धर्म-अध्यात्म जीवन को पहचानो March 25, 2025 / March 25, 2025 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज ऋग्वेद में लिखा है- मनुर्भव जनया देव्यं जनम् अर्थात मनुष्य को अपने आप को सच्चा मनुष्य बनाना चाहिए और दिव्य गुणों वाली संतानों को जन्म देना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो सुयोग्य मनुष्यों के निर्माण में लगातार प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति किसी पद पर पहुंचे या ना पहुंचे पर उसे सच्चा व्यक्ति और […] Read more » जीवन को पहचानो
लेख भाषा विवाद नहीं, संवाद है। March 10, 2025 / March 11, 2025 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज 21वीं सदी के सभी माध्यमों ने देश-दुनिया की दूरियों को कम कर दिया है और विश्वग्राम (ग्लोबल विलेज) की परिकल्पना को सार्थक सिद्ध कर दिया है। इस अत्याधुनिक दौर में चलत-फि़रते, सोते-जागते, यहाँ-वहाँ, देश-दुनिया का व्यक्ति आपस में जुड़ा हुआ है। वह देश-दुनिया की घटनाओं को जानने, समझने, सुनने और देखने में सक्षम भी दिखाई दे रहा […] Read more » भाषा संवाद है
लेख चाल का जाल February 17, 2025 / February 17, 2025 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज व्यक्ति जब किसी समाज का सदस्य बनता है तो वह उस समाज में रहने के लिए, उसके सदस्यों से सम्बन्ध बनाए रखने के लिए उस समाज के तौर-तरीके, आचार-व्यवहार और भाषा को सीखता है, इससे वह अन्य सदस्यों के साथ भली-भाँति उठ बैठ सकता है और उसके व्यवहार में कोई बात अनुचित न लगे ऐसा […] Read more »
लेख सेवा का फल सेवा January 14, 2025 / January 14, 2025 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज सेवा समर्पण का भाव है। समाज और सामाजिक दायित्वबोध दोनों ही शब्द महत्वपूर्ण है। समाज हमें जीने का तरीका और हमें उससे बंधे रहने का तरीका सिखा देता है। दूसरी ओर सामाजिक दायित्वबोध हमें कितने ही रिश्ते, नाते और कड़ियों से जोड़े रखता है। समाज के हित में ही व्यक्ति का हित छिपा […] Read more » fruit of service service सेवा का फल सेवा
कला-संस्कृति कुम्भ : एक परिचय January 3, 2025 / January 2, 2025 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज भारतीय सनातन संस्कृति में कुम्भ हमारी आस्था, भक्ति, शक्ति, ज्ञान, योग, दर्शन, ज्योतिष, धर्मशास्त्र, जीवन ज्योति, समाज, शिक्षा, दीक्षा आदि सभी तथ्यों से जुड़ा हुआ है। कुम्भ को लेकर कितनी ही समाज जीवन में कहावतें भी हैं- जब कोई काम एक बार में सफल नहीं हो पता तो सामान्यतः लोग यह कहते […] Read more » kumbh: An Introduction कुम्भ
लेख अकेलेपन को दूर भगाओ December 30, 2024 / December 30, 2024 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज व्यक्ति देश-दुनिया कहीं का भी हो वह एक सामाजिक प्राणी है, समाज के बिना उसका कोई अस्तित्व नहीं है। समाज की सबसे छोटी इकाई व्यक्ति है। व्यक्ति से परिवार, संयुक्त परिवार, पड़ोस, समाज, गांव, देश और दुनिया बनती है। सही मायनों यह सभी एक दूसरे के पूरक हैं, एक दूसरे के सहयोगी […] Read more » अकेलेपन को दूर भगाओ
लेख सुधरेंगे नहीं तो मिट जायेंगे November 22, 2024 / November 22, 2024 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज मैंने धर्मपत्नी से कहा कि पिछले दो दिन से मैले ही कपड़े पहन रहा हूं तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा- नहीं, कपड़े तो मैं रोजाना धो रही हूं. मैंने गलती एक कर दी कि कपड़े छत पर सुखा दिए और प्रदूषण के चलते छत पर सूखने से ज्यादा गंदे हो गए। अब बताओ क्या करें। मैं […] Read more » प्रदूषण
लेख डिजिटल अरेस्ट और फ्रॉड से सावधान November 22, 2024 / November 22, 2024 | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज इंटरनेट की इस युग में सूचनाओं की बाढ़ आ गई है, यह विचार हमें बहुत बार सुनाई देता है। विचार करें तो बाढ़ अपने साथ सभी कुछ बहा कर ले जाती है. जो नहीं बहा, वह नष्ट हो जाता है। ठीक इसी प्रकार सूचनाओं के दौर में सूचना तंत्र से केवल लाभ […] Read more » डिजिटल अरेस्ट