राजनीति बहुबलियो का कवच होता है राजनीतिक चुनाव April 25, 2023 / April 25, 2023 | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदी भारत वर्ष के प्रायः हर क्षेत्र में मुख्य रूप से दो वर्गों का बर्चस्व रहा है। एक को शासक और दूसरे को शासित वर्ग कहा जा सकता है। शासक बाहुबली वर्ग के बारे में लोगों की आम जन अवधारणा में कोई विशेष परिवर्तन अभी तक नही दिखता है। राजशाही तो संविधान […] Read more » बहुबलियो का कवच होता है राजनीतिक चुनाव
कला-संस्कृति लेख रुद्रांश हनुमानजी द्वारा रुद्रांश सूर्य देव को निगलना March 12, 2023 / March 12, 2023 | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदीपृथ्वी से 28 लाख गुना भगवान सूर्य देव का आकार है। क्या पता श्याम मानव जैसे कोई तथाकथित वैज्ञानिक ,यूपी के स्वामी प्रसाद मौर्या जैसा दलित समाजवादी पार्टी का एमएलसी और बिहार के शिक्षा मंत्री सेकुलर चंद्रशेखर से लेकर ना जाने कोई नास्तिक ,वामी कामी ,या गैर राष्ट्रवादी नेता भगवान सूर्य और […] Read more » Rudransh swallowing of Sun God by Rudransh Hanumanji
राजनीति विधि-कानून भारतीय संविधान के प्रारूपकार सर बी. एन. राऊ March 10, 2023 / March 10, 2023 | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदी भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। देश का कानून और संसद इसके द्वारा ही संचालित होती है। देश में जब जब कोई संकट आता या राजनीतिक विवाद होते हैं, तब-तब संविधान का ही हवाला देकर उस विवाद और संकट को हल करने की बात की जाती है। […] Read more » Sir B. N. Rau The drafter of the Indian Constitution
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के उत्कृष्टता की परम अवस्था “अवधू” या “अवधूत” March 6, 2023 / March 6, 2023 | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदीभारतीय साहित्य में यह ‘अवधू’ शब्द कई संप्रदायों के सिद्ध आचार्यों के अर्थ में व्यवहुत हुआ है। साधारणत: जागातिक द्वंद्वों से अतीत, मान- अपमान-विवर्जित, पहुँचे हुए योगी को अवधूत कहा जाता है। यह शब्द मुख्यतया तांत्रिकों, सहज यानियों और योगियों का है। सहजयान और वज्रयान नामक बौद्ध तांत्रिक मतों में ‘अवधूती वृत्ति’ […] Read more » "Avadhu" or "Avadhuta" the ultimate state of excellence of the soul
राजनीति जय श्रीराम” नाम से परहेज क्यों ? May 26, 2022 / May 26, 2022 | Leave a Comment डा.राधे श्याम द्विवेदीजय श्रीराम ( Jaya Śrī Rāma ) भारतीय में बहुत विशाल जन समूह द्वारा अपने आराध्य के सम्मान में की गई अभिव्यक्ति है, जिसका अनुवाद “भगवान राम की महत्ता” या “भगवान राम की विजय ” के रूप में किया जाता है। इस उद्घोषणा का उपयोग सनातनियो वा हिंदुओं द्वारा अनौपचारिक अभिवादन के रूप […] Read more » Why refrain from the name Jai Shri Ram
राजनीति कृषि कानूनो की वापसी: कई उठते नए सवाल November 22, 2021 / November 22, 2021 | Leave a Comment डा. राधे श्याम द्विवेदीगुरुनानक जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है।। बीते कई महीनों से जारी किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने किसानों से अब […] Read more » The repeal of agricultural laws कृषि कानूनो की वापसी
लेख विधि-कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य को और व्यवहारिक बनायें January 4, 2021 / January 4, 2021 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी कृषि उपज (जैसे गेहूँ, धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकता हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। उदाहरण के लिए, यदि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2000 रूपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है […] Read more » Make MSP more practical MSP न्यूनतम समर्थन मूल्य
धर्म-अध्यात्म लेख रामायण में त्याग मर्यादा और आदर्श की पराकाष्ठा April 5, 2020 / April 5, 2020 | Leave a Comment आचार्य राधेश्याम द्विवेदी रामायण हिन्दू स्मृति का बहुत ही कीमती अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजाराम की गाथा कही गयी। श्रीराम अवतार श्वेतवाराह कल्प के सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के चैबीसवें त्रेता युग में हुआ था, जिसके अनुसार श्रीरामचंद्र जी का काल लगभग पौने दो करोड़ वर्ष पूर्व माना जाता है। इसके सन्दर्भ में […] Read more » dignity and perfection in the Ramayana Renunciation रामायण
राजनीति ये आजादी नहीं अराजकता है December 19, 2019 / December 20, 2019 | Leave a Comment इस समय संसद से सड़क तक नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लेकर कोहराम मचा हुआ है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में इस कानून पर विरोध के सुर और मुखर हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि विरोध के पीछे का सच क्या है? क्या इस कानून ने देश के संविधान का अतिक्रमण किया है? […] Read more » amit shah on caa amit shah on nrc CAA CAB Citizenship Amendment Bill Citizenship Amendment Bill indicative of positive thinking citizenship to oppressed refugees Federalism weakened by political appeasement narendra modi on caa narendra modi on nrc political appeasement कमजोर पड़ता संघवाद राजनीतिक तुष्टीकरण
राजनीति विधि-कानून विलंब में दिया जाने वाला न्याय नही अन्याय है December 19, 2019 / December 19, 2019 | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी, एक जनतांत्रिक विकासशील देश के लिए जरूरी है कि हर आदमी को सुलभ और त्वरित न्याय मिल सके। इसके लिए राज्य को समुचित प्रबंध और दीर्घकारी स्थायी योजनाएं बनानी चाहिए। एक स्वतंत्र, निष्पक्ष व कुशल न्यायपालिका की किसी भी देश की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। नागरिकों का शासन के तीनों अंगों […] Read more » justice delayed justice denied न्याय विलंब में दिया जाने वाला न्याय
राजनीति उत्तर प्रदेश के धर्म स्थलों को गिराकर मुस्लिम इमारतों का निर्माण August 17, 2019 / August 17, 2019 | Leave a Comment उत्तर प्रदेश के धर्म स्थलों को गिराकर मुस्लिम इमारतों का निर्माण मूल लेखक : सीताराम गोयल हिन्दी लेखन : डा. राधेश्याम द्विवेदी इस सूची में उन स्थलों के नाम का उल्लेख किया गया है जो उत्तर प्रदेश में विभिन्न जिलों में समय समय पर मध्यकालीन मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा तोड़े गये हैं उस पर मुस्लिम इमारतें […] Read more » Construction of Muslim buildings demolishing the shrines uttar pradesh
समाज महत्वाकांक्षायें संतुलित एवं वास्तविक धरातल पर हों June 6, 2019 / June 6, 2019 | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी मानव के मन में ना जाने कितनी तरह की इच्छाएं जन्म लेती रहती हैं और हर व्यक्ति इसे पूर्ण करने के प्रयास में जुटा रहता है। जिन इच्छाओं में अपना महत्व या रुतबा दिखाने-बढ़ाने की चाह हो, वह महत्वाकांक्षा है। अध्यात्म महत्वाकांक्षा को अच्छा नहीं मानता। आकांक्षा स्थैतिक ऊर्जा के समान है, […] Read more » the expectations from life महत्वाकांक्षा