Home राजनीति ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सिर टेकता मूर्ख हिंदू

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सिर टेकता मूर्ख हिंदू

अजमेर की दरगाह में दफन ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती एक ऐसा मुसलमान था जिसने अपने जीते जी हिंदुओं के प्रति धर्मांधता की नीति अपनाई और जितना हिंदुओं को काट सकता था उतना उसने काटा । इसके उपरांत भी हिंदू की मूर्खता देखिए कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने वालों में सबसे अधिक हिंदू ही होते हैं ।
सिरत अल क़ुतुब के अनुसार इसने 7 लाख हिन्दुओं को अपने जीवनकाल में मुस्लमान बनाया था।’मजलिस सूफिया’ नामक ग्रंथ के अनुसार जब वह मक्का हज करने गया तो उसे ये निर्देश दिया गया कि
वो हिंदुस्तान जाये और वहां पर कुफ्र के अंधकार
को दूर करके वहां इस्लाम का राज्य स्थापित करे।
इसी आदेश को शिरोधार्य कर हिंदुओं के प्रति पहले दिन से ही नफरत का भाव अपने भीतर भरकर यह व्यक्ति एक ‘इस्लामिक बम’ के रूप में भारत में आया और यहां आकर हिंदुओं के साथ जितना अधिक अत्याचार कर सकता था, उतना करता रहा।
मारकत इसरार नामक ग्रंथ के अनुसार इसने तीसरी
शादी एक हिन्दू लड़की को जबरन धर्मान्तरित करके
की थी । वह हिंदू लड़की नहीं चाहती थी कि इस धर्मांध और अत्याचारी बर्बर मुसलमान मुस्लिम के साथ उसकी शादी हो , परंतु उसकी इच्छा का सम्मान करना भला क्रूर और अत्याचारी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती जैसे व्यक्ति के यहां कहां संभव था ?
यह हिंदू लड़की अभी पूर्ण युवावस्था को भी प्राप्त नहीं हुई थी । अभी वह अपनी किशोरावस्था में ही थी। लेकिन ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उसके पिता को एक युद्ध में परास्त कर इस किशोरी को उठाकर लाने में सफल हो गया था। ऐसे में उसके अपने क्रूर कानूनों के अंतर्गत किसी भी काफिर की बेटी पर अब उसका अपना अधिकार हो गया था । जिसे वह जैसे चाहे भोग सकता था।
यही कारण था कि उस हिंदू ललना की इच्छा का कोई सम्मान न करते हुए उसके साथ बलात निकाह करने में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती सफल हो गया। इस हिन्दू किशोरी का नाम चिश्ती ने उम्मत अल्लाह रखा। इससे हुयी पुत्री का नाम हफिजा जमाल रखा। जिसकी मजार चिश्ती की ही दरगाह में मौजूद है।
“तारिख ए औलिया” के मुताबिक ख्वाजा ने अजमेर
नरेश पृथ्वीराज चौहान को मुसलमान बनने की
दावत दी। चौहान के इंकार करने पर ख्वाजा ने कहा ये
इस्लाम पर ईमान नहीं लाता । मैं इसे लश्करे
इस्लाम के हवाले जिंदा गिरफ्तार करवा दूंगा। चिश्ती
ने मोहम्मद गौरी को भारत पर आक्रमण करने
को बुलाया। पृथ्वीराज चौहान ने 16 बार गौरी को
युद्ध में हराया और हर बार गौरी कुरान की कसम
खाकर पैरों में पड़ जाता और पृथ्वीराज उसे क्षमा
कर देते पर 17वें युद्ध में जयचंद की गद्दारी के
कारण पृथ्वीराज पराजित हुए। गौरी उन्हें बंदी बना ले गया। हिंदू गौरव पृथ्वीराज चौहान ने वहां शाहबुद्दीन गौरी के दूसरे भाई गयासुद्दीन गौरी को अपने शब्दभेदी बाण से मार गिराया।
पृथ्वीराज के बाद चिश्ती ने अजमेर के सारे
मंदिर तुड़वा दिए और उनके मलबे से एक मस्जिद बनवाई । जिसका नाम है ढाई दिन का झोपड़ा।
ऐसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को जब आज के पाखंडी हिंदू ही पूजते हैं तो बड़ा दुख होता है। जीते जी जिस व्यक्ति ने हिंदुओं के धर्मांतरण के लिए हर संभव प्रयास किया और उनकी इज्जत को लूट कर अपने घर में रखा मरने के बाद उसे उसकी उस काली करतूत का इनाम यह दिया गया है । जिसकी पूजा होने लगी है । हिंदू इतिहास से कुछ सीख नहीं रहा है या फिर कहिए कि इतिहास के काले भूत से वह इतना सहम गया है कि उससे कुछ भी सीखने को तैयार नहीं है ।
अक्टूबर 2003 में मैं स्वयं अजमेर चित्तौड़ आदि की यात्रा पर गया था तब मेरे साथ एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य भी थे । जिन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए बड़ी कीमती चादर ली थी । मेरे मना करने के उपरांत भी उन्होंने उस पर वह चादर चढ़ाई और श्रद्धानत होकर मन्नतें मांगी । जब एक प्रिंसिपल की स्थिति यह है कि वह इतिहास में न झांक कर सीधे श्रद्धानत हो जाना उचित समझता है तो फिर आम आदमी के बारे में क्या कहा जा सकता है ?
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुझे उस समय मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन ने बताया था कि मोइनुद्दीन चिश्ती के इस समय 11000 वंशज हैं । उन सबको मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव में वोट डालने का अधिकार होता है और उन्हीं परिवारों में से यहां की मैनेजमेंट कमेटी बनाई जा सकती है । कहने का अभिप्राय यह है कि जिस व्यक्ति ने जीते जी लाखों हिंदू काटे या धर्मांतरित किए उसी के 11000 वंशजों का पालन पोषण अपनी खून पसीने की कमाई में से आज का हिंदू कर रहा है । पता नहीं अपनी मूर्खताओं पर प्रायश्चित करने के लिए या उनसे सजग होने के लिए हिंदू को कब समय मिलेगा ?

डॉ राकेश कुमार आर्य

10 COMMENTS

  1. बिल्कुल सही लेखक ने लिखा है यह एक राक्षस था उसने हिंदुओं का संहार किया पर अब हिंदू समझ गए हैं इसे राक्षस का अंत करना हमारा लक्ष्य है

  2. यही इतिहास है और ये ही सत्य है मैं ीा लेखक का पूर्ण समर्थन करता हूँ

  3. मैंने भी मोइनुद्दीन चिश्ती के बारे में कुछ तथ्य पढ़े हैं। उनके आधार पर तो ऐसा लगता है कि उसके द्वारा गोरी को बुलाने की बात छिपाने के लिए जयचन्द को इतिहास में बदनाम कर दिया गया। क्योंकि कई इतिहासकारों के अनुसार जयचन्द द्वारा गोरी को आमंत्रित करने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। बल्कि 1194 में तो गोरी ने जयचन्द पर भी आक्रमण करके उसे हरा दिया था।

  4. Kyaa Aapne Itihas Pdha Hai…Phle Sahi Se Pdhe Phir Lekhak Bnoge Aisa Ulta Seedha Likhne Se Koii Lekhak Nhii Ban Jaata

  5. Absolutely right,….one must read history thoroughly.particularly Hindus.we should not respect anyone who has committed sins .

  6. सही विश्लेषण है , लेकिन मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बहकावे में आ कर पीरों , मजारों , समाधियों पर माथा टेकने पहुँच जाते हैं , हर कठिनाई का अंजाम अपने तरीके से अपने समय पर होता है ,
    लेकिन भ्रमित व्यक्ति जल्दबाजी में वहां जा कर आने के पश्चात जब कुछ समय बादस समस्या से निजात पाटा है तो उसका इनके प्रति विश्वास और दृढ़ हो जाता है , इसलिए इस बात को समझने समझाने शिक्षित करने की सख्त जरूरत है

  7. This is properly fake and unvalid information. You are spreading rumours and hate into people mind. You have no right to write this type of bullshit into your so called media page.if you called yourself a writer so please educate yourself about what you want to write and also collect information from valid or correct sources.

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