धर्म-अध्यात्म ईश्वर की उपासना से उपासक को ज्ञान व ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं December 11, 2020 / December 11, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जब किसी कार्य को उचित रीति से ज्ञानपूर्वक करता है तो उसका इष्ट व प्रयोजन सिद्ध होता है। उपासना भी ईश्वर को उसके यथार्थ स्वरूप में जानकर उचित विधि से करने पर ही सार्थक व लाभकारी सिद्ध होती है। उपासना के लिये ही प्राचीन काल में ऋषि पतंजलि ने योगदर्शन […] Read more » ईश्वर की उपासना
धर्म-अध्यात्म ब्रह्मचर्यादि चार आश्रमों में गृहस्थ आरम्भ ही ज्येष्ठ है December 10, 2020 / December 10, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवैदिक धर्म वह धर्म है जिसका आविर्भाव ईश्वर प्रदत्त ज्ञान, ‘वेद’ के पालन व आचरण से हुआ है। वैदिक धर्म के अनुसार मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त शिक्षाओं को ही मानना व आचरण करना होता है। ऐसे ग्रन्थ वेद हैं जिसमें परमात्मा के सृष्टि की आदि में दिए गये सभी वचन व शिक्षायें विद्यमान […] Read more » Brahmacharyadi is the eldest beginning of the four ashrams. चार आश्रमों में गृहस्थ आरम्भ
धर्म-अध्यात्म वेदज्ञान सृष्टि में विद्यमान ज्ञान के सर्वथा अनुकूल एवं पूरक है December 9, 2020 / December 9, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारी सृष्टि ईश्वर की रचना है। यह ऐसी रचना है जिसकी उपमा हम अन्य किसी रचना से नहीं दे सकते। ऐसी रचना ईश्वर से अतिरिक्त कोई कर भी नहीं सकता। परमात्मा प्रकाशस्वरूप एवं ज्ञानवान् सत्ता है। ज्ञानवान होने सहित परमात्मा सर्वशक्तिमान भी हैं। वह सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तयामी एवं सर्वज्ञ हैं। […] Read more » Vedic knowledge is completely compatible and complementary to the knowledge available in the universe. वेदज्ञान
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, वेद और ऋषि दयानन्द के सच्चे अनुयायी स्वामी श्रद्धानन्द December 8, 2020 / December 8, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज के इतिहास में ऋषि दयानन्द के बाद स्वामी श्रद्धानन्द जी का प्रमुख स्थान है। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने बरेली में ऋषि दयानन्द जी के दर्शन किये थे और और उनके उद्देश्यों व कार्यों को यथार्थ रूप में जाना व समझा था। उन्होंने मन वचन व कर्म से उनके कार्यों को […] Read more » a true follower of God a true follower of Vedas and sage Dayanand swami shraddhanand स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म क्या हम वास्तव में मनुष्य हैं? December 7, 2020 / December 7, 2020 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम स्वयं को मनुष्य कहते व मानते हैं। संसार में जहां भी दो पैर वाले मनुष्य की आकृति वाले प्राणी जो बुद्धि से युक्त होते हैं, उन्हें मनुष्य कहा जाता है। प्रश्न यह है कि क्या हम वास्तव में मनुष्य हैं? यदि हैं तो क्यों व कैसे है? इन प्रश्नों का […] Read more » क्या हम वास्तव में मनुष्य हैं?
धर्म-अध्यात्म देश में गुरुकुल होंगे तभी आर्यसमाज को वेद प्रचारक विद्वान मिल सकते हैं December 6, 2020 / December 6, 2020 | 2 Comments on देश में गुरुकुल होंगे तभी आर्यसमाज को वेद प्रचारक विद्वान मिल सकते हैं –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया था। इस ज्ञान को देने का उद्देश्य अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न व उसके बाद जन्म लेने वाले मनुष्यों की भाषा एवं ज्ञान की आवश्यकताओं को पूरा करना था। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत काल पर्यन्त भारत वा आर्याव्रत सहित विश्व […] Read more » वेद प्रचारक विद्वान
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार मकर सक्रान्ति पर्व का महत्व और उसको जानने से लाभ December 5, 2020 / December 5, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य सभी आवश्यक विषयों का ज्ञान प्राप्त करना चाहता है। जो ज्ञान उसे अधिक महत्वपूर्ण लगता है उसे स्मरण रखते हुए उससे लाभ प्राप्त करने में उसी प्रवृत्ति बनती है। हमारे अनेक पर्व हमें उनके महत्व से परिचित कराते हैं जिन्हें मनाकर हम उससे यथोचित लाभ लेने का प्रयास करते हैं। […] Read more » Importance of Makar Sakranti festival मकर सक्रान्ति पर्व
धर्म-अध्यात्म क्या हमें अपने पूर्वजन्म एवं पुनर्जन्म होने के सिद्धान्त का ज्ञान है? December 4, 2020 / December 4, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य हो या इतर प्राणी, सभी जन्म व मरण के चक्र में फंसे हुए हैं। संसार में हम देखते हैं कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु अवश्य होती है। जन्म से पूर्व और मृत्यु के बाद का ज्ञान कुछ आध्यात्मिक व वैदिक विद्वानों को ही होता है। कुछ ऐसे मनुष्य हैं जो […] Read more » Do we know the principle of our previous birth and rebirth previous birth and rebirth? पूर्वजन्म एवं पुनर्जन्म होने के सिद्धान्त
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज ज्ञान विज्ञान से पोषित सनातन वैदिक धर्म का रक्षक एवं प्रचारक है December 1, 2020 / December 1, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में अनेक संगठन एवं संस्थायें हैं। इन सबमें आर्यसमाज ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो मनुष्य मात्र के हित को ध्यान में रखकर ज्ञान व विज्ञान से पोषित सत्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार करता है। आर्यसमाज धर्म के नाम पर देश देशान्तर में फैले अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड तथा […] Read more » Arya Samaj is a protector and propagator of Sanatan Vedic religion enriched with knowledge science आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म के कुछ मुख्य सिद्धान्त जिनका प्रचार आर्यसमाज करता है December 1, 2020 / December 1, 2020 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म व मत है। वैदिक धर्म का प्रचलन वेदों से हुआ। वेद सृष्टि के आरम्भ में अन्य सांसारिक पदार्थों की ही तरह ईश्वर से उत्पन्न हुए। परमात्मा सत्य, चित्त व आनन्द स्वरूप है। ईश्वर के इस स्वरूप को सच्चिदानन्दस्वरूप कहा जाता है। चेतन पदार्थ ज्ञान […] Read more » Some of the main principles of Vedic religion that Aryasamaj promotes वैदिक धर्म के कुछ मुख्य सिद्धान्त
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का कर्तव्य सद्गुणों से युक्त होना तथा दुर्गुणों को हटाना है November 29, 2020 / November 29, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन व कार्यों पर दृष्टि डालते हैं तो वह अनेकानेक प्रकार के कार्य करते हुए दृष्टिगोचर होते हैं। वह जो कार्य करते हैं, उन कार्यों से यदि उनके जीवन उच्च व श्रेष्ठ बनते हैं, तो वह कार्य उन्हें अवश्य ही करने भी चाहियें। परन्तु हम पाते हैं कि मनुष्य […] Read more » The duty of a human being is to have virtues and remove the faults. मनुष्य का कर्तव्य मनुष्य का कर्तव्य सद्गुणों से युक्त होना
धर्म-अध्यात्म हमारा सर्वव्यापक ईश्वर परम दयालु एवं परोपकारी सत्ता है November 29, 2020 / November 29, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यअधिकांश लोग ईश्वर की सत्ता को तो मानते हैं परन्तु उन्हें ईश्वर के सत्यस्वरूप तथा उसके गुण, कर्म व स्वभाव का पर्याप्त ज्ञान नहीं है। ईश्वर के सत्यस्वरूप का ज्ञान वेद और वेदों पर आधारित ऋषियों के ग्रन्थ उपनिषद एवं दर्शन सहित सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों से भी प्राप्त होता है। वैदिक विद्वानों […] Read more » Our omnipotent God is the ultimate merciful and benevolent entity सर्वव्यापक ईश्वर सर्वव्यापक ईश्वर परम दयालु एवं परोपकारी