राजनीति दिल्ली एमसीडी चुनाव एक महासंग्राम है April 2, 2017 / April 2, 2017 | Leave a Comment एमसीडी चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिये ही कुछ महीने पहले बीजेपी ने मनोज तिवारी को राज्य में पार्टी का अध्यक्ष बनाया था। दिल्ली के पूर्वांचल वोटरों को साधने के साथ ही कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने के लिए मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी गयी है। देखना यह है कि वे इसमें कितना सफल हो पाते हैं? मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का निर्णय कहीं बीजेपी के खिलाफ न चला जाए, क्योंकि कई दिग्गज नेताओं को घर बैठा देना कहीं बगावती तेवर को हवा न दे- इस तरह की चुनौतियां भी तिवारी के सामने हैं। Read more » 2017 के दिल्ली के तीन नगर निगम चुनाव Featured एमसीडी चुनाव दिल्ली एमसीडी चुनाव 2017
समाज दूसरों के बारे में नहीं, स्वयं के बारे में सोचे April 1, 2017 | Leave a Comment दुनिया को जानना भी जरूरी है दुनिया में स्वयं को स्थापित करने के लिए। जगत को जानकर मनुष्य उसमें अपने होने को प्रमाणित करता है। अपने होने को प्रमाणित तो किया ही जाना चाहिए। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। सेसील एम. स्प्रिंगर ने कहा कि “सबसे बड़ी बात है कि स्वयं को चुनौती दें। आप स्वयं पर हैरान होंगे कि आप में इतना बल या सामर्थ्य है, तथा आप इतना कुछ कर सकते हैं।” Read more » dont think about others Featured Happiness index Happiness index of india happiness is lost think about self first जीवन से असन्तुष्ट
राजनीति मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी March 30, 2017 / March 30, 2017 | Leave a Comment संसदीय व्यवस्था के हालात प्रारंभ से ही ढुलमूल रहे हैं। शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं जागरूक रहकर सांसदों को भी जागरूक बनाया था। अब पीएम मोदी संसदीय व्यवस्था को सुदृढ़ एवं अनुशासित करने में जुटे हैं तो उसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। थोड़ी बहुत चुनौतियों के बीच मौजूदा लोकसभा कामकाज के हिसाब से पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। सदन के प्रति सांसदों को जवाबदेह बनाने के लिए मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी ढेरों प्रयास किए हैं। जरूरत है लोकतंत्र प्रशिक्षण के कार्यक्रम की। नये बनने वाले सांसदों के लिये यह प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए, जिसमें एक आदर्श जन-प्रतिनिधि के व्यवहार के साथ-साथ उसकी कार्यशैली, संसदीय व्यवस्था का सघन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिये कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का प्रबन्ध हो। तभी हम हमारे इस सर्वोच्च मंच की पवित्रता और गरिमा को अक्षुण्ण रख सकेंगे। Read more » Featured presence of MP essential during Parliament session मजबूत लोकतंत्र संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला सांसदों की हाजिरी जरूरी
विविधा भोजन की बर्बादी एक त्रासदी है March 29, 2017 | Leave a Comment दुनियाभर में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक तिहाई भोजन बर्बाद चला जाता है। बर्बाद जाने वाला भोजन इतना होता है कि उससे दो अरब लोगों की खाने की जरूरत पूरी हो सकती है। विश्व भर में होने वाली भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने एकजुट होकर एक परियोजना शुरू की है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में बढ़ती संपन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। समस्या की शक्ल लेती यह स्थिति चिन्ताजनक है और प्रधानमंत्री इसके लिये जागरूक है, यह एक शुभ संकेत है। Read more » Featured wastage of food भोजन भोजन की बर्बादी भोजन की बर्बादी एक त्रासदी
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार गणगौर: नारी शक्ति और संस्कार का पर्व March 29, 2017 | Leave a Comment बेला गर्ग गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मान्यता प्राप्त है किन्तु जीवन मूल्यों की सुरक्षा एवं वैवाहिक जीवन की सुदृढ़ता में यह एक सार्थक प्रेरणा भी […] Read more » गणगौर
जन-जागरण समाज परिवार को पतन की पराकाष्ठा न बनने दे March 24, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग वर्तमान दौर की एक बहुत बड़ी विडम्बना है कि पारिवारिक परिवेश पतन की चरम पराकाष्ठा को छू रहा है। अब तक अनेक नववधुएँ सास की प्रताड़ना एवं हिंसा से तंग आकर भाग जाती थी या आत्महत्याएँ कर बैठती थी वहीं अब नववधुओं की प्रताड़ना एवं हिंसा से सास उत्पीड़ित है, परेशान है। वे […] Read more » Featured पतन की पराकाष्ठा परिवार
राजनीति गुजरात चुनाव एक बड़ी चुनौती है March 22, 2017 | Leave a Comment इन दिनों गुजरात के आदिवासी समुदाय को बांटने और तोड़ने के व्यापक उपक्रम चल रहे हैं जिनमें अनेक राजनीतिक दल अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए इस तरह के घिनौने एवं देश को तोड़ने वाले प्रयास कर रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों ने भिलीस्तान जैसी समस्या को खड़ा कर दिया है। एक आंदोलन का रूप देकर आदिवासी समुदाय को विखण्डित करने की कोशिश की जा रही है। इस भिलीस्तान आंदोलन को नहीं रोका गया तो गुजरात का आदिवासी समाज खण्ड-खण्ड हो जाएगा। Read more » BJP-may-contest-elections-in-Gujarat-without-any-CM-candidate-after-22-years.jpg Featured gujarat vidhansabha election अमित शाह आनंदीबेन पटेल गुजरात के आदिवासी समाज की उपेक्षा गुजरात चुनाव गुजरात विधानसभा चुनाव पुरुषोत्तम रूपाला भिलीस्तान आंदोलन
समाज जीवन की राहः शांति की चाह March 20, 2017 | Leave a Comment शांति केवल शब्द भर नहीं है, यह जीवन का अहम् हिस्सा है। शांति की इच्छा जहां भी, जब भी, जिसके द्वारा भी होगी पवित्र उद्देश्य और आचरण भी साथ होगा। शांति की साधना वह मुकाम है जहां मन, इन्द्रियां और कषाय तपकर एकाग्र और संयमित हो जाते हैं। जिंदगी से जुड़ी समस्याओं और सवालों का समाधान सामने खड़ा दिखता है तब व्यक्ति बदलता है बाहर से भी और भीतर से भी क्योंकि बदलना ही शांति की इच्छा का पहला सोपान है और बदलना या बदलाव ही शांति के संकल्पों की बुनियाद भी है। Read more » जीवन जीवन की राह शांति की चाह
विविधा सार्थक पहल स्वास्थ्य नीति से जगी नयी उम्मीद March 18, 2017 | 1 Comment on स्वास्थ्य नीति से जगी नयी उम्मीद सरकार की मंशा एवं मानसिकता में बदलाव अच्छे संकेत दे रहे हैं। लेकिन प्रभावी नीतियां सिर्फ इरादे को उजागर करती हैं। असली चुनौती उनके क्रियान्वयन की होती है। सरकार ने नीतियों के साथ-साथ काम करने की, स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव की ठानी है, इसी का परिणाम है कि हाल में सरकार ने हृदय धमनियों को खोलने के लिए लगाए जाने वाले स्टेंट की कीमत घटाने का आदेश दिया था। मगर उसके बाद मुनाफाखोरों ने बाजार में इसकी सप्लाई घटा दी। Read more » Featured Health Insurance for all नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति
समाज मध्यम-वर्ग: नई भोर की आहट March 15, 2017 / March 15, 2017 | Leave a Comment मध्यमवर्ग भले ही आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न न भी हो, वह शिक्षित भी है, जागरूक भी है और #विकासोन्मुखी भी है लेकिन वह अपनी परम्पराओं और रूढियों से खुद को मुक्त नहीं कर सका। संस्कार और संस्कृति उसकी जेहन में रहते हैं। यही कारण है कि मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित है। मध्यम वर्ग की विडम्बना देखिये कि उसे अपना दर्द व्यक्त करने का मंच भी सुलभ नहीं है। यत्र-तत्र चर्चाओं में भाग लेकर अपना आक्रोश तो प्रकट करता है परन्तु समय, धन व जनबल के आभाव के कारण सत्ता में बैठे लोगों को अपने हित चिंतन के लिए विवश नहीं कर पाता। Read more » Featured नई भोर की आहट मध्यम-वर्ग
राजनीति नये भारत की दस्तक को पहचाने March 15, 2017 | Leave a Comment महादेवी वर्मा के शब्दों में ‘‘बलवान राष्ट्र वही होता है जिसकी तरुणाई सबल होती है।’’ जिसमें मृत्यु का वरण करने की क्षमता होती है, जिसमें भविष्य के सपने होते हैं और कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है, वही तरुणाई है। हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन-सी परिस्थितियां रही हैं, जो इस पीढ़ी को उनके उद्देश्य से विमुख करती रही हैं, उन्हें असयंमित और अनुशासनहीन बनाती रही है। Read more » Featured नये भारत की दस्तक भारत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म चैतन्य महाप्रभु की संकीर्तन रस संस्कृति March 9, 2017 | Leave a Comment चैतन्य महाप्रभु जयन्ती-12 मार्च 2017 पर विशेष ललित गर्ग चैतन्य महाप्रभु भारतीय संत परम्परा के भक्ति रस संस्कृति के एक महान् कवि, संत, समाज सुधारक एवं क्रांतिकारी प्रचारक थे। वैष्णव धर्म के परम प्रचारक एवं भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक थे। उन्होंने जात-पांत के बंधन को तोड़ने और सम्पूर्ण मानव जाति को एक […] Read more » Featured चैतन्य महाप्रभु चैतन्य महाप्रभु जयन्ती चैतन्य महाप्रभु जयन्ती-12 मार्च 2017