धर्म-अध्यात्म पश्चिम में हिन्दू रीति-रिवाजों से विवाह करवाने की होड़ January 13, 2011 / December 16, 2011 | Leave a Comment हरिकृष्ण निगम भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त कुछ प्रतिभाओं द्वारा भारतीय रीति-रिवाजों के साथ विवाह करवाने के समाचारों की आज जैसे बाढ़ सी आ गई है। अब तो अमेंरिका में भी हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचने की होड़ सी लगती दिखती है। राजसी ठाठ-बाट, पारंपरिक भारतीय व्यंजनों एवं विधि-विधानों और सजावटों […] Read more » Hindu Marrige हिंदू विवाह
धर्म-अध्यात्म भारतीय चिंतन में ब्रह्म निरूपण January 13, 2011 / December 16, 2011 | 1 Comment on भारतीय चिंतन में ब्रह्म निरूपण हृदयनारायण दीक्षित अस्तित्व सुरम्य है। रूपों रहस्यों से भरा-पूरा। यहां रूप के साथ रस, गंध, ध्वनि छन्द का वातायन है। जन्म मृत्यु की आंख मिचौनी है। ऐसा विराट अस्तित्व क्या अकारण है? प्रत्येक कार्य के पहले कारण होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण में कार्य कारण की महत्ता है। ‘श्वेताश्वतर उपनिषद्’ की शुरूवात सृष्टि के बारे में […] Read more » Indian भारतीय
विविधा युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद January 12, 2011 / December 16, 2011 | 1 Comment on युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद अवनीश सिंह स्वामी विवेकानंद ने भारत में हिन्दू धर्म का पुनरुद्धार तथा विदेशों में सनातन सत्यों का प्रचार किया। इस कारण वे प्राच्य एवं पाश्चात्य देशों में सर्वत्र समान रूप से श्रद्धा एवं सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। दुनिया में हिंदू धर्म और भारत की प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद एक आध्यात्मिक हस्ती […] Read more » Swamy Vivekanand स्वामी विवेकानंद
विविधा लोकगायक बालेश्वर: ‘माटी के देहियां माटी में’ January 11, 2011 / December 16, 2011 | 2 Comments on लोकगायक बालेश्वर: ‘माटी के देहियां माटी में’ प्रदीप चन्द्र पाण्डेय लोकगायक बालेश्वर को शायद यह पता नहीं था कि ‘ माटी के देहिया माटी में’ जिस गीत को वे डूबकर गाया करते थे उनका भी अंतिम समय इतना करीब आ गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कला प्रेमियों के लिये बालेश्वर का निधन हतप्रभ कर देने वाला है। अरे रे, रे रे […] Read more » Singer लोकगायक बालेसर
विविधा द्रोणाचार्य या चाणक्य? January 11, 2011 / December 16, 2011 | 2 Comments on द्रोणाचार्य या चाणक्य? शशांक शेखर सर्वविदित है कि भारत विविधताओं का देश रहा है। यहाँ गुरु को गोविन्द से ऊपर का स्थान दिया जाता है। भारत सदैव अपने अस्तित्व को महान बनाए रखने के लिए अतीत का सहारा लेता आया है। साथ ही वर्तमान के धुरंधरों को सम्मानित करने के लिए अतीत के महान व्यक्तियों के नाम को […] Read more » Chanakya चाणक्य
कविता कविता / कपूत January 11, 2011 / December 16, 2011 | 2 Comments on कविता / कपूत कितने तीर्थ किये माता ने और मन्नत के बांधे धागे! चाह लिए संतति की मन में, मात-पिता फिरते थे भागे! सुनी प्रार्थना ईश ने उनकी मैं माता के गर्भ में आया! माना जन्म सार्थक उसने हुई विभोर ज्यों तप-फल पाया नौ-दस मास पेट में ढोया पर माथे पर शिकन न आई! सही उसने प्राणान्तक पीड़ा […] Read more » poem कविता
विविधा आतंक की निरंतरता January 11, 2011 / December 16, 2011 | 1 Comment on आतंक की निरंतरता संदीप कुमार श्रीवास्तव 7 दिसम्बर को भारत के प्रमुख पर्यटक स्थल वाराणसी में बम विस्फोट होता है। जिसमें दो निर्दोष लोगों की जान जाती है। एक दिन बाद गाजियाबाद के किसी साईबर कैफे से आंतकियों की धमकी आती है कि अगर भारत ने अमेरिका का सहयोग करना बन्द न किया तो काफिरों के खिलाफ ऐसे […] Read more » terrorism आतंकवाद
विविधा भेड़ों की दहाड़ से सहमा सिंह January 10, 2011 / December 16, 2011 | 2 Comments on भेड़ों की दहाड़ से सहमा सिंह हिमांशु द्विवेदी चिड़ियाघर के पिंजरे में बंद सिंह के सामने बच्चे भी आंख दिखा लेते हैं और जंजीरों में बंधे गजराज के आगे चूहे भी कूल्हे मटका लेते हैं। हैरत तो तब होती है जब शेर अपनी मांद में महज इसलिए दुबक जाये, क्योंकि बाहर भेडें बेखौफ दहाड़ रही हैं। जंगल में यह अचरज भरा […] Read more » national flag तिरंगा राष्ट्रध्वज
विविधा देश की समस्या और भारतीय नेता January 10, 2011 / December 16, 2011 | 1 Comment on देश की समस्या और भारतीय नेता – पंकज देश में नक्सलियों, माओवादियों और अलगाववादियों की समस्या से दो चार हो रहे देश के लिए पडोसी चीन और आतंकवाद के लिए स्वर्ग माने जाने वाले पाकिस्तान के बीच कथित सांठगांठ चिंता का विषय बन गयी है लेकिन हमारे देश के रहनुमाओं को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है कि इन […] Read more » Politician नेता
विविधा मूर्ख चिंतन January 10, 2011 / December 16, 2011 | 1 Comment on मूर्ख चिंतन संतोष कुमार अरे भाई चौंकिए मत, मूर्ख भी चिंतन करते है इसके कुछ उदाहरण आपको आगे मिल जायेंगें। पहले मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं एक मूर्ख हूँ, इसका प्राथमिक प्रमाण यह है कि भाषा, शब्द, व्याकरण और विषय का समुचित ज्ञान ना होने के बावजूद मैंने लिखने की कोशिश की, और शत प्रतिशत […] Read more » Silly musings मूर्ख चिंतन
प्रवक्ता न्यूज़ वेब पत्रकारिता : चुनौतियां व संभावनाएं- अनुराग ढेंगुला January 8, 2011 / December 16, 2011 | Leave a Comment विषय विस्तार के लिए दो प्रसंगों का उल्लेख करना समीचीन होगा। प्रथम हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन का इंटरनेट की संपर्क करने और ज्ञान प्रदाता के रूप में असीम क्षमताओं को देखते हुए सार्वजनिक रूप से ‘नेटवर्किंग जी’ का अभिवादन करना और द्वितीय प्रसंग है जूलियन असांजे की रहस्योद्धाटन करनेवाली वेबसाइट ‘विकीलीक्स’ का समाज […] Read more » Web Journalism वेब पत्रकारिता वेब मीडिया
बच्चों का पन्ना सिर्फ संस्कृति ही नहीं देश के भविष्य का भी संकेतक है बालपन January 8, 2011 / December 16, 2011 | 2 Comments on सिर्फ संस्कृति ही नहीं देश के भविष्य का भी संकेतक है बालपन -पंकज किसी भी देश का बच्चा उस देश की वास्तविक स्थिति पेश करता है। वह उसके सभ्यता संस्कृति से ही साक्षात्कार नहीं कराता है बल्कि उसके भविष्य का भी स्पष्ट संकेत देता है। इस स्थापना के आलोक में देखें तो हमारे नौनिहाल जिस हाल में हैं उसे देख कर खासी निराशा होती है। लेकिन यह […] Read more » culture संस्कृति