स्वास्थ्य-योग जीवन व्यस्त भले ही हो, लेकिन अस्त-व्यस्त नहीं April 10, 2015 / April 11, 2015 | Leave a Comment वर्तमान जीवन का हाल यह है कि यहां चीजें सरपट भाग रही हैं। लोग जल्दी में हैं। उन्हें डर है कि कहीं धीमें पड़ गए तो आगे बढ़ने की रेस में पीछे न छूट जाएं। इस आपाधापी में वे तमाम तरह की गड़बडि़यों में शामिल हैं। इसी तरह के जीवन ने व्यक्ति को लापरवाह एवं […] Read more » Featured Health swasthy असंतुष्ट अस्त-व्यस्त जीवन व्यस्त भले ही होे ललित गर्ग लेकिन अस्त-व्यस्त नहीं व्यस्त संतुष्टि
धर्म-अध्यात्म जरूरत है महावीर के अहिंसा दर्शन March 25, 2015 | 1 Comment on जरूरत है महावीर के अहिंसा दर्शन महावीर अब हमारे बीच नहीं है पर महावीर की वाणी हमारे पास सुरक्षित है। महावीर की मुक्ति हो गई है पर उनके विचारों की कभी मुक्ति नहीं हो सकती। आज कठिनाई यह हो रही है कि महावीर का भक्त उनकी पूजा करना चाहता है पर उनके विचारों का अनुगमन करना नहीं चाहता। उन विचारों के […] Read more » अहिंसा दर्शन जरूरत है महावीर के अहिंसा दर्शन महावीर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार महिला-जगत वर्त-त्यौहार साहित्य गणगौर: महिलाओं के सौभाग्य का लोकपर्व March 17, 2015 / March 18, 2015 | Leave a Comment राजस्थान अपने यहां आयोजित होने वाले सांस्कृतिक एवं धार्मिक मेलांे एवं उत्सवों के लिये प्रसिद्ध है। गणगौर इसे और विशिष्ट रूप प्रदान करता है। गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे […] Read more » गणगौर गणगौर: महिलाओं के सौभाग्य का लोकपर्व महिलाओं का लोकपर्व लोकपर्व
वर्त-त्यौहार होली है असत्य पर सत्य की विजय का पर्व February 23, 2015 / February 24, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग भारत संस्कृति में त्योहारों एवं उत्सवों का आदि काल से ही काफी महत्व रहा है। होली भी एक ऐसा ही त्योहार है, जिसका धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं की रोशनी में होली के त्योहार का विराट् समायोजन बदलते परिवेश में विविधताओं का संगम बन गया है। […] Read more » असत्य पर सत्य की विजय का पर्व होली