टाइम बम के मुहाने पर बिना संविधान के मरता हुआ देश पाकिस्तान

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गुरुवार को पाकिस्तानी रेंजरों ने पांच सीमा चौकियों और जम्मू जिले में भलवाल, भार्थ, मलबेला, कानाचक और सिदेरवन आदि असैनिक गांवों पर मोर्टार तोपों से भारी गोलीबारी की, जिसमें दो बीएसएफ जवानों (अंजनी कुमार और वाई पी तिवारी) सहित छह लोग जख्मी हो गए | एक दिन पहले भी हुई इसी प्रकार हुई संघर्ष विराम उल्लंघन की कार्यवाही में एक महिला पोली देवी की मृत्यु हो गई थी | सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस घटना पर इस्लामाबाद से अपना विरोध दर्ज कराया है ।स्मरणीय है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बहु चर्चित जम्मू यात्रा के लिए पहुँचने वाले है | एक और विचारणीय बिंदु है कि रूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच वार्ता के बाद इस प्रकार की घटनाएँ क्या सन्देश देती हैं ?
स्पष्ट ही पाकिस्तानी सेना भारत और पाकिस्तान के बीच शान्ति नहीं चाहती | जब भी कोई पाकिस्तानी नेता भारत के साथ शांति स्थापित करने की कोशिश करता है, पाकिस्तान की सेना और खुफिया आईएसआई उसकी योजना पर पानी फेरने की हर चंद कोशिश करती है | फिर चाहे कारगिल की घटना हो अथवा 26-11 को संसद पर हुए हमले की कार्यवाही हो, प्रत्येक घटना उस समय हुई है जब किसी पाकिस्तानी नेता ने भारत के साथ शांति के प्रयास प्रारम्भ किये हैं । अब जबकि रूस में संवादों का नया दौर शुरू हुआ व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान आने का शरीफ का न्यौता स्वीकार किया, पाकिस्तानी सेना ने भड़काने वाली कार्यवाहियां प्रारम्भ कर दीं ।
पाकिस्तानी सेना की पूरी इमारत भारत विरोधी प्रचार और भावनाओं पर आधारित है। भारत के साथ शांति से पाकिस्तानी जनजीवन में सेना का प्रभुत्व खत्म हो जाएगा | सेना कतई नहीं चाहती कि सरकार और जनता के जीवन पर उसकी मजबूत पकड़ थोड़ी भी कम हो ।
कथित तौर पर चीनी मॉडल के ड्रोन द्वारा जासूसी के झूठे आरोप का मामला हो अथवा भारतीय सीमा पर हो रही फायरिंग, यह घटनायें महज संयोग नहीं हैं | यह जान बूझकर शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश है । सेना की मजबूत गिरफ्त में जकड़ा है पाकिस्तान, इसलिए नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ दोनों के द्वारा शांति वार्ता को पुनः आरंभ करने की प्रतिबद्धता दर्शाने और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता प्रारम्भ किये जाने से कुछ होने जाने वाला नहीं है ।
खान और भुट्टो की तुलना में नवाज शरीफ पर पैसा ज्यादा हो सकता है, लेकिन पाकिस्तानी सैना और राजनीतिक हलकों में उनकी स्वीकार्यता निरंतर कम हो रही है | पाकिस्तानी ‘Gentry’ में तो उनके लिए “छिछोरा” शब्द प्रयोग किया जाने लगा है | अपनी स्वतंत्रता के बाद से पाकिस्तान पर शासन करने वाला तबका वस्तुतः कौन है, इसका यथार्थपरक वर्णन पिछले दिनों ग्रेट अफगानिस्तान मूवमेंट (GAM) के संस्थापक मशाल खान तक्कर ने एक वीडियो जारी करके किया –
बिना संविधान के चलता हुआ देश है पाकिस्तान |
1947 से अब तक इस्लाम के नाम पर देश की पहचान बनाए रखने में सबसे बड़ा योगदान पाकिस्तानी सेना व ख़ुफ़िया एजेंसी का ही रहा है | आम जनता में भारत के विरुद्ध नफ़रत बनाए रखने व बढाने में ही पाकिस्तानी सेना अपना हित मानती है | पाकिस्तानी सेना राज्य बचाए रखने के स्थान पर धन बनाने में अधिक दिलचस्पी रखती है | इसी लिए अधिकाँश समय जनरल का ही शासन रहा है | इस्लाम कार्ड का उपयोग सत्ता, सेना व मुल्लाओं के द्वारा अपने हित में ही होता है |
संविधान के अनुसार शासन हो तो प्रजातंत्र और उसके लिए निष्पक्ष चुनाव ? लेकिन पंजाबी लोग और पंजाबी सेना स्थानीय जन आकांक्षाओं को प्रगट ही नहीं होने देते | आम पाकिस्तानी को हिन्दुस्तान में रह रहे मुसलमानों के नाम पर उल्लू बनाया जाता है, झूठी कहानियां प्रचारित कर | आजादी के बाद से यही रणनीति रही है |
पाकिस्तान में सम्पूर्ण शक्ति सेना के पास है, और अगर राजनेता शक्ति चाहते हैं तो उन्हें सेना के पास जाना होता है | और वह भी ईश्वर के नाम पर | भ्रष्ट सेना, भ्रष्ट नौकरशाह, भ्रष्ट राजनेता यही है आज के पाकिस्तान की पहचान |
पाकिस्तान अपने देशवासियों की दैनंदिन आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी सक्षम नहीं है | 60 प्रतिशत पाकिस्तानी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं | न तो कोई शैक्षणिक, ना राजनैतिक, न आर्थिक सुरक्षा वहां है |
पकिस्तान एक टाइम बम के मुहाने पर है |
इक्कीस करोड़ की जनसंख्या वाले पाकिस्तान की एक तिहाई आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, जबकि एक तिहाई उससे केवल थोड़ा ऊपर है तथा कभी भी गरीबी रेखा के नीचे पहुँच सकती है | इस्लामी उग्रवादी शिकंजा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है | यह कहा जा सकता है कि औसत पाकिस्तानी अशिक्षित व गरीब है | धर्म के नाम का उपयोग केवल भ्रष्ट धनपतियों, भ्रष्ट सैन्य अधिकारियों और धूर्त मुल्लाओं की मदद के लिए किया जाता है |
सेना कश्मीर और अफगानिस्तान में स्थानीय उग्रवादी मुस्लिम समूहों की मदद से छद्म युद्ध चला रही है | सेना और आईएसआई के इशारे पर सेवा निवृत्त सैन्य अधिकारी इनको प्रशिक्षित करते हैं, ताकि कोई पता न लगाया जा सके | तालिबान को मदद कर अफगानिस्तान को अस्थिर करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है |
पाकिस्तान वैश्विक जिहाद का जन्मदाता है | इसलिए तालिबान और अलकायदा उसे अपना घर मानते हैं | कुल मिलाकर पकिस्तान एक विखंडित, कुंठित और भ्रष्ट देश है जो स्वयं की उत्पन्न की हुई विध्वंशक अग्नि में स्वाहा होने जा रहा है | इसके पहले कि ज्यादा देर हो जाए विश्व को यह वास्तविकता समझ कर पाकिस्तान को अलग थलग पटक देना चाहिए | pak ind

2 COMMENTS

  1. पाकिस्तान इतने सालों से आत्मघाती क़दमों के साथ आगे बढ़ रहा है , लेकिन इसका अंत नहीं होगा यह भी तय है , अमेरिका, चीन , व अब रूस भी उसे पड़ने पर बचाये रखेंगे , क्योंकि उनके खुद के हिट वहां निहित हैं ,यह भी तय है कि वे भारत से दोस्ती का कितना ही दावा करते हों , लेकिन अंदर से उन्हें यह खटका है कि भारत का यह सिरदर्द दूर हो जाने पर , सभी मोर्चों पर भारत इन देशों कप पटखनी दे देगा , इसलिए वे शुरू प्रश्रय दिए हुए हैं व देते रहेंगे इस कारण भारत की तरक्की बाधित रहेगी व उनकी चुनौती भी दूर रहेगी
    पाकिस्तान में संविधान कब , व कितने समय रहा है ?जब रहा है तो उसकी मर्यादाओं का वहां के शासकों ने कितना आदर किया है ? यह भी वहां के इतिहास में झांक कर देखा जा सकता है , इसलिए इस मुल्क के खत्म होने की संभावनाओं को हमेँ देखना छोड़ देना चाहिए , यह तो एक दगाबाज देश है जो इसके निर्माण से जुड़ा है , और कभी भी यह मित्र नहीं रह सकता है. चीन व अमेरिका के साथ भी वह ऐसा करने में नहीं चूकता

  2. धर्मं,नस्ल ,और जाती तथा रंगभेद का सहारा लेकर जो सत्ताएं ,सत्तासीन होती उनका हश्र हिटलर,रावण ,मुसोलिनी ,सद्दाम ,गद्दाफी ,के रूप में सब जानते हैं. तथाकथित ,पाखंडी धर्म निरपेक्ष वादियों और साम्यवादियों की सत्ता की चूलें भी हिल गयीं पाकिस्तान कौनसा अपवाद होगा?धर्म के नाम पर जो राष्ट्र खड़ा हुआ है और धर्म के नाम पर कितनी बड़ी आबादी ने कष्ट झेलें हैं उसका भुगतान तो परमात्मा ही करवाएगा ?इस देश को नष्ट होना ही है/अपने पापों की सजा मिलनी ही है. आज बिहार और अन्य प्रदेशों से जो मुस्लिम यहां गए है उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति क्या है?वे मोहाजिर कौमी मूवमेंट चला रहे हैं. हमारे यहाँ सिंध और पंजाब प्रान्त के विस्थापित आये आज वे कितने उन्नत हैं?हमारा धर्म हमारी संस्कृति ,एक एक चिंतन हैऽइक विचार है,एक जीवन पद्धति है. हमने सर्व धर्म समभाव ,की नीति अपनाये है.भूतकाल में हमने भयंकर त्रुटियाँ की /जाती व्यवस्था और छुआछूत एक रोग था अब हमने इस महामारी से बड़ी हद तक निजात पा ली है. यदि विशव को सुक्ख से रहना हो तो उसे भारतीय मॉडल ही अपनाना पड़ेगा.

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