एतिहासिक कार्रवाईः हार्दिक बधाई!!

armyआतंकी शिविरों को उड़ा कर भारत की फौजों ने एतिहासिक कार्य किया है। ये शिविर पाकिस्तान में नहीं हैं। ये ‘आजाद कश्मीर’ में है, जो कानूनी तौर पर भारत का ही हिस्सा है। भारत ने यह कार्रवाई अपने ही क्षेत्र में की है। भारत को ऐसी कार्रवाई उसी दिन उसी वक्त करनी चाहिए थी, जब उड़ी में आतंकी हमला हुआ लेकिन कोई बात नहीं। जब जागे, तभी सबेरा! देर आयद्, दुरस्त आयद्!
अंतरराष्ट्रीय कानून में ठेठ तक पीछा करने (हॉट परस्यूट) को कानूनी मान्यता है। इस दृष्टि से भारत ने आतंक के अड्डों पर जो कार्रवाई की है, उस पर कोई भी आपत्ति नहीं कर सकता। इस तरह की कार्रवाई बेहद जरुरी है, यह पिछले 10 दिनों में मैं कई बार लिख चुका हूं और टीवी चैनलों पर बोलता रहा हूं। सरकार की ढिलाई पर उसकी खिंचाई भी करता रहा हूं लेकिन आज उसे तहे-दिल से बधाई देता हूं।
बधाई इसलिए भी कि उसने यह काम किया है, जो भारत की कोई सरकार आज तक नहीं कर सकी। इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को ही नहीं, सारी दुनिया को यह संदेश दिया है कि बर्दाश्त की भी एक हद होती है। भारत का यह हमला पाकिस्तान पर नहीं है। आतंकवादियों पर है। आतंकवादी जितने भारत के दुश्मन हैं, उससे ज्यादा पाकिस्तान के दुश्मन हैं। उनकी वजह से सारी दुनिया में पाकिस्तान बदनाम हो गया है। उनकी कारस्तानियों के कारण युद्ध का डर बना रहता है।
इस डर की वजह से पाकिस्तान की फौजों पर बेशुमार पैसा खर्च होता है। पाकिस्तान की जनता अभाव, अशिक्षा, बेरोजगारी की शिकार होती जाती है। यदि पाकिस्तान की सरकार यह प्रचार कर रही है कि भारत ने कोई आतंकी अड्डे नहीं उड़ाए हैं तो यह अच्छा ही है। वह यह भी नहीं मानती की उड़ी में पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था। पाकिस्तान का यह रवैया बहुत ही मजेदार है।
इसका अर्थ यह हुआ कि अब भारत के विरुद्ध कुछ भी करने की कोई भी जरुरत पाकिस्तान को नहीं है। लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के जमाने में सारा मामला उजागर होते देर नहीं लगेगी। इससे दोनों शरीफों (नवाज और राहील) का सिरदर्द असह्य हो जाएगा। बेहतर होगा कि वे भारत से सीधे बात करें। यदि वे फौजी कार्रवाई की कोशिश करेंगे तो दोनों देशों का बहुत नुकसान होगा। अब यदि मोदी भी नवाज को फोन करें तो गलत नहीं होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here