धर्म-अध्यात्म हमें अपनी आत्मा व इसके स्वरूप को जानने का प्रयत्न करना चाहिये June 16, 2020 / June 16, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं। हमारे पास मनन, चिन्तन, विचार, ध्यान व सत्यासत्य का निर्णय करने के बुद्धि है। इन साधनों से हम स्वयं अर्थात् अपनी आत्मा को भी जान सकते हैं। हम एक चेतन सत्ता है। हमारा निवास हमारे शरीर के भीतर है। हमारा शरीर हम नहीं है। शरीर तो पांच भूतों […] Read more » आत्मा
धर्म-अध्यात्म पाप कर्मों का त्याग तथा वेद धर्माचरण ही जन्म-जन्मान्तरों में सुख व उन्नति का आधार है June 15, 2020 / June 15, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को यह जन्म उसके पूर्वजन्मों के पाप–पुण्यरूपी कर्मों के आधार पर मिला है। वह इस जन्म में जो पाप व पुण्य कर्म करेगा, उससे उसका भावी जन्म निर्धारित होगा। जिस प्रकार फल पकने के बाद वृक्ष से अलग होता है, इसी प्रकार हम भी ज्ञान प्राप्ति और शुभ कर्मों को […] Read more » वेद धर्माचरण
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की उपासना मनुष्य का प्रमुख आवश्यक कर्तव्य क्यों हैं? June 11, 2020 / June 11, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के अनेक कर्तव्य होते हैं। जो मनुष्य अपने सभी आवश्यक कर्तव्यों का पालन करता है वह समाज में प्रतिष्ठित एवं प्रशंसित होता है। जो नहीं करता वह निन्दा का पात्र बनता है। मनुष्य का प्रथम कर्तव्य स्वयं को तथा परमात्मा को जानना होता है। हम स्वयं को व परमात्मा को […] Read more » ईश्वर की उपासना
धर्म-अध्यात्म मुक्ति में आत्मा को जन्म-मरण से अवकाश एवं अलौकिक सुखों की प्राप्ति June 10, 2020 / June 10, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य दुःख से घबराता है तथा सुख की प्राप्ति के लिये ही कर्मों में प्रवृत्त होता है। वह जो भी कर्म करता है उसके पीछे उसकी सुख प्राप्ति की इच्छा व भावना निहित होती है। मनुष्यों को दुःख प्राप्त न हो तथा अपनी क्षमता के अनुरूप सुख प्राप्त हो, इसके लिये […] Read more » मुक्ति
धर्म-अध्यात्म अपनी सन्तानों को वैदिक संस्कार देकर उनकी रक्षा व उन्नति कीजिये June 10, 2020 / June 10, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को जीवन में सुख व शान्ति प्राप्त हो, वह उत्तम कार्यों को करे, उसका समाज व देश में यश हो, वह स्वाधीन, सुखी, समृद्ध, ज्ञानी, सदाचारी, धार्मिक, स्वाध्यायशील, विद्वानों का सत्संगी, ऋषि दयानन्द, स्वामी श्रद्धानन्द, पं. लेखराम, पं. गुरुदत्त विद्यार्थी, वीर सावरकर आदि महापुरुषों के जीवन को पढ़ा हुआ हो, […] Read more » Protect and enhance your children by giving them Vedic rites वैदिक संस्कार
धर्म-अध्यात्म हम मनुष्य कहलाते हैं परन्तु क्या मनुष्य बनने का प्रयत्न करते हैं? June 8, 2020 / June 8, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य स्वयं को मनुष्य कहता है परन्तु मनुष्य किसे कहते हैं, इस पर वह कभी विचार नहीं करता। हमारे वैदिक विद्वान बताते हैं कि मनुष्य को मनुष्य विचारशील तथा सत्य व असत्य का मनन करने के कारण से कहते हैं। मनुष्य के पास बुद्धि होती है जिससे वह उचित–अनुचित, सत्य–असत्य, कर्तव्य–अकर्तव्य, […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज को सशक्त बनाने वाले डा. सोमदेव शास्त्री के कुछ प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय कार्य May 31, 2020 / May 31, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई आर्यसमाज के प्रमुख एवं शीर्ष विद्वानों में हैं। आपने वैदिक आर्ष प्रणाली से विद्याध्ययन किया है। आप एक प्रभावशाली वक्ता हैं। आपका व्यक्तित्व आकर्षक एवं प्रभावशाली है। आपकी व्याख्यान शैली में पाठकों को आकर्षित करने तथा उन्हें विषय से बांधे रखने की क्षमता है। आप देश भर में […] Read more » डा. सोमदेव शास्त्री
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी एवं सृष्टिकर्ता है May 31, 2020 / May 31, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम इस संसार आये और रह रहे हैं परन्तु हमें यह नहीं पता कि हम कहां से आये, हमें यहां कौन लाया व हमारे यहां लाये जाने का प्रयोजन क्या था? हमारा सामाजिक एवं शैक्षणिक वातावरण भी ऐसा है कि हमें इन प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलते। इस कारण हम इन प्रश्नों की […] Read more »
धर्म-अध्यात्म वेदों व वेदानुकूल शिक्षाओं के पालन से जीवन की उन्नति May 31, 2020 / May 31, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जो भी कर्म करता है उससे उसे लाभ व हानि दोनों में से एक अवश्य होता है। लाभ उन कर्मों से होता है जो उसके वास्तविक कर्तव्य होते हैं। मनुष्य का प्रथम कर्तव्य अपने स्वास्थ्य की रक्षा करना है। इसके लिये समय पर सोना व जागना, प्रातः ब्राह्म मुहुर्त में […] Read more » Advancement of life by following Vedas and Vedana teachings वेदानुकूल शिक्षा
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का जन्म एक बार नहीं अपितु बार-बार होते रहते हैं May 31, 2020 / May 31, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य व सभी प्राणी इस मृत्यु लोक में जन्म लेते हैं। शैशवावस्था से बाल, किशोर, युवा, सम्पूर्ति तथा वृद्धावस्था को प्राप्त होकर वह मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने अनेक विषयों पर अनेक गम्भीर प्रश्नों का समाधान किया है। जीवन के सम्बन्ध […] Read more » जीवात्मा का जन्म
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय एवं ईश्वरोपासना जीवन में आवश्यक एवं लाभकारी हैं May 26, 2020 / May 26, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य आत्मा एवं शरीर से संयुक्त होकर बना हुआ एक प्राणी हैं। आत्मा अति सूक्ष्म तत्व व सत्ता है। इसे शरीर से संयुक्त करना सर्वातिसूक्ष्म, सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अनादि, नित्य व अविनाशी ईश्वर का काम है। आत्मा स्वयं माता के गर्भ में जाकर जन्म नहीं ले सकती। आत्मा को माता […] Read more » ईश्वरोपासना स्वाध्याय स्वाध्याय एवं ईश्वरोपासना
समाज स्कूली शिक्षा विद्यार्थियों में नैतिक गुणों को विकास करने में अक्षम है May 25, 2020 / May 25, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य किसी भी देश की उन्नति, सुरक्षा व सामथ्र्य उसकी युवा पीढ़ी के नैतिक व चारित्रिक गुणों पर निर्भर करती है। बच्चों व युवाओं में यह गुण अपने प्रारब्ध, अपने माता-पिता तथा परिवेश सहित अपने आचार्यों व विद्यालयों की शिक्षा से आते हैं। देश की आजादी के बाद धर्मनिरेक्षता और प्रधानमंत्री का […] Read more » स्कूली शिक्षा