लेख गरीबी के बदलते पैमाने और मायने October 6, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment राजेश कश्यप गत दिनों सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी एक रिपोर्ट में योजना आयोग ने कहा कि शहर में 32 रूपये और गाँव में 26 रूपये प्रतिदिन खर्च करने वाला व्यक्ति गरीबी रेखा (बीपीएल) की परिधि में नहीं आता है। कमाल की बात तो यह रही कि देश की शीर्ष अदालत में दाखिल […] Read more » poverty गरीबी गरीबी के बदलते पैमाने और मायने
राजनीति सरकार की लाचारी, देश पर पड़ेगी कितनी भारी? September 18, 2011 / December 6, 2011 | 1 Comment on सरकार की लाचारी, देश पर पड़ेगी कितनी भारी? राजेश कश्यप देश इन दिनों भयंकर महंगाई, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से जूझ रहा है और सत्तारूढ़ सरकार इन समस्याओं से जूड़े सवालों पर कोई जिम्मेदाराना जवाब देने की बजाय बस एक ही राग अलाप रही है कि हमारे हाथ में क्या है? वर्ष 2011 में चौथी बार पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए गए और सरकार […] Read more » Congress कांग्रेस यूपीए सरकार
सिनेमा सामाजिक समानता के लिए ‘आरक्षण’ अनिवार्य ! August 12, 2011 / December 7, 2011 | Leave a Comment राजेश कश्यप जाने माने फिल्मकार प्रकाश झा की बहुविवादित फिल्म ‘आरक्षण’ अंतत: अपनी निर्धारित तिथि 12 अगस्त को प्रदर्शित हो ही गई। पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं आन्ध्र प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के बाद तो मामला एकदम अति संवेदनशील हो गया था। पाठकों की बेसब्री को देखते हुए बता दें कि फिल्म […] Read more » Reservation आरक्षण प्रकाश झा