धर्म-अध्यात्म गायत्री महामंत्र का महत्व April 23, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेदों में गायत्री मंत्र के नाम से एक मंत्र आता है जो निम्न है। इसे गायत्री मंत्र इस लिये कहते हैं कि इसे गाया जाता है और यह मंत्र गायत्री छन्द निबद्ध है। इसे गुरू मंत्र भी कहते हैं। इस कारण कि गुरुकुल में प्रवेश करते समय आचार्य अपने ब्रह्मचारी को प्रथम […] Read more » Featured आत्मा ईश्वर ऋषि दयानन्द मनुष्य
धर्म-अध्यात्म “सच्ची आध्यात्मिकता के उन्नायक व पुरस्कर्ता ऋषि दयानन्द” April 21, 2018 | Leave a Comment “सच्ची आध्यात्मिकता के उन्नायक व पुरस्कर्ता ऋषि दयानन्द” –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द (1825-1883) को सारा संसार जानता है। सभी मत-मतान्तरों के आचार्य भी उन्हें व उनके बनाये सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ को जानते हैं। उन्होंने धार्मिक जगत में ऐसी क्रान्ति की जिसने सभी मत-मतान्तरों की अविद्या की पोल खोल दी। उनके आने से पूर्व सभी मत-मतान्तरों […] Read more » Featured आध्यात्मिक ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्य ऋषि दयानन्द प्रवचन वैदिक विद्वान
धर्म-अध्यात्म ‘संसार में अनादि पदार्थ कितने व कौन कौन से हैं?’ April 20, 2018 | Leave a Comment ‘संसार में अनादि पदार्थ कितने व कौन कौन से हैं?’ -मनमोहन कुमार आर्य, हम जब आंखे बन्द करते हैं तो हमें कुछ दिखाई नहीं देता और जब आंखों को खोलते हैं तो हमें यह संसार दिखाई देता है। इस संसार में सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, नक्षत्र, लोक लोकान्तर आदि अनेक ग्रह व उपग्रह हैं। इनकी संख्या […] Read more » Featured ईश्वर चन्द्र जीवात्माओं नक्षत्र पृथिवी ब्रह्माण्ड सूर्य सृष्टिकर्ता
धर्म-अध्यात्म संसार में अनादि पदार्थ कितने व कौन कौन से हैं?” April 19, 2018 | Leave a Comment “संसार में अनादि पदार्थ कितने व कौन कौन से हैं?” –मनमोहन कुमार आर्य हम जब आंखे बन्द करते हैं तो हमें कुछ दिखाई नहीं देता और जब आंखों को खोलते हैं तो हमें यह संसार दिखाई देता है। इस संसार में सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, नक्षत्र, लोक लोकान्तर आदि अनेक ग्रह व उपग्रह हैं। इनकी संख्या […] Read more » Featured ईश्वर ब्रह्माण्ड मनुष्य योनि सृष्टि
धर्म-अध्यात्म आदर्श गुरु स्वामी विरजानन्द और आदर्श शिष्य स्वामी दयानन्द April 16, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आदर्श मनुष्य का निर्माण आदर्श माता, पिता और आचार्य करते हैं। ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि वह सन्तान भाग्यशाली होती है जिसके माता, पिता और आचार्य धार्मिक होते हैं। धार्मिक होने का अर्थ है कि जिन्हें वेद व वेद परम्पराओं का ज्ञान होता है। ऋषि दयानन्द भाग्यशाली थे कि उन्हें […] Read more » Featured असमानता आदर्श ऋषि दयानन्द छूआछूत ज्योतिष पिता . आचार्य माता सामाजिक स्वामी विरजानन्द
धर्म-अध्यात्म वेद और सत्यार्थप्रकाश के स्वाध्याय को जीवन का अंग बनायें April 13, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जीवात्मा अल्पज्ञ होता है। अल्पज्ञ होने के कारण इसे ज्ञान अर्जित करना होता है। ज्ञान माता-पिता व आचार्यों सहित पुस्तकों वा ग्रन्थों से प्राप्त होता है। माता-पिता का ज्ञान तो सीमित होता है अतः उनसे जितना सम्भव हो वह ज्ञान तो लेना ही चाहिये। इसके अतिरिक्त विद्यालय जाकर आचार्यों से […] Read more » Featured ईश्वर उपनिषद उपासना चरक ज्योतिष धर्म व अधर्म बन्धन व मोक्ष मनुस्मृति विद्या व अविद्या सत्य ज्ञान सुश्रुत सृष्टि
धर्म-अध्यात्म तीन चेतन देवता माता, पिता और आचार्य April 13, 2018 / May 19, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेदों में देव और देवता शब्द का प्रयोग हुआ है। देव दिव्य गुणों से युक्त मनुष्यों व जड़ पदार्थों को कहते हैं। परमात्मा अर्थात् ईश्वर परमदेव कहलाता है। देव शब्द से ही देवता शब्द बना है। देवता का अर्थ होता है जिसके पास कोई दिव्य गुण हो और वह उसे दूसरों को […] Read more » Featured आचरण आदरणीय गुरुकुलों पिता भाषा मनुष्य माता वैदिक साहित्य शब्द सम्मानीय सामाजिक व राजनैतिक
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के बन्धन और मोक्ष पर ऋषि दयानन्द के तर्क व युक्तिसंगत विचार April 11, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में हम एक सामान्य नियम देखते हैं कि यहां अच्छे काम करने वाले को सम्मानित किया जाता है और बुरे काम करने वालों को दण्डित किया जाता है। मनुष्य जीवन में आत्मा यदि अच्छे काम करती है तो परमात्मा की ओर से उसको उसके अच्छे कर्मों के फल के रूप में […] Read more » Featured आकर्षण इच्छा उत्साह क्रिया गति गन्धग्रहण दर्शन द्वेष निश्चय पराक्रम प्रेम प्रेरणा बल भीषण विभाग विभाजक विवेचन श्रवण संयोग...!! संयोजक संसार स्पर्शन स्मरण स्वादन
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की प्राप्ति के कुछ सरल साधन April 10, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर क्या है? ईश्वर एक सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान और निराकार सत्ता है जिसने इस सृष्टि को बनाकर धारण किया हुआ है। वह ईश्वर अनादि, सनातन व अविनाशी जीवात्माओं को अनादि काल से उनके जन्म-जन्मान्तर के कर्मों के अनुसार सुख व दुःख रूपी फल देने के लिए इस सृष्टि का निर्माण व […] Read more » Featured अज्ञानी ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ज्ञान धर्म मनुष्यों विज्ञान विद्वानों
धर्म-अध्यात्म पूजा क्या, किसकी, कैसे व क्यों करें? April 9, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जानता है कि वह अपूर्ण हैं। उसे अपने कार्यों को पूरा करने में दूसरे मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जहां मनुष्यों की सहायता से काम नहीं चलता क्योंकि मनुष्य वह कार्य नहीं कर सकते जिसकी हमें अपेक्षा होती है। ऐसा देखा गया है कि […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आचार्य दयालु निराकार निर्विकार न्यायकारी परिवार व समाज पिता मनुष्य माता सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सृष्टिकर्ता
समाज नशे से पतन की ओर बढ़ता देश और समाज April 9, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार की सबसे श्रेष्ठ कृति है जिसे सर्वोत्कृष्ट, ज्ञानवान, पवित्र व धार्मिक स्वभाव वाले परमेश्वर ने अपने सर्वज्ञ व परमोत्कृष्ट ज्ञान से बनाया है। मनुष्य को परमात्मा ने क्यों बनाया? इस प्रश्न का उत्तर हमें वेद और ऋषियों द्वारा वेदों के व्याख्यान रूप में लिखे गये शास्त्रों व ग्रन्थों से […] Read more » Alcoholism decline due to alcoholism Featured नशे से पतन
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द का जीवनोत्थान करने वाला एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ व्यवहारभानुः April 7, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द जी समग्र क्रान्ति के प्रणेता थे। वह अद्वितीय समाज सुधारक हुए हैं जिनका प्रभाव न केवल भारत में ही हुआ अपितु संसार के सभी मत-पन्थों व उनके धर्म के ग्रन्थों पर भी हुआ। एक उदाहरण यह है कि ‘रामचरितमानस’ में एक वाक्य मिलता था ‘ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, ये […] Read more » Featured व्यवहारभानुः