कहानी चापलूसी November 13, 2014 / November 15, 2014 | Leave a Comment अशोक अपनी मेहनत और हुनर के बल पर आज उस मुकाम पर है जिसकी दूसरे लोग कल्पना भी नही कर सकते है। सुबह के करीब दस बज रहे थे। अशोक अभी अपने कमरे में सो रहा था। टेलीफोन की घण्टी काफी देर से बज रही थी। अशोक के नौकर मोहन ने फोन उठाया। दूसरी तरफ […] Read more » चापलूसी
विश्ववार्ता जैसा बोओगे वैसा काटोगे November 9, 2014 / November 15, 2014 | Leave a Comment रविवार की शाम पाकिस्तान में बाघा बॉर्डर पर फ्लैग लोअरिंग सेरमिनी के समय हुए बम ब्लास्ट में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ऐसी घटनाएं काफी दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं। पाक को आंतक का मुखौटे के रूप में संसार देखता है। हर किसी के जुबान पर […] Read more »
कहानी एक आफिस ऐसा भी November 3, 2014 / November 15, 2014 | Leave a Comment आफिस जाना है इसका ख्याल मन में आते ही लोगों को मन में कुछ अजीब सा ऐहसास होने लगता है। बहुत सारा काम करना पड़ेगा, बॉस की डॉट सुननी पड़ेगी, अच्छा काम किया तो थोड़ी सी सराहना मिलती है। पर इस कहानी में एक ऐसा आफिस है जो आप को थोड़ा हैरान कर देगा। सुबह […] Read more » एक आफिस ऐसा भी
मीडिया वेब मीडिया की स्वीकार्यता – रवि श्रीवास्तव October 16, 2014 | Leave a Comment अख़बार, रेडियो, खबरिया चैनल के बाद सबसे तेज अपने अस्तित्व को लगातार वेब मीडिया आगे ले जा रहा है। बढ़ती सुविधाओं के साथ लोगों द्वारा आसानी से किसी वेबसाइट का प्रयोग जानकारी के लिए किया जा सकता है। बदलते जमाने के साथ अब समय की महत्वता भी महत्वपूर्ण होने लगी। लगभग वर्ष 1995 में देश […] Read more » वेब मीडिया की स्वीकार्यता
चुनाव एक नज़र हरियाणा के तोशाम पर October 5, 2014 | Leave a Comment हरियाणा में एक बार फिर चुनावी विगुल बज चुका है। हर राजनीतिक दल अपने चुनावी मुद्दों के साथ मैदान में उतर रहे हैं। एक दूसरे पर ताना कसने का सिलसिला शुरू हो गया है। विकास का ऐजेण्डा हर नेता की जुबान पर है। प्रदेश में 90 विधानसभा की सीटों पर हो रहे मतदान में उम्मीदवार […] Read more » एक नज़र हरियाणा के तोशाम पर
हिंदी दिवस खुल के मनाओ हिंदी दिवस September 14, 2014 | Leave a Comment अंग्रेजो ने आकर खेली ऐसी चाल,| पूरे देश में फैला दी अंग्रेजी का जाल | मात्र भाषा को लगे भूलने , अंग्रेजी सब लगे सीखने | इस अंग्रेजी ने देखो तो हर जगह किया है विवस जाग जाओ अब देश के वासी खुल के मनाओ हिंदी दिवस अपनी मात्र भाषा को जानो दिल में […] Read more » खुल के मनाओ हिंदी दिवस
जन-जागरण पर्यावरण कुदरत आखिर क्यों नाराज हुई ? September 12, 2014 | Leave a Comment 16 जून 2013 का दिन उत्तराखंड के लिए विनाश का ऐसा काला समय था, जिसने हज़ारों की संख्या में लोगों की ज़िंदगियों को छीन लिया । वहां जो बच भी गए, उनका घर कारोबार सब कुछ उजड़ गया। प्रकृति के इस कहर से केदारनाथ, रूद्र प्रयाग, उत्तरकाशी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। उत्तराखण्ड में आई […] Read more » कुदरत आखिर क्यों नाराज हुई ?
टॉप स्टोरी वैदिक के ये कैसे बोल ? September 9, 2014 | Leave a Comment वरिष्ठ पत्रकार और विदेशी मामलों के जानकार डॉक्टर वेदप्रताप वैदिक मुम्बई हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तान में हाफिज़ सईद से मुलाकात के बाद सवालों से घिर गए थे। पाकिस्तान दौरे पर वहां के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद भारत में मोस्ट वांटेड हाफिज सईद से मुलाकात की। सईद मुंबई पर हुए आतंकवादी […] Read more »
कविता विधान सभा चुनाव August 20, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- राज्यों का विधान सभा चुनाव , देता है अब यही सुझाव, सोच समझ कर नेता चुनना , आगे को न तुम पछताव | चुनाव करीब आने पर देखो , बना रहे सब प्रोपोगंडा, जीत मिलेगी जैसे ही उनको ,सारा मामला होगा ठंडा। सभी पार्टियाँ को तो देखो , कर रहे इक दूसरे पर […] Read more » चुनाव कविता विधान सभा चुनाव व्यंग्य कविता
कविता देश की आवाज़ पर August 13, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- देश की आवाज़ पर, मर मिटेंगे साथ हम, न किसी का डर हमें, न किसी का है गम़। वीरों के बलिदान को, व्यर्थ न जाने देंगे हम, शान है तिरंगा अपना, शान से फहराएंगे। देख के शक्ति को, दुश्मन थरराएंगे। वादा है हमारा ये, भारत माता से तो आज, प्राण निकल जाए भले, […] Read more » कविता देश की आवाज़ पर हिन्दी कविता
जन-जागरण सपना होगा पूरा August 11, 2014 / August 11, 2014 | Leave a Comment कहा जाता हैं सपने वो नहीं हैं जो आप को नींद में आए, सपने तो वह होते हैं जो पूरा होने से पहले आप को सोने न दें। ऐसा कुछ हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के साथ। कांग्रेस के दस सालों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटाले से धूमिल हुई छवि का […] Read more » सपना होगा पूरा
कविता सुहाना सपना August 9, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- सपनों ने दिखाये अरमान, देश में बनाओ अपनी पहचान, हक़ीक़त से मैं था अंजान, सपनों में था जो बहुत असान। चल दिये उसी मंजिल पर, जिसको पूरा करना था, हुआ वही जो सपना देखा, पर मेरा ख्बाव अधूरा था। हर रास्ते पर मिली ठोकरें, मंजिल तक न पहुंच पाने को, हिम्मत नहीं हारी […] Read more » कविता सुहाना सपना हिन्दी कविता