माफी सभी से सभी को प्रणाम

प्रणाम प्रणाम प्रणाम, मेरा आखिरी प्रणाम
अंतिम सांसे है, शेष जीवन को प्रणाम
देह में बसी थी, एक अंजान सी आत्मा
तलाशती रही वह, न मिल सका परमात्मा
अधूरी बची है साँसे, जीवन का है खात्मा
आ रही है मृत्यु, यह जीवन मृत्यु के नाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम ,मेरा मृत्यु को प्रणाम॥ 1।।
बचपन का बालपन, जवानी का नशा
मस्ती में सबको भूला, मनमौजी कहकशा
ठोकर मे थी दुनिया, दिल मेरा शहंशाह
संगी सहचर थे कहाँ, मन बुद्धि और प्राण,
प्रणाम प्रणाम प्रणाम ,मेरा स्वभाव को प्रणाम।।2।।
जीवन के पथ पर, झुरमुट मिले अवरोध के
सच्चा साथी कौन है, मेरे प्रयोग थे शोध के
कोई समझा न मुझको, न मैं समझा पाया
कुछ दूर तक चले थे, न कोई किनारे आया
टूट कर बिखरते रहे ,मेरे रिश्ते सभी तमाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम, मेरा दुनियावालों को प्रणाम।।3।।
मन मेरा मुमुक्षु ,आनंद आल्हाद का निवास
रही देदीप्यमान आत्मा , दिव्यता का प्रकाश
जल अग्नि वायु तरंग से,पूर्ण था धरा आकाश
अकर्ता अभोक्ता असाक्षी, था मैं स्वयं प्रकाश
मन की गांठ न खोल पाया, भूला सच्चिदानंद धाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम, मेरा नित्य बुद्ध को प्रणाम ।।4।।
स्याही कलम से जोड़ नाता ,मैं कागज में उकेरता
देश काल परिस्थितियों पर, लिखता ओर सहेजता
सहनशक्तिभरी मुश्किल राहे, निष्पक्ष खबरे छापता
पढ़कर टूटते बिखरते लोग, मिटाने हस्ती मेरी नापता,
प्रणाम प्रणाम प्रणाम, मेरा असंतुष्टशुद्धो को प्रणाम ॥5।।
प्रणाम प्रणाम प्रणाम , मेरा आप सभी को प्रणाम
ज़िंदगी के आखिरी सफर का, सभी ले लो मेरा प्रणाम
तन से जुदा हो रही आत्मा ,आ गई ज़िंदगी की शाम
अब मरके शमशान जाना है, सभी का यही है मुकाम
पीव अंतिम स्नान कराएंगे, नाते रिश्तेदार मेरे तमाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम ,माफी सभी से सभी को प्रणाम।।6।।

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