धर्म-अध्यात्म हम ईश्वर की आज्ञा के पालन, सुख एवं वायु शुद्धि हेतु यज्ञ करते हैं December 11, 2019 / December 11, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेदों के मर्मज्ञ व विख्यात विद्वानों में अपूर्व ऋषि दयानन्द सरस्वती ने वेदों पर आधारित आर्य-हिन्दुओं के पांच कर्तव्यों वा यज्ञों पर प्रकाश डाला है और इन यज्ञों को करने की पद्धति भी लिखी है। आर्य–हिन्दुओं के धर्म और संस्कृति का आधार किसी अल्पज्ञ मनुष्य की अविद्या से युक्त मान्यतायें नहीं […] Read more » yagya for air purification वायु शुद्धि हेतु यज्ञ
लेख सन् 1909 में पटियाला राजद्रोह केस में अंग्रेज सरकार का आर्यसमाज व इसके अनुयायियों पर अत्याचार December 11, 2019 / December 11, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य पराधीनता के युग में अंग्रेज सरकार ने आर्यसमाज के प्रति कू्ररता का परिचय दिया था। इसके सदस्यों को अकारण परेशान किया जाता था। आर्यसमाजियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती थी और जो नौकरी में होते थे उन्हें नौकरी से किसी न किसी आरोप में निकाल दिया जाता था। वह आर्यसमाज के […] Read more » In 1909 in Patiala treason case पटियाला राजद्रोह केस
धर्म-अध्यात्म वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त सत्य नियमों पर आधारित यथार्थ दर्शन है December 9, 2019 / December 9, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म सृष्टि का सबसे पुराना धर्म है। यह धर्म न केवल इस सृष्टि के आरम्भ से प्रचलित हुआ है अपितु इससे पूर्व जितनी बार भी प्रलय व सृष्टि हुई हैं, उन सब सृष्टि कालों में भी एकमात्र वैदिक धर्म ही पूरे विश्व में प्रवर्तित रहा है। इसका कारण यह है […] Read more »
धर्म-अध्यात्म हे ईश्वर! आप हमें भौतिक व आध्यात्मिक उन्नति के लिए सद्बुद्धि प्रदान करें” December 6, 2019 / December 6, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य को शरीर दिया है जिसमें अनेक बाह्य एवं आन्तरिक अंग–प्रत्यंग हैं। इन अंगों में एक अंग बुद्धि भी है जिससे मनुष्य संकल्प–विकल्प व चिन्तन–मनन करते हुए सत्य व असत्य की समीक्षा करता है। संसार में ज्ञान दो प्रकार है जिसे हम सद्ज्ञान व मिथ्याज्ञान कह सकते हैं। दोनों […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म क्या हम मनुष्य हैं? December 5, 2019 / December 5, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन आर्य हम स्वयं मनुष्य कहते व मानते हैं। संसार में जहां भी दो पैर वाले मनुष्य की आकृति वाले प्राणी जो बुद्धि से युक्त होते हैं, उन्हें मनुष्य कहा जाता है। प्रश्न यह है कि क्या हम मनुष्य हैं? यदि हैं तो क्यों व कैसे है? इन प्रश्नों का उत्तर देने से पूर्व […] Read more » ‘क्या हम मनुष्य हैं?’
धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र हवन-यज्ञ से वायु-वर्षा जल एवं पर्यावरण की शुद्धि सहित अनेकानेक स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक लाभ December 5, 2019 / December 5, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के सुख का मुख्य आधार शुद्ध वायु एवं जल के सेवन सहित भूख से कुछ कम सीमित मात्रा में शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन है। हमारे पूरे शरीर में रक्त भ्रमण करता है जो अनेक कारणों से दूषित होता रहता है। ईश्वर ने हमारे रक्त को शुद्ध करने का शरीर […] Read more »
धर्म-अध्यात्म देश में गुरुकुल होंगे तभी आर्यसमाज को वेदप्रचारक विद्वान बन सकते हैं December 4, 2019 / December 4, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया था। इस ज्ञान को देने का उद्देश्य अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न व उसके बाद जन्म लेने वाले मनुष्यों की भाषा एवं ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करना था। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत काल पर्यन्त भारत वा आर्यावत्र्त सहित विश्व […] Read more » gurukul गुरुकुल
धर्म-अध्यात्म “स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान” December 3, 2019 / December 3, 2019 | Leave a Comment आर्यसमाज के महाधन स्वामी दर्शनानन्द जी– -मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दर्शनानन्द जी का आर्यसमाज के गौरवपूर्ण इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। आपका जन्म माघ मास की दशमी के दिन व्रिकमी संवत् 1918 को 158 वर्ष पूर्व पिता पं0 रामप्रताप जी के यहां हुआ था। दर्शनानन्द जी की माता का नाम हीरा देवी था। जन्म […] Read more » स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सदा-सर्वदा सबको प्राप्त है किन्तु सदोष अन्तःकरण में उसकी प्रतीती नहीं होती December 3, 2019 / December 3, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक सिद्धान्त है कि संसार में ईश्वर, जीव और प्रकृति तीन अनादि व नित्य सत्तायें हैं। यह तीनों सत्तायें सदा से हैं और सदा रहेंगी। इनका अभाव कभी नहीं होगा। वेद ईश्वरीय ज्ञान होने से स्वतः प्रमाण ग्रन्थ है। वेदों में ईश्वर को सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वातिसूक्ष्म, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, न्यायकारी, सबके कर्मों का […] Read more »
लेख जहां नारी का सम्मान नहीं होता वहां देवता समान अच्छे मनुष्य नहीं होते December 3, 2019 / December 3, 2019 | 1 Comment on जहां नारी का सम्मान नहीं होता वहां देवता समान अच्छे मनुष्य नहीं होते -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने सृष्टि में अनेक प्राणियों को बनाया है जिनमें एक मनुष्य भी है। मनुष्य योनि में मनुष्य के दो भेद स्त्री व पुरुष होते हैं। मनुष्य अल्पज्ञ होता है। इसका अर्थ है कि मनुष्य में जो चेतन अनादि व नित्य जीव है वह अल्प ज्ञान वाला है। उसको पूरा–पूरा ज्ञान […] Read more » Hyderabad mass rape and murder case rape and murder case नारी का सम्मान
प्रवक्ता न्यूज़ संसार के राजा ईश्वर का कहीं कोई प्रतिद्वंदी नहीं December 1, 2019 / December 1, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम इस ब्रह्माण्ड के पृथिवी नामी ग्रह पर रहते हैं। इस ब्रह्माण्ड को सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, नित्य तथा सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने बनाया है और वही इसका संचालन वा पालन कर रहा है। ईश्वर के समान व उससे बड़ी उस जैसी कोई सत्ता नहीं है। उसका अपना स्वभाव है। वह […] Read more » no competitor of god ईश्वर का कहीं कोई प्रतिद्वंदी नहीं
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करना आर्यसमाज के लिए चुनौती है November 29, 2019 / November 29, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आदि काल से ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर आधारित वैदिक धर्म एवं तदनुकूल वैदिक संस्कृति न केवल आर्याव्रत भारत में अपितु विश्व के अनेक देशों में विद्यमान रही है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व हुई थी। तब से महाभारत काल तक पूरे विश्व में विशुद्ध वैदिक धर्म एवं […] Read more » धर्म एवं संस्कृति की रक्षा