राकेश कुमार आर्य

राकेश कुमार आर्य

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उगता भारत’ साप्ताहिक / दैनिक समाचारपत्र के संपादक; बी.ए. ,एलएल.बी. तक की शिक्षा, पेशे से अधिवक्ता। राकेश आर्य जी कई वर्षों से देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। अब तक चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वर्तमान में ' 'राष्ट्रीय प्रेस महासंघ ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं । उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं । सामाजिक रूप से सक्रिय राकेश जी अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं। ग्रेटर नोएडा , जनपद गौतमबुध नगर दादरी, उ.प्र. के निवासी हैं।

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लेखक - राकेश कुमार आर्य - के पोस्ट :

राजनीति

नारी शक्ति और ममता बैनर्जी

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-''महिलाओं की स्थिति देखने के लिए दक्षिण एशिया के सोनागाछी घूमकर आइये जो कि यहां का सबसे बड़ा वेश्यालय है। कालीघाट, बहूबाजार, खिदिरपुर और लेबूतल्ला के वेश्यालय घूमकर आइये। महिलाएं किस प्रकार नारकीय परिवेश में यौनदासी का जीवन जीने को बाध्य हैं, देखकर आइये। किस तरह लड़कियों की तस्करी हो रही है, उनकी प्रतिदिन कोठे में बिक्री हो रही है, देखकर आइये। लड़कियां केवल दुष्कर्म की ही नहीं, सामूहिक दुष्कर्म की भी शिकार हो रही हैं। गली सडक़ों में उनका यौन उत्पीडऩ दिन-प्रतिदिन हो रहा है। घर में भी पति ससुराल वालों के किस प्रकार अत्याचार सह रही हैं-देखकर आइये। अत्याचार सहन नहीं करने पर आत्महत्या करने के लिए बाध्य हो रही हैं।

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राजनीति

कश्मीर का दर्द, देश का मर्ज और मोदी

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इधर भारत के नेतृत्व ने कश्मीर में 'नागों' को दूध पिलाना आरंभ कर दिया। गांधी की अहिंसा और भाईचारे की बातों के संदेश के साथ कश्मीर को आज तक अरबों रूपये के कितने ही पैकेज दिये गये पर वे सारे के सारे पैकेज इस बात को सत्य सिद्घ नहीं कर पाये कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।' वहां मजहब ही आपस में बैर रखना सिखाता रहा और हमारे ही लोगों को अपनी ही भूमि से अपने ही घरबार छोडक़र भागने के लिए विवश करता रहा। इधर कांग्रेस आतंकवादियों के साथ ऐसा व्यवहार करती रही जैसे कि वे बहुत बड़े देशभक्त हैं और उनकी सुरक्षा पर या उनकी सुख-सुविधा पर धन व्यय करना हमारा राष्ट्रीय कत्र्तव्य है।

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