विविधा देश में ‘सड़ता अनाज’ भूखे पेट पर लात July 24, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on देश में ‘सड़ता अनाज’ भूखे पेट पर लात -अंजू सिंह ‘दो साले पहले दुनिया के सबसे ताकतवर और प्रभावशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति ने दुनिया में होती अनाज की कमी पर कहा था कि ‘हमें अनाज की किल्लत इसलिए हो रही है क्योंकि भारत का मधयम वर्ग सम्पन्न हो रहा है।’ ये बयान सच भी है क्योंकि भारत की 52 से 55 प्रतिशत […] Read more » Rotten grain सड़ता अनाज
प्रवक्ता न्यूज़ प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान मधुरेश और ज्योतिष जोशी को July 24, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment रायपुर। द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान से प्रतिष्ठित कथाआलोचक मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान उन्हें 31 जुलाई, प्रेमचंद जयंती के दिन रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह में प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा राज्य स्तरीय प्रमोद वर्मा सम्मान से राज्य के वरिष्ठ […] Read more » Pramod Verma आलोचना प्रमोद वर्मा सम्मान स्मृति
मीडिया मीडिया का भविष्य मीडियाकर्मी के हाथ में रहे : बृजकिशोर कुठियाला July 24, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on मीडिया का भविष्य मीडियाकर्मी के हाथ में रहे : बृजकिशोर कुठियाला सुप्रसिद्ध मीडिया विशेषज्ञ एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने मीडिया की वर्तमान दशा एवं दिशा पर विचार व्यक्त करते हुए एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया कि जब मेडिकल काउंसिल का अध्यक्ष डॉक्टर होता है, बार काउंसिल का प्रमुख उसी प्रोफेशन से होता है तो फिर प्रेस काउंसिल का अध्यक्ष जस्टिस क्यों […] Read more » media मीडिया
विविधा न महंगाई की फिक्र, न बंद से मतलब July 23, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -गौतम मोरारका पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों और चौतरफा बढ़ती महंगाई के विरोध में विपक्षी दलों ने प्रभावशाली एकता दिखाते हुए सफलतापूर्वक भारत बंद को अंजाम दिया। लेकिन दूसरी ओर सरकार का रुख ऐसा है जैसे उसे देश भर में इस मुद्दे पर उबल रहे आक्रोश और असंतोष की कोई परवाह ही न हो। उसने न […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा कश्मीर में अनुभवहीनता के सबक July 23, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on कश्मीर में अनुभवहीनता के सबक -गौतम मोरारका भारतीय जनता पार्टी ने पिछले पखवाड़े के दौरान जम्मू कश्मीर की ताजा हिंसक घटनाओं के पीछे पाकिस्तान की एक खास किस्म की रणनीति की ओर संकेत किया था। पार्टी ने आधिकारिक तौर पर आरोप लगाया था कि पाकिस्तान कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी को आसान और प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा […] Read more » kashmir कश्मीर पत्थरबाजी
राजनीति भाजपा का पराभव July 23, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on भाजपा का पराभव -के. विक्रम राव राज्य सभा के चुनाव तथा झारखण्ड में गत माह सत्ता की होड़ में भाजपा के बर्ताव से उसके आचार की शालीनता और सिद्धांन्तों की शुचिता क्षुण्ण हुई है। मात्र भाजपा का उल्लेख इसलिए कि वह अपने को जुदा मानती है। अत: उसे परखना समीचीन है। भाजपाइयों ने शायद शेक्सपियर को अत्यधिक पढ़ […] Read more » Bhajpa भाजपा
धर्म-अध्यात्म हम सब अब हिंदू हैं ! – अमेरिकी साप्ताहिक ‘न्यूजवीक’ में लिजा मिलर का वक्तव्य ! July 22, 2010 / December 23, 2011 | 7 Comments on हम सब अब हिंदू हैं ! – अमेरिकी साप्ताहिक ‘न्यूजवीक’ में लिजा मिलर का वक्तव्य ! – हरिकृष्ण निगम कम से कम हमारे देश में कथिक प्रबुद्ध विचारकों को इस बात से अवश्य आश्चर्य होगा यदि कोई अमेरिकी पत्रकार विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘न्यूजवीक ‘, ( अगस्त 24 व 31, 2009) में टिप्पणी लिखे कि अमेरिका एक ईसाई राष्ट्र नहीं रहा है। सेमिटिक धर्मों की गलाकाट प्रतिद्वंदिता व अपनी-अपनी श्रेष्ठता-ग्रंथि के […] Read more » America अमेरिकी
धर्म-अध्यात्म इस्लाम का चिंतन July 22, 2010 / December 23, 2011 | 16 Comments on इस्लाम का चिंतन – हृदयनारायण दीक्षित भारत प्राचीन राष्ट्र है। सभी राष्ट्र उसके निवासियों के सह अस्तित्व से ही शक्ति पाते हैं। राष्ट्र से भिन्न सारी अस्मिताएं राष्ट्र को कमजोर करती है। भारत में जाति अलग अस्मिता है। मजहबी अस्मिता की समस्या से ही भारत का विभाजन हुआ था। गांधीजी हिन्दू-मुस्लिम की साझा आस्था बना रहे थे। आस्थाएं […] Read more » Islam इस्लाम
खेत-खलिहान गाँव खुशहाल हों तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरे July 22, 2010 / December 23, 2011 | 6 Comments on गाँव खुशहाल हों तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरे – मुलखराज विरमानी स्वयंसेवी संस्थाएं और जागरूक जनता इस बात से चिंतित है कि हमारे गाँव, 63 वर्ष स्वतंत्रता के पश्चात् भी, गरीब और असहाय क्यों हैं? माना कि खेती की उपज की वस्तुओं की कीमतों में काफी उछाल आया है परंतु इस उछाल का लाभ बीच-विचोले व्यापारियों और फुटकर विक्रेताओं ने अधिक उठाया। किसानों […] Read more » village अर्थव्यवस्था गांव
विविधा हमें अच्छा लगता है जब दूसरों के मामले को लेकर हमारे पेट में दर्द होता है July 21, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on हमें अच्छा लगता है जब दूसरों के मामले को लेकर हमारे पेट में दर्द होता है -ऋतु चटर्जी हमें अच्छा लगता है जब दूसरों के मामले को लेकर हमारे पेट में दर्द होता है। आखिर हम मीडिया वाले जो हैं। विवादित जोड़े और मीडिया वालों में काफी समानता दिखाई देती है। कारण दूसरे निजी जीवन में क्या कर रहे हैं इससे हमारा पेट दुखता है और हम चाहते हैं जब हम […] Read more » cases मामले
राजनीति आखिर केन्द्रीय जांच एजेंसियों के टारगेट में क्यों है गुजरात? July 21, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on आखिर केन्द्रीय जांच एजेंसियों के टारगेट में क्यों है गुजरात? -अक्षपाद् गौतम विगत दिनों जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गठित विशेष जांच दल के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया तो पूरे देश की नजर एक बार फिर से गुजरात के तरफ घूम गया। हालांकि मोदी ने जांच दल के समक्ष प्रस्तुत होने से पहले समाचार माध्यमों […] Read more » Gujarat गुजरात
विविधा भोजपुरी के नाम रही राजधानी की एक शाम July 21, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment “दिल्ली, बंबई, कलकत्ता, चाहें रहिह मसूरी में… पढिह-लिखिह कवनो भाषा, बतिअइह भोजपुरी में….” भोजपुरी की प्रसिद्ध गायिका भानुश्री ने मंच पर आकर जब यह गीत शुरु किया, तो एक पल के लिये ऐसा लगा मानो देश-विदेश में फैले करोडों भोजपुरी भाषियों को एक संदेश दिया जा रहा हो, कि आप कहीं भी रहें, कोई भी […] Read more » Bhojpuri भोजपुरी