खेत-खलिहान दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण July 10, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण -रमेश कुमार दुबे दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहां अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रूपये की वृद्धि […] Read more » Daal कुपोषण दाल-रोटी
खेत-खलिहान बदहाली के बीच खुशहाली- गुजरात की कृषि क्रांति July 5, 2010 / December 23, 2011 | 5 Comments on बदहाली के बीच खुशहाली- गुजरात की कृषि क्रांति -रमेश कुमार दुबे एक ऐसे दशक में जब देश भर में कृषि की विकास दर 2 से 2.5 फीसदी के बीच उलझी हुई हो उसी दौरान गुजरात में राष्ट्रीय औसत से तीन गुनी कृषि विकास दर चमत्कृत करती है। उम्मीद है कि आने वाले समय यह दर नौ फीसदी वार्षिक हो सकती है। अब तो […] Read more » Gujarat कृषि क्रांति गुजरात
पर्यावरण जैव ईंधन बनाम पर्यावरण September 20, 2009 / December 26, 2011 | 1 Comment on जैव ईंधन बनाम पर्यावरण आज दुनिया भर में प्रगति का पहिया जीवाश्म ईंधन(पेट्रोल, डीजल) पर ही चल रहा है। इसीलिए जैसे-जैसे कच्चे तेल की कीमतें बढ रही हैं, वैसे-वैसे इस पहिए के धीमा पड़ने की आशंका बलवती होती जा रही है। प्रगति का पहिया लगातार चलता रहे इसके लिए जीवाश्म ईंधन के विकल्पों की खोज जोर-शोर से जारी है। […] Read more » Enviroment पर्यावरण
पर्यावरण ऊर्जा संकट और उसका उपाय April 8, 2009 / December 25, 2011 | 4 Comments on ऊर्जा संकट और उसका उपाय पाषाण युग से लेकर आज तक मनुष्य निरंतर प्रगति के पथ पर चल रहा है। इस यात्रा में ऊर्जा को हम प्रगति की सीढी क़हें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जैसे-जैसे मनुष्य प्रगति की सीढियां चढता गया... Read more » power crisis in India ऊर्जा संकट
खेत-खलिहान खाली होती थाली March 30, 2009 / December 25, 2011 | Leave a Comment हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन रक्षा को एक बुनियादी अधिकार माना गया है; लेकिन सभी नागरिकों को भरपेट भोजन हासिल न हो तो इस अधिकार का क्या महत्व रह जाता है। Read more » LOSSES IN AGRICULTURE खाली होती थाली
खेत-खलिहान बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण March 4, 2009 / December 24, 2011 | 1 Comment on बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण पिछले पांच वर्षों से वर्षा में अत्यधिक कमी के कारण समूचा बुंदेलखंड अकाल की चपेट में है। नदी, तालाब, नलकूप सभी सूख चुके हैं। भुखमरी से मौतें हो रही हैं। लोग खेत-खलिहान... Read more » Invitation to famine अकाल बुंदेलखंड बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण
खेत-खलिहान श्वेत क्रांति की सच्चाई February 2, 2009 / December 22, 2011 | Leave a Comment हाल में दिल्ली में दूध की कीमतों में एक रूपये प्रतिलीटर की वृध्दि की गई। सहकारी डेयरी कंपनियों के अनुसार संग्रहण, भण्डारण, प्रसंस्करण और विपणन की बढती लागत के कारण दूध के दाम बढाना आवश्यक हो गया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। यहां प्रतिवर्ष 10.2 करोड़ टन दूध का उत्पादन […] Read more » white revolution श्वेत क्रांति
खेत-खलिहान भुखमरी की जड़ January 21, 2009 / December 22, 2011 | 5 Comments on भुखमरी की जड़ अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आईएफपीआरआई) के ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2008 के अनुसार भारत में भूख की समस्या चिंताजनक स्तर तक पहुंच गई है। भारत की स्थिति अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्र के 25 देशों से भी बदतर है। दक्षिण एशिया में सिर्फ बांग्लादेश हमसे पीछे है। यह इंडेक्स निकालने के लिए बच्चों के कुपोषण, बाल […] Read more » starvation भुखमरी
स्वास्थ्य-योग ग्रामीण स्वास्थ्य की दशा January 16, 2009 / December 22, 2011 | 3 Comments on ग्रामीण स्वास्थ्य की दशा भारत ने पिछले दशकों में स्वास्थ्य मानकों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। शिशु व मातृत्व मृत्यु दर में लगातार कमी आई है। कई गंभीर बीमारियों की समाप्ति और जीवन प्रत्याशा में भी वृध्दि हुई है। इन उपलब्धियों के बाद भी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा, विशेषकर ग्रामीण भारत उचित स्वास्थ्य देखरेख से वंचित है। अभी […] Read more » rural health ग्रामीण स्वास्थ्य