येन केन प्रकारेण, नरेन्दर पराजितो भवेत॥

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डॉ. मधुसूदन 

(१)

सबेरे तनिक बाहर झाँक्यो, तो, क्या सुन रियो हूँ?
जंगल से एक ध्वनि आ रही थीं। समझ नहीं पायो, कि काहेकी ध्वनि है? कुतूहलवश समीप जाकर देख्यो, तो क्या देखता हूँ? एक तालाब के किनारे बहुत सारा मेंढक इकठ्ठा होकर, डराँओ डराँओ के बदले हराओ, “हराओ-हराओ-हराओ” का घोष कर रहे हैं?

(२)

एक बूढ़े मेंढक चाचा को पूछा, कि, आदरणीय चाचा जी, ये किसको हराने को नारो हैं?
बोले अबे मूरख इतनो भी नहीं जानतो?
ये सारे उस नरेंदरवा को हराओ-हराओ-हराओ कह रहे हैं।

(३)

सारा विरोधी पक्ष इकठ्ठा हुआ है;  ये बिलकुल पक्का ठग बन्धन है. 

जो एक दूजे पर भी बिस्वास नहीं करता. कभी हाँ कभी ना? 

बगल में  छुरी, मन में अविश्वास, पर  मुख पर हँसी,  सारा नौटंकी का खेल? 

(४)

और, देस में एक ही नारो  बुलन्द चल रियो है।
“वन पॉइन्ट एजेण्डा”।
नहीं, एजेण्डा पॉइन्टेड टोवार्ड्स ओन्ली वन मॅन।
एक अकेले को हराने के लिए, सारी उठापटक चली है। 

(५)

पर ये नरेंदरवा कहाँ है? तो बूढ़े मेंढक चाचा ने तर्जनी से दूर संकेत कर दिखाया एक पेड़ के नीचे नरेंदरवा खड़ा था।
दूर, नरेन्दरवा को पेड़ के नीचे खड़ो कियो है, सर पर सेब भी नहीं रख्यो और सारे तीसमारखाँ तीर मार रिया था।

एक को नाम दिग्विजय जो कुछ थको-सो दिखाइ देतो थो, आज कल चुप रहतो है। पहले  तोतो बहुत बोलतो थो. । एक दूसरो बुढ्ढो  रूइ जैसा बाल वालो, सिब्बल कहलातो है।

(६) 
एक है, स्वयं घोसित ब्यभिचारी मन्नु  आज कल  नौकरी से निकालो गयो है. महिला से  संभोग करतो पकडो गयो थो. बहुत नरेंदरवा के पीछे पड्यो थो। लगता है अब बेकार है? 
और भी कई सारा धनुर्धारी तीर मार रिया था, पर कोई भी तीर लक्ष्य पर लग नहीं रियो थो।

एक झाडुवालों, टोपी-मफलर लपेटकर, खाँसतो खाँसतो, बड़ी-बड़ी चुनौतियाँ बक रियो थो। नौटंकी को डायलॉग बोल रियो थो । चार-छै टोपीवाला सुण भि रिया है। सर डुला-डुलाकर तालियाँ भी बजा रिया है।

कश्मिर के सारे अब्दुल्ले, पण्डितों को हकाल कर  बडी बडी बाता चला रहे हैं।

(७) 

मैं ने बीच में ही बात काटकर, पूछा “चाचा ये अकेले नरेंदरवा के ही पीछे क्यों ?”

चाचा पण्डिताऊ मिली-जुली लॅग्वेज में बोले, बेटा इसका गुप्त कारण है।
उसका कारण, इनका डर है, कि, सघळा काळा काम जो इन लोगांने किया है, वो बंद हो रहा है। 

सभी कांग्रेसियों को कारावास भुगतनो पड़ सकतो है। बहुत बहुत रिश्वत को एक दूजे जानते हैं। 
सभी को   देस से बाहर भागनो पड़ सकतो है। पूरी तैय्यारी कर के आए हैं. सारा पनामा, वेनेझुएला इत्यादि में अकाउन्ट रखकर आए हैं.

स्विस बॅन्क आज कल नही  चलतो.

(८)

नरेंदरवा को अब की बार बहुमत नहीं मिलनो चइए। 

अब तक जिन लोगां को  नियुक्ति देकर कांग्रेस ने रिस्वत ली थी…वे  ही लोग  कांग्रेस को अंदरुनी सहायता पहुँचा रहे हैं। रिस्वत का परस्पर सहायक जाल भी तो था. —’तेरी भी चूप और मेरी भी चूप’ सफल हुयी थी. 

अब सारे रिश्वतशाह, परिवारवादी , घोटालेबाजों  के साथी और वाड्रा को सहायता पहुँचाने की इमानदारी  दिखाकर प्रमोसन पा ए थे….उनका साथ है.

(९)

सारा फ्रण्ट एक ही फ्रण्ट पर लड रिया है; मोदी हराओ, मोदी हराओ, मोदी हराओ।

सारी देसद्रोही पार्टियाँ, चीनवादी, इटलीवादी, अमरु वादी, फोर्ड फाउण्डेशन वादी, सारी पार्टियाँ एकजुट होकर अपणा अस्तित्वकी लड़ाई लड़ रइ है।

(१०) 

इस लिए; ये डराँव डराँव नहीं है, बेटा ये हराओ-हराओ है। और सारा मेंढक अपनी आवाज इस गिरनार के सिंह के सामने डराँव डराँव करके डराने का परयास कर रियो है। 

(११) 

ये नरेंदरवा अग्र  अब की बार जितो, तो, सबकी छुट्टी करवाके रएगो? 

नोट बन्दी ने इनकी छुट्टी करवा दी है. और मकान सस्ता हुआ है. कर चोरी कम हुयी है. 

अमरिका क्या सारे परदेश में भारत की साख बहुत बधी है. 

प्रवासी भारतीय भी अमरिका में इज्जत से देखा जाता है.

(१२)

पर, ये नरेंदरवा  ने अवैध कामों में व्यस्त लोगांकी बेकारी बढवा दी है। 

वो ही सारा चिल्लाहट कर रिया हैं।

पर, अगर ये हारो तो, फिर सारो  भ्रस्ट भारत पछतावेगो।

(१३)

ये नरेंदरवा से मैं पूछू हूँ, कि ये बेचारा काला धंधावालां (काले धंधेवाले) लोग बेकार हो कर कहाँ जावेगा? इतने सारे लोगां को व्यवसाय डुबायो है, वो, क्या नरेंदरवा को चाचो देगो?
मूरख नहीं जानतो, कि, कितनों की रोटी रोजी को परबंध इस  कांग्रेसस सासन ने कियो थो?

(१४) 

राफेल राफेल राफेल चिल्लाकर राहुल की आवाज  भी बैठ गई है.

  पर रिस्वत वालों ने किसानों को कर्ज माफी की घूस देकर  बडी  रिश्वत से सत्ता पाई है।

पैसे  रिस्वत से कौनसा काम नहीं होता? हमेशा, तो ऐसे ही होता आया है; आज तक का इतिहास यही कहता है।

ये भी हो जाएगा। 

(१५)

महाभारत में ही, लिखा है, कि “अर्थस्य पुरुषो दासः” मनुष्य पैसे का दास (गुलाम) होता है।
पर ध्यान रखना, ये  संघवाले चड्डीधारियों को उकसाना महा कठिन है। अब वो भी लम्बी पॅन्ट पहन कर मॉडर्न  हो रहे हैं.

उनको फँसाना असंभव ही समझो।

(१६) 

पर बीजेपी को तो, आपस में लड़ाया जा सकता है। पद की लालसा में सारे लड़ेंगे। प्रधानमंत्री पद के लिए सभी को लड़ाओ। झूट-मूट का प्रवाद फैलाओ, कि फलां फलां को  को प्रधानमंत्री पद चाहिए।

(१७)

ये हमार मेंढकों की समस्त जाति की, रोटी रोजी का प्रश्न है।


भारत अब भी तीसरे क्रम पर है। अब नरेंदरवो जीत गयो तो, संसार भर में, सारो बैठो बिठायो ढाँचो बिगड जावेगो। 
अब तुम्हीं बताओ, कि, पाकिस्तान  भारत के चुनावी महाभारत में इंटरेस्ट क्यों ले रियो है?

माफिया डरा हुआ है। आतंकवादी आस लगाए बैठा हैं। कालाबाजारी और भ्रष्टाचारी त्राहिमाम पुकार रहे हैं।
भारत में महाकाय अपराधी माफिया का  विपक्ष गठबंधन को सहायता पहुँचा रहा है. 

(१८)

अनेक (मल्टाय ट्रिलियन) ट्रिलियन डॉलर लेन-देन वाला, माफ़ियाओं का बड़ा जाल है। यह काले धन से चलनेवाला अवैध व्यापार है। खाद्य पदार्थ, जल, बिजली, प्राकृतिक संसाधन, मुद्रा, स्टाम्प पेपर, अवैध कतलखाने, ऐसे अनेक अवैध कामों में काले लेन-देन से जुड़ा हुआ है। 

नरेंद्र मोदी ने इनकी टांगे  तोड़ दी है। वहां तो, ये बेकार हो चुके हैं।

पर,  झाडुवालों को कौन फण्डींग कर रियो है? ये झाडुवाला  कब भ्रष्टाचार विरोधी बन गया?

या नरेन्दरवा का विरोधी हैं?

कोई दंगा बंगा करवाओ।

इस मोदी के गुजरात में क्या, २००२ के बाद दंगा भी नहीं हुआ? अचरज है।
कोई दंगा बंगा करवाओ।
थोड़ी दंगाखोरी के बिज़नेस में तेजी लाओ। बेकारी कम हो जाएगी. 

(२०) 
  सुना है, कि, बहुतेरे  पढे लिखे मुसलमान  और मुसलमान महिलाएँ, भी नरेंदरवा को साथ दे रहे हैं ?

ये महिलाएँ सच्ची  मुसलमान भी है, या नहीं? इनको बुरखा पस्न्द नहीं क्या? कितना सुहाना दिखता है? 

और तीन तलाक तो बडी अच्छी चिज है. 

(२१) 

कोई सुपारी लेनेवाला ढूंढ़ो- नहीं मिलता क्या? पड़ोसी पाकिस्तान कब काम आयेगा ?

ऐसे संकट में पड़ोसी ही तारण हार होता है. भाईचारा किसे कहते हैं? 

ऐसा पाकिस्तान भी काम न आया तो क्या काम का?

मणी शन्कर को या शसि थरुर को पाकिस्तान भेज कर भारत के आतंकवादियों का वोट पक्का करो. 

सारे भारत द्वेष्टा ओं की मण्डली संगठित करो. 

(२२) 

शैतान ने क्या क्या कर रखा है।
अहमदाबाद में २४ घण्टे पानी देता है। ये सच नहीं लगता. सरदार पटेल का ऊंचा स्टेच्यु लगाकर गुजरात में वोट लेगा.

लगभग सारे गुजरात में क्या, पूरा पानी मिलता है?
किंतु इस पानी के  २४ घण्टोंवाले अहमदाबाद के समाचार पर विश्वास नहीं होता। 

लगता है, ये  झूट बोलता है और जूठा प्रचार किया जा रहा है। 

कांग्रेसवालों को अहमदाबाद पर झूठ फैलाने के लिए न्यायालय में जाना चाहिए। 

(२३)

ये निर्वाचन आयोग क्या कर रहा है?
यहाँ दिल्ली में जब केजरीवालों से ७०० लीटर पानी मिलनेकी भी मारा मारी है,  तो अहमदाबाद में २४ घण्टे पानी? हो ही नहीं सकता! नरेन्दरवा झूठ बोलता है।

नर्मदा की नहर के उपर सौर ऊर्जा ग्रहण करने वाली छत, लगा रखी हैं राक्षस ने। एक तो पानी पर छाया करके, सूरज की गरमी से पानी बचाता है; और साथ साथ चालबाज़ सौर ऊर्जा से, बिजली का निर्माण भी कर लेता है। कहाँ से लाता है ऐसी युक्तियाँ, है बड़ा चालाक।
सुनते हैं कि, सूखे कच्छ में भी पानी पहुंचा दिया है। चार चार फसले होती है. 

लगता है, झूठ फैला रहा है. वोटों के लिए. 

पर अब कांग्रेस किसानों का कर्जा  माफ करने भारतीय रिज़र्व बॅंक का दिवाला निकाल देगी. और दोष नरेन्दरवा पर डालेगी. लेकिन नरेन्दरवा को बिस्तर सहित वापस गुजरात में भेजेगी.

सत्ता से इसे दूर  भगाएगी.

(२४) 

सारी योजनाएँ हमारी ही कांग्रेस की ही थी, पर क्रेडिट नरेंदरवा ले रहा है। यह आइडिया चुराता है। पर हमारे 
चूहे अभी ही हमारे जहाज से कूद-कूदकर बाहर भागना चाहते हैं.

अब बचे हैं सारे भ्रष्टाचारी जा  ही नहीं  सकते. 

उनका राज रहस्य हम जानते हैं. अब कोई चूहा कूदकर भाग न पाए!  

पर 

डराँव डराँव नहीं हराओ-हराओ-हराओ… नरेंदरवा हराओ नहीं तो हम मरे!

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डॉ. मधुसूदन
मधुसूदनजी तकनीकी (Engineering) में एम.एस. तथा पी.एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त् की है, भारतीय अमेरिकी शोधकर्ता के रूप में मशहूर है, हिन्दी के प्रखर पुरस्कर्ता: संस्कृत, हिन्दी, मराठी, गुजराती के अभ्यासी, अनेक संस्थाओं से जुडे हुए। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति (अमरिका) आजीवन सदस्य हैं; वर्तमान में अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्‍था UNIVERSITY OF MASSACHUSETTS (युनिवर्सीटी ऑफ मॅसाच्युसेटस, निर्माण अभियांत्रिकी), में प्रोफेसर हैं।

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