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अटल जी अटल थे,अटल ही उनका गहना था।
विश्व के हर भू भाग पर उनका ताना बाना था।।
देते थे जब वे भाषण संसद की दीवारें हिल जाती थी।
हिन्दी के शब्दों के कारण सब भाषाएं हिल जाती थी।।
अटल कुशल प्रशासक थे वे सारे विश्व के जननायक थे।
सुना जब यू एन ओ में भाषण सब उनके प्रंशसक थे।।
वे लोकतंत्र की मिशाल थे, कभी ने इससे मुख मोड़ा था।
एक वोट के खातिर उन्होंने प्रधान मंत्री पद छोड़ा था।।
सरलता के वे सागर थे,हिंदी शब्दों के वे गागर थे।
भा जा पा के नायक थे परिवारवाद के निवारक थे।।
पुण्य तिथि है आज उनकी, सब भारतवासी भावुक है।
रस्तोगी उनके आगे बौना है,वे तो कविता के साधक थे।।