महिला-जगत लेख समाज कोख से क्रब तक कहाँ सुरक्षित है बेटियाँ ? March 18, 2021 / March 18, 2021 | Leave a Comment अभी कुछ दिन पहले की बात है एक वीडियो वायरल हुआ था। शायद आपके मन-मस्तिष्क से वह वीडियो ओझल हो गया हो। और हो भी क्यो नही हम हिन्दवासियो को भूलने कि जो सबसे अच्छी आदत है। खैर… वह वायरल वीडियो एक बार फिर हम आपके मस्तिष्क पटल पर लाना चाहते है। वायल वीडियो मे […] Read more » Daughters are safe from womb to krub उ.प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहाँ सुरक्षित है बेटियाँ
लेख ” श्रीराम की बासी” को भागीरथ की दरकार November 19, 2019 / November 19, 2019 | Leave a Comment संजय चाणक्य ” बचाकर रखना बासी को जरूरत कल भी बहुत होगी। यकीनन आने वाली पीढ़ी इतनी पाक भी नही होगी।।” भगवान राम के इच्छा से नारायणी से निकलकर कुशीनगर जनपद के विभिन्न श्रेत्रो से होकर तकरीबन साठ किलो मीटर की यात्रा तय करने के बाद पुन: नारायणी से समाहित हो जाने वाली “बासी नदी […] Read more » बासी नदी
महिला-जगत समाज माँ तुम धन्य हो May 14, 2018 | 2 Comments on माँ तुम धन्य हो संजय चाणक्य ‘‘ मातृ दिवस पर शुभकामनाओं के साथ ! दुनिया की सभी माँओं को समर्पित है यह कालम !! ’’ मै माफी चाहता हू उन सभी बुद्धिजीवियो और मनिऋषियों से ! जो ’’मां ’’शब्द पर लम्बा-चैडा भाषण देते है किन्तु मां का सम्मान नही करते। मै माफी का तलबगार हूँ उन धर्मात्माओं से जो […] Read more » Featured और काशी विश्वानाथ खुशियों प्रेमी-प्रेमिका बाजारवादी तमाम मथुरा मां वृंदावन संगमरमर
विविधा ‘‘वेलेनटाइन-डे’’ : पश्चिम का बयार February 12, 2018 | Leave a Comment संजय चाणक्य ‘‘बहुत धोखा देते हैं मोहब्बत में हुस्न वाले ! इन हसीनो पर भूल कर भी ऐतबार न कर !!’’ यह कैसा र्दुभाग्य है,हम हिन्दवासियों के लिए! अपनों की जयन्ती और दिवस मनाने की न तो फुर्सत है न ही ललक! लेकिन पश्चिमी सभ्यता की कोख से उत्पन्न ‘‘वेलेनटाइन-डे’’मनाने के लिए हिन्द के बाशिन्दे […] Read more » love in west Valentine Day वेलेनटाइन
व्यंग्य साहित्य शाहबुद्दीन के नाम एक खत September 15, 2016 | Leave a Comment संजय चाणक्य ” लिखू कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है ! मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है !! गिर पडते है मेरे आसू ,मेरे ही कागज पर ! लगता है कि कलम मे स्याही का दर्द ज्यादा है !!,, मै काफी उलझन में था सोचता हू खत की शुरूआत कहा से और कैसे […] Read more » Featured शाहबुद्दीन के नाम एक खत
शख्सियत समाज मेजर तुझे सलाम September 5, 2016 | Leave a Comment संजय चाणक्य ‘‘ यादे अब यादे हो चली है ! जमाना तुम्हे भुलता जा रहा है!!’’ जब चैदह के उम्र में लोग अक्सर बचकाना हरकत करते है। उस समय घ्यानचंद ने अपने आत्म विश्वास का लोहा मनवाया था। वाक्या वर्ष 1919 का है जब […] Read more » Major Dhyanchand मेजर तुझे सलाम
विविधा ……जरा याद करो कुर्बानी August 14, 2016 | Leave a Comment ” ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी !! जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करो कुर्बानी !!” ”जश्न-ए-आजादी की 69 वी वर्षगाठ़ पर अपनी प्राणों की आहुति देकर मां भारती को मुक्त कराकर इबादत लिखने वाले अमर शहीदों को सलाम! इन योद्वाओं को जन्म देने वाली जगत जननी मां […] Read more » ......जरा याद करो कुर्बानी Featured
विविधा मां तुझे सलाम July 30, 2016 / July 30, 2016 | Leave a Comment संजय चाणक्य ‘‘ सीने में जूनून आखों में देशभक्ति की चमक रखता हू! दुश्मन की सासें थम जाए आवाज में वो धमक रखता हू!!’’ आज से सत्रह साल पहले ‘आपरेशन विजय’ के तहत हमारे देश के वीर जवानों ने खून जमा देने वाली सर्द हवाओं के बीच कारगिल और द्रास की बर्फीली चोटियों पर […] Read more » Featured Kargil War mother earth salutes to you मां तुझे सलाम
लेख साहित्य दक्खिन का दर्द July 2, 2016 | Leave a Comment संजय चाणक्य ‘‘ तेरा मिजाज तो अनपढ़ के हाथों का खत है! नजर तो आता है मतलब कहां निकलता है!!’’ मेरी नानी बचपन में कहती थी कि दक्खिन की ओर मुह करके खाना मत खाओं,दक्खिन की ओर पांव करके मत सोओं। गांव में बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि गांव के दक्खिन टोला में मत जाना। हमेशा […] Read more » दक्खिन का दर्द
राजनीति अपनी बेहयाई पर थोडा तो शर्म कीजिए जनाव ! April 16, 2016 | Leave a Comment ‘‘ हमारी कोशिश रहती है किसी को हक दिलाने की ! हमे आदत नही विल्कुल, किसी को बगलाने की !!’’ बेशक ! देश की हालात बदली-बदली सी लग रही है। और इस बदलते हालात के लिए कोई और नही बल्कि हमारे देश के तथा-कथित शुभचिन्तक व जनता के रहनुमा बनने का दावा करने वाले खद्दरधारी […] Read more » Featured
समाज गाली मत देना March 26, 2016 | 1 Comment on गाली मत देना संजय चाणक्य ‘‘राजनीति घर-घर घुसी,कर डाला विखराव। टुकड़ों में आगंन बटा, किए दिलों में घांव।।’’ आप सबसे माफी का तलबगार हू। सोचता हू अपने कटु शब्दों से आपके दिल पर चोट नही पहुंचाए। पर क्या करे, मन-मस्तिष्क में तैर रहे शब्द को रोक नही पाता हू और दिल की भड़ास खुद-ब-खुद कलम के माध्यम से […] Read more » Featured
विविधा कन्हैया के नाम एक खत March 19, 2016 | 2 Comments on कन्हैया के नाम एक खत ‘‘ ऐसी बानी बोलिए,मन का आपा खोय ! औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय !!’’ यह कालम जेएनयू में देशवासियों के टेक्स से पढाई के नाम पर देश के टुकडे करने का सपना देखने वाले ‘’ कन्हैया कुमार एवं उसकी मानसिकता को जायज ठहराने वाले देशद्रोहियों के लिए लिखी गयी है! जों कहने के […] Read more » kanhaiya JNU कन्हैया के नाम एक खत