक या हिन्द-वैकि्ट्रयाई
इसी वंश के अंगाथोक्लीन-पंटालियन-एंटीमेकस
और मिनान्डर या मिलिन्द बैठे साकल की गद्दीपर!
ईसा पूर्व एक सौ साठ से एक सौ बीस तक मिलिन्द था
साकलाधीष; एगाथोलि्कया का पति/डेमेट्रियस का
जमाता सह सेनापति/एक बौद्ध धर्मालम्बी
नागसेन का शिष्य ‘मिलिन्द पन्हो’ ग्रंथ का प्रश्नकर्त्ता,
जिनका पुत्र था स्टेटो,जिनके उत्तराधिकारियों को
शक/शिथियनों ने अपदस्थ किया!
ऐसे ही यूक्रेटाइड वंशियों को भी राज्य मिला
जिसकी राजधानी कहलाने लगी तक्षशिला।
यूक्रेटाइड्स शाखा का पहला शासक यूक्रेटाइड्स ने
डेमेट्रियस को पराजित कर बना बैक्ट्रिया का विजेता
यूक्रेटाइड्स के बाद हेलियाक्लिज ने मिलिंद पुत्र
स्ट्रेटो सोटर को अपदस्थ किया था
और एण्टियालकीड्स ने उसके विरुद्ध
मगध के शुंग राजवंश से संधि कर ली!
यूक्रेटाइड्स का अंतिम शासक हर्मियस था!
भारतीय यवन से भारत को कुछ नही उपलब्धि
भारतीय यवन भारतीय सा उपाधि धारण करके
हो गया बौद्ध जैन हिन्दू धर्मावलंबी!