विविधा यह है, अपना बिहार! June 19, 2014 / June 19, 2014 | Leave a Comment -फखरे आलम- यह महज इत्तेफाक ही होता है कि कभी-कभी बिहार का क्षेत्रीय न्यूज चैनल देखने का अवसर प्राप्त होता है और इसी क्षेत्रीय चैनलों के माध्यम से अपों का हाल-चल जानने का अवसर प्राप्त होता रहता है। मगर फिर भी हम प्रदेश की वास्तविक हकीकत से महरूम रह जाते हैं। कभी-कभी मन अशांत होता […] Read more » अपना बिहार बिहार
कविता तितली सी चंचलता June 19, 2014 | Leave a Comment -लक्ष्मी जायसवाल- तितली सी चंचलता तितली सा चंचल बन मन मेरा उड़ना चाहता है। नन्हीं सी तितली रानी देख तुम्हें मन मेरा हर्षाता है। उड़कर तेरी तरह मन मेरा फूलों पर मंडराना चाहता है। डाल-डाल पर बैठकर यौवन मेरा इठलाना चाहता है। रंग-बिरंगे पंख हों मेरे दिल यही मांगना चाहता है। कोमल सी काया चंचल […] Read more » कविता जीवन कविता तितली सी चंचलता हिन्दी कविता
विश्ववार्ता बड़ा हुआ तो क्या हुआ… June 18, 2014 / October 8, 2014 | Leave a Comment -अभिषेक तिवारी- आबादी भारत के एक शहर जितनी भी नहीं लेकिन सुपरपावर चीन को ‘सबक’ सिखाने का काम किया है भूटान ने…! दरअसल, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के एक ही दिन बाद भूटान की तरफ से ऐसा बयान आया , जिससे भारत राहत की सांस ले सकता है। भूटान चीन को अपने […] Read more » तोब्गे नरेंद्र मोदी भारत भारत भूटान संबंध भूटान मोदी सरकार
विविधा नौकरी और रोजगार June 17, 2014 / October 8, 2014 | Leave a Comment -विजय कुमार- चुनाव के समय प्रायः सभी राजनेता और दल युवाओं को नौकरी के आश्वासन देकर अपने पाले में खींचने का प्रयास करते हैं। कोई विशालकाय उद्योग के लिए गांव की भूमि लेते समय शासन और उद्योगपति कहते हैं कि इससे हजारों नौकरियां निकलेंगी। सरल ग्रामीण इस चक्कर में सस्ते में जमीन दे देते हैं। […] Read more » नौकरी रोजगार
राजनीति उम्मीद की किरण ‘मोदी’ June 17, 2014 / October 8, 2014 | Leave a Comment -निर्भय कुमार कर्ण- सच ही कहा गया है कि यदि आपके अंदर इच्छाशक्ति और अपने आप पर विश्वास हो तो कुछ भी किया जा सकता है और इस बात को नरेंद्र मोदी ने सोलहवीं लोकसभा चुनाव में में कर दिखाया। अब बारी है उन वादों-इरादों की पूरा करने और जनता के उम्मीदों पर खरा उतरने […] Read more » गंगा नरेंद्र मोदी भाजपा सरकार मोदी सरकार राजग सरकार
प्रवक्ता न्यूज़ कांग्रेस के इस अंजाम पर किसी ने न सोचा होगा June 16, 2014 / June 16, 2014 | 1 Comment on कांग्रेस के इस अंजाम पर किसी ने न सोचा होगा -निशा शुक्ला- जिस अंग्रेजी हुकूमत के दौरान कांग्रेस का गठन हुआ। इसी के बैनर तले कई आजादी की लड़ाइयां लड़ी गईं। उसी कांग्रेस से एक भावनात्मक लगाव रखने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी जैसे महान शख्स थे। उस कांग्रेस का आज ये हाल हो जाएगा कि जनता उसे एक झटके में ताज से […] Read more » कांग्रेस नरेंद्र मोदी भाजपा भाजपा सरकार मोदी सरकार राजग सरकार
प्रवक्ता न्यूज़ बस यूं ही दिल से… June 16, 2014 / June 16, 2014 | Leave a Comment -लक्ष्मी जायसवाल- कुछ अनजाने से ख्वाब अब इन आंखों में बसने लगे हैं। किसके अरमान हैं ये जो अब मेरे दिल में पलने लगे हैं।। अरमानों के इस मेले में तन्हा हैं मेरी अपनी ख्वाहिशें। दिल को बेकरार कर रही हैं न जाने किसकी हसरतें।। हसरतों के इस समंदर में क्यों डूब रहा है दिल […] Read more » बस यूं ही दिल से हिन्दी हिन्दी कविता
विविधा मेरे सपनों का बिहार, मेरे अपनों का बिहार June 14, 2014 | Leave a Comment -फख़रे आलम- मैंने कभी भी बिहार को इतना खुशहाल, सम्पन्न नहीं देखा, जितना प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास बिहार को आर्थिक प्रशासनिक और संस्कृति रूप से ध्नी और सम्पन्न दिखाता है। कभी कभी मुझे इतिहास पर शक और सुभा होने लगता है के आखिरकार हमारा प्रदेश कब आत्मनिर्भर, सम्पन्न और खुशहाल बनेगा, आखिरकार प्रदेश का चौमुखी […] Read more » बिहार बिहार मिट्टी मेरे अपनों का बिहार मेरे सपनों का बिहार
राजनीति बिहार के बुरे दिन! June 12, 2014 | 2 Comments on बिहार के बुरे दिन! -फखरे आलाम- जैसे ही भारत के अच्छे दिन शुरू हुये। इससे पहले ही बिहार के बुरे दिन शुरू हो गए थे। वैसे मेरे जानकारी के अनुसार में बीस बाइस वर्षों में कभी अच्छे दिन आये ही नहीं थे। लालू, राबड़ी राज्य और भी नितिश माझी सरकार में नि दिन बिहार पिछड़ता ही गया और बुरे […] Read more » बिहार बिहार राजनीति बिहार सरकार
व्यंग्य पार्क की महफिल में June 9, 2014 | Leave a Comment -विजय कुमार- बचपन में रामलीला देखने का चाव किसे नहीं होता ? हमारे गांव में भी जब रामलीला होती थी, तो हम शाम को ही मंच के आगे अपनी बोरी बिछा आते थे। एक बड़े से कागज पर अपने बाबाजी का नाम लिखकर उसे बोरी पर रखकर एक ईंट से दबा देते थे। फिर क्या […] Read more » पार्क की महफिल में रामलीला
जरूर पढ़ें आप-कथा विसर्जन होत है June 7, 2014 | 6 Comments on आप-कथा विसर्जन होत है -डॉ. सुजाता मिश्रा- “कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा“ की तर्ज़ पर बनी आम आदमी पार्टी जितनी तेज़ी से ऊपर बढ़ी उतनी ही तेज़ी से नीचे भी गिरना शुरू हो गयी है। सिर्फ एक हार से ही तिनके की तरह बिखर चुकी आम आदमी पार्टी का ये हाल तो होना ही […] Read more » आप आप अंत आप कथा
व्यंग्य दुखराम बाबा June 7, 2014 | Leave a Comment -विजय कुमार- शर्मा जी के मोहल्ले में संकटमोचन हनुमान जी का एक प्राचीन सिद्ध मंदिर है। वहां प्रायः कथा, कीर्तन और सत्संग होते रहते हैं। पिछले दिनों भी वहां अयोध्या से एक प्रख्यात संत आये हुए थे। शर्मा जी के बहुत आग्रह पर मैं भी एक-दो बार वहां गया। एक दिन संत जी ने सत्संग […] Read more » दुखराम बाबा. हिन्दी व्यंग्य