धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार वेदों का स्वाध्याय एवं वैदिक जीवन जीने का पर्व है श्रावणी पर्व July 5, 2020 / July 5, 2020 | Leave a Comment आगामी श्रावणी व रक्षाबन्धन पर्व 3 अगस्त पर– -मनमोहन कुमार आर्य श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन देश के आर्य व हिन्दू बन्धु श्रावणी पर्व को मनाते हैं। वैदिक धर्म तथा संस्कृति 1.96 अरब वर्ष पुरानी होने से विगत दो ढाई हजार वर्ष पूर्व उत्पन्न अन्य सब मत-मतान्तरों से प्राचीन हैं। वैदिक धर्म के […] Read more » रक्षाबन्धन पर्व 3 अगस्त वेदों का स्वाध्याय श्रावणी पर्व 3 अगस्त श्रावणी व रक्षाबन्धन पर्व 3 अगस्त
धर्म-अध्यात्म ईश्वर और वेद ही संसार में सच्चे अमृत हैं July 4, 2020 / July 4, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन सनातन, अनादि, अविनाशी, नित्य व अमर सत्तायें हैं। यह हैं ईश्वर, जीव और प्रकृति। अमृत उसे कहते हैं जिसकी मृत्यु न हो तथा जिसमें दुःख लेशमात्र न हों और आनन्द भरपूर हो। ईश्वर अजन्मा अर्थात् जन्म-मरण धर्म से रहित है। अतः ईश्वर मृत्यु के बन्धन से मुक्त होने […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का जन्म एक बार नहीं अपितु बार-बार होता रहता है July 3, 2020 / July 3, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य व सभी प्राणी इस मृत्यु लोक में जन्म लेते हैं। शैशवावस्था से बाल, किशोर, युवा, सम्पूर्ति तथा वृद्धावस्था को प्राप्त होकर वह मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने अनेक विषयों पर अनेक गम्भीर प्रश्नों का समाधान किया है। जीवन के सम्बन्ध […] Read more » The person is born not once but again and again जीवात्मा का जन्म
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का ध्यान करते हुए साधक को होने वाले कतिपय अनुभव July 2, 2020 / July 2, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का आत्मा चेतन सत्ता वा पदार्थ है। उसका कर्तव्य ज्ञान प्राप्ति व सद्कर्मों को करना है। ज्ञान ईश्वर व आत्मा संबंधी तथा संसार विषयक दो प्रकार का होता है। ईश्वर भी आत्मा की ही तरह से चेतन पदार्थ है जो सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, निराकार, सर्वव्यापक एवं सर्वान्तर्यामी सत्ता है। ईश्वर व […] Read more » Certain experiences of a seeker while meditating on God ईश्वर का ध्यान
धर्म-अध्यात्म हम ईश्वर के परिवार के अनन्त सदस्यों में से एक सदस्य हैं July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में आये तो यहां हमारा प्रथम परिचय अपने माता-पिता से हुआ। हमसे पहले भी हमारे भाई बहिन उत्पन्न हुए थे तथा बाद में भी। हमारे दादा-दादी, नाना-नानी, मामा तथा चाचा आदि के परिवार भी थे। बस इन्हीं कुछ लोगों को हम अपना परिवार मानते हैं। हमें लगता है […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म स्वस्थ मन सभी भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नतियों का आधार है July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सामान्य मनुष्य आज तक अपनी आत्मा के अन्तःकरण में विद्यमान एवं कार्यरत मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार उपकरणों को यथावत् रूप में नहीं जान पाया है। मनुष्य को मनुष्य उसमें मन नाम का एक करण होने के कारण कहते हैं जो संकल्प विकल्प व चिन्तन-मनन करता है। मनुष्य का मन आत्मा […] Read more » स्वस्थ मन
धर्म-अध्यात्म आत्मा एक अनादि द्रव्य है जिसकी सिद्धि उसके गुणों से होती हैं July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनश्वर एवं नश्वर अनेक पदार्थ हैं जिनकी सिद्धि उनके निजी गुणों से होती है। वह गुण सदा उन पदार्थों में रहते हैं, उनसे कभी पृथक नहीं होते। अग्नि में जलाने का गुण है। वायु में स्पर्श का गुण है, जल में रस है जिसे हमारी रसना व जिह्वा अनुभव […] Read more » The soul is a eternal substance that is attained by its qualities " आत्मा
समाज दुष्ट व्यक्ति विद्वान भी हो तब भी उसका संग नहीं करना चाहिये July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य वैदिक साहित्य में वेद से इतर ऋषियों व विद्वानों के अनेक ग्रन्थ उपलब्ध हैं जिनमें जीवन को अपने लक्ष्य आनन्द व मोक्ष तक पहुंचाने के लिये उत्तम विचार व शिक्षायें दी गई हैं। ऐसी ही एक शिक्षा है कि मनुष्य को दुष्ट व्यक्तियों की संगति नहीं करनी चाहिये। इसका परिणाम यह […] Read more » one should not associate with him दुष्ट व्यक्ति विद्वान
धर्म-अध्यात्म सर्वज्ञ ईश्वर से ही सर्गारम्भ में चार ऋषियों को चार वेद मिले थे July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना अपितु एक पूर्ण ज्ञानवान सर्वज्ञ सत्ता ईश्वर के द्वारा बना है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, सर्वव्यापक, सर्वातिसूक्ष्म, एकरस, अखण्ड, सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। जो काम परमात्मा ने किये हैं व करता है, वह काम किसी मनुष्य के वश की बात नहीं है। […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म सूर्य समान प्रकाशवान तथा अंधकार से रहित ईश्वर को हम जानें July 1, 2020 / July 1, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर है या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर ‘ईश्वर है’ शब्दों से मिलता है। ईश्वर होने के अनेक प्रमाण हैं। वेद सहित हमारे सभी ऋषि आप्त पुरुष अर्थात् सत्य ज्ञान से युक्त थे। सबने वेदाध्ययन एवं अपनी ऊहापोह शक्ति से ईश्वर को जाना तथा उसका साक्षात्कार किया था। यजुर्वेद 31.18 मन्त्र […] Read more » सूर्य
धर्म-अध्यात्म पापों में वृद्धि का कारण ईश्वर द्वारा जीवों को प्राप्त स्वतन्त्रता का दुरुपयोग June 18, 2020 / June 18, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में मनुष्य पाप व पुण्य दोनों करते हैं। पुण्य कर्म सच्चे धार्मिक ज्ञानी व विवेकवान लोग अधिक करते हैं तथा पाप कर्म छद्म धार्मिक, अज्ञानी, व्यस्नी, स्वार्थी, मूर्ख व ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ लोग अधिक करते हैं। इसका एक कारण यह है कि अज्ञानी लोगों को कोई भी बहका […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म जन्म-मृत्यु का चक्र आत्मा की मुक्ति व अनन्तकाल तक चलेगा June 17, 2020 / June 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य विज्ञान एवं दर्शन का नियम है कि अभाव से भाव पदार्थ उत्पन्न नहीं होता और भाव पदार्थों का अभाव नहीं होता। इसी आधार पर ईश्वर, जीवात्मा और इस सृष्टि का उपादान कारण त्रिगुणात्मक प्रकृति भाव पदार्थ सिद्ध होते हैं जो सदा से हैं तथा जिनका अभाव कभी नहीं होगा। यदि इस […] Read more » जन्म-मृत्यु का चक्र