धर्म-अध्यात्म हैदराबाद में धर्म की आजादी के लिए आर्यसमाज का सत्याग्रह, 1939 August 1, 2020 / August 1, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हैदराबाद आजादी से पूर्व एक मुस्लिम रियासत बन गई थी। यहां हिन्दुओं को अपने धर्म का पालन व प्रचार करने पर नाना प्रकार के प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे। जैसा पाकिस्तान में विगत 70 वर्षों में हुआ है, ऐसा ही कुछ यहां होता था। आर्यसमाज को भी यहां वैदिक धर्म का […] Read more » खुशहालचन्द जी हैदराबाद में धर्म की आजादी
धर्म-अध्यात्म वेद मानवता व नैतिक मूल्यों के प्रसारक विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं July 30, 2020 / July 30, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि का आरम्भ सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान ईश्वर से सभी प्राणियों की अमैथुनी सृष्टि के द्वारा हुआ था। सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य को भाषा व ज्ञान भी परमात्मा से ही मिला। वैदिक संस्कृत भाषा सृष्टि की परमात्मा प्रदत्त आदि भाषा है तथा वेद ज्ञान मनुष्यों को परमात्मा से प्राप्त हुआ प्राचीनतम […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म विश्व में वेदों के प्रचार का श्रेय ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज को है July 28, 2020 / July 28, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के विलुप्त होने के कारण ही संसार में मिथ्या अन्धविश्वास तथा पक्षपात व दोषपूर्ण सामाजिक व्यवस्थायें फैली हैं। इससे विद्या व ज्ञान में न्यूनता तथा अविद्या व अज्ञानयुक्त मान्यताओं में वृद्धि हुई है। आश्चर्य […] Read more » ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज वेदों के प्रचार का श्रेय
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन की सार्थकता वेदाध्ययन एवं उनके आचरण में है July 27, 2020 / July 27, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य है और अपनी बुद्धि व ज्ञान का उपयोग कर हम सत्य और असत्य का निर्णय करने में समर्थ हो सकते हैं। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान सभी मनुष्यों के लिए दिया गया था। यह ज्ञान ज्ञानी […] Read more » मनुष्य जीवन की सार्थकता मनुष्य जीवन की सार्थकता वेदाध्ययन वेदाध्ययन
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का अस्तित्व सत्य सिद्ध है, वह सबका रक्षक एवं पालनकर्ता है July 27, 2020 / July 27, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुतकर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों […] Read more » he is the protector and follower of all The existence of God is proven true ईश्वर का अस्तित्व सत्य सिद्ध है
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार हरियाली तीज पर्व का महत्व और इसको मनाने की प्रासंगिकता July 23, 2020 / July 23, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य अनेक शताब्दियों से भारत मे महिलाओं द्वारा हरियाली तीज का पर्व को मनाने की परम्परा है। प्रत्येक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाया जाता है। इसे हरि तृतीया भी करते हैं। हरि का अर्थ हरियाली से है और तृतीया श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया […] Read more » Importance of Hariyali Teej festival हरियाली तीज पर्व हरियाली तीज पर्व का महत्व
धर्म-अध्यात्म आर्य-हिन्दू समाज को चुनौतियों पर विजय पाने के लिये समाज सुधार करने सहित संगठित होना होगा July 18, 2020 / July 18, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमें अपने धर्म व संस्कृति की शक्ति व सामर्थ्य का समय समय पर अध्ययन करते रहना चाहिये। हमारे सामने वर्तमान में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?, इसका भी हमें ज्ञान होना चाहिये। हमारे धर्म व संस्कृति तथा इसके अनुयायियों के विरुद्ध देश व विश्व स्तर पर कहीं कोई साजिश तो नहीं हो […] Read more » आर्य-हिन्दू समाज
धर्म-अध्यात्म एक अकेला ईश्वर सृष्टि की उत्पत्ति, पालन व प्रलय कैसे कर सकता है? July 12, 2020 / July 12, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्मी मानते हैं कि संसार में ईश्वर एक है और वही इस सृष्टि का रचयिता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। वही ईश्वर असंख्य जीवों के सभी कर्मों का साक्षी होता है तथा उन्हें उनके अनेक जन्म-जन्मान्तरों में सभी कर्मों के सुख व दुःख रूपी फल देता है। एक ईश्वरीय सत्ता के […] Read more » follow and destroy creation? ईश्वर सृष्टि की उत्पत्ति ईश्वर सृष्टि की पालन ईश्वर सृष्टि की प्रलय
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने मत-मतान्तरों की परीक्षा कर वेदानुकूल सत्य के ग्रहण का सिद्धान्त दिया July 9, 2020 / July 9, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपने ज्ञान व ऊहा से वेदों को सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को सर्वव्यापक परमात्मा से प्राप्त सत्य ज्ञान के ग्रन्थ स्वीकार किया था। इस सिद्धान्त व मान्यता की उन्होंने डिण्डिम घोषणा की है। इसके पक्ष में उन्होंने उदाहरणों सहित एवं तर्क युक्त बातें विस्तार से अपने […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मनुष्य धर्मानुसार तथा सत्य असत्य को विचार कर ही आचरण करें July 8, 2020 / July 8, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य को सबसे मूल्यवान् वस्तु उसके शरीर में बुद्धि के रूप में दी है। बुद्धि से हम ज्ञान को प्राप्त कर उसके अनुसार आचरण करते है। जिस मनुष्य की बुद्धि जितनी विकसित व शुद्ध होती है, वह उतना ही अधिक ज्ञानी कहा जाता है। सत्य ज्ञान के अनुरूप आचरण […] Read more » मनुष्य सत्य असत्य को विचार कर आचरण
लेख देश की आजादी में ऋषि ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का योगदान July 7, 2020 / July 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य माना जाता है कि देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्र्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। तथ्य यह है कि सृष्टि के आरम्भ से पूरे विश्व पर आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। आर्यों वा उनके पूर्वजों ने ही समस्त विश्व को बसाया है। सभी देशों के आदि पूर्वज आर्यावर्तीय आर्यों की […] Read more » ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म अद्वितीय महापुरुष योगेश्वर कृष्ण का जीवन प्रेरक एवं अनुकरणीय है July 6, 2020 / July 6, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार यह चार अवयव व उपकरण होते […] Read more » योगेश्वर कृष्ण