महामारी के साथ ही चारों ओर के संकटों से रहना होगा सावधान

0
149

(लिमटी खरे)

वर्तमान में कोरोना कोविड 19 का प्रकोप दुनिया भर में चल रहा है। महामारी से निपटना एक चुनौति तो है ही इसके साथ ही चारों ओर के संकटों के संबंध में भी सरकारों को चौकन्ना रहने की महती जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनिया गुटेरेस की चिंता को बेमानी नहीं माना जा सकता है।

गुटेरेस ने दो टूक शब्दों में कोरोना कोविड 19 से निपटने की तैयारी न होने की बात को स्वीकार किया है। उन्हें आशंका है कि बायोटेरिस्ट्स को एक मौका मिला है औश्र जैविक हमलों का खतरा एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। उन्होंने यह कहा है कि यह महामारी एक स्वास्थ्य संकट है और इसके दूगामी परिणाम भी हो सकते हैं।

गुटेरेस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना कोविड 19 जैसी महामारी से निपटने की माकूल तैयारियां न होने की कमजोरी जाहिर होते ही बायोटेरिस्ट्स को एक मौका मिला है जिससे जैविक हमलों का खतरा बढ़ गया है।

गुटेरेस ने यह चिंता जताई है कि आतंकी हमलों के कारण हिंसा बढ़ सकती है और कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सारे देशों के प्रयासों के लिए इस तरह की परिस्थितियां मुश्किलें भी पैदा कर सकती हैं। उन्होंने इस महामारी के संकट के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं में भेदभाव पर भी चिंता जाहिर करते हुए कई जगहों पर मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना भी की है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के महासचिव की चिंता और बातों को हल्के में कतई न लिया जाए। देश में भी हर जिले का प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी से हालातो ंपर नजर रखे हुए है। इतना ही नहीं चिकित्सक, पेरामेडिकल स्टॉफ, नर्सेस, सफाई कर्मी अपनी अपनी जवाबदेहियों को बखूबी निभा रहे हैं।

इन परिस्थितियों में देश के अनेक स्थानों पर कर्मचारियों पर हमलों की खबरें चिंता का कारण बनती जा रही हैं। उपद्रवियों को अगर सख्ती से नहीं थामा गया तो हालात बिगड़ भी सकते हैं। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे प्रशासन को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी करें।

आज आवश्यकता इस बात की है कि समाज में हर व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति पर विश्वास को कायम रखना होगा। हर देश, हर प्रदेश, हर जिले, तहसील, विकासखण्ड,, शहरों के नागरिकों को आपस में संवाद कायम रखना होगा ताकि विध्नसंतोषियों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके। मीडिया के साथ पूरी पारदर्शिता बरतने की आवश्कता है ताकि टोटल लॉक डाऊन के चलते घरों में कैद लोगों को वास्तविकता पता चल सके।

आज यह बात आईने के मानिंद साफ हो चुकी है कि दुनिया का चौधरी माना जाने वाला अमेरिका भी कोरोना कोविड 19 के खिलाफ जंग में दुनिया का नेतृत्व नहीं कर पा रहा है। इन परिस्थितियों में दवाओं के नाम पर भारत की संस्कृति, भारत की दवाओं, तौर तरीकों को दुनिया भर के देशों के द्वारा अपनाया जा रहा है, यह गर्व की बात मानी जा सकती है। यही समय है जब भारत को आगे बढ़कर दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए।

आप अपने घरों में रहें, घरों से बाहर न निकलें, सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी को बरकरार रखें, शासन, प्रशासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए घर पर ही रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here