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जन्म 22 अप्रैल,१९४२ को श्रीनगर. डॉ० रैणा संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के सीनियर फेलो (हिंदी) रहे हैं। हिंदी के प्रति इनके योगदान को देखकर इन्हें भारत सरकार ने २०१५ में विधि और न्याय मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का गैर-सरकारी सदस्य मनोनीत किया है। कश्मीरी रामायण “रामावतारचरित” का सानुवाद देवनागरी में लिप्यंतर करने का श्रेय डॉ० रैणा को है।इस श्रमसाध्य कार्य के लिए बिहार राजभाषा विभाग ने इन्हें ताम्रपत्र से विभूषित किया है।