भारतीय क्रिकेट टीम की लंबे समय तक कप्तानी कर चुके मोहम्मद अजहरुद्दीन राजनीति में आ गए हैं। गुरुवार को उनके औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की खबर आई। हालांकि, अभी उनके लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है।कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अजहरुद्दीन ने कुछ दिन पहले कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष से चर्चा करने के बाद उन्हें पार्टी की सदस्यता का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी ने फिलहाल यह निर्णय नहीं लिया है वे आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
भारतीय टीम में शामिल रहने के दौरान अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी की नजर में ऐसे मामलों की कोई अहमियत नहीं है। इस विवाद के बारे में मोइली ने कहा कि अजहरुद्दीन के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। उन्होंने तो खुद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के विरुद्ध एक मामला दर्ज करवाया है।
बीसीसीआई के एक प्रमुख अधिकारी भी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और संप्रग सरकार के लोगों की बीसीसीआई में इन दिनों गहरी पैठ है। ऐसे में सही कौन है यह साफ नहीं हो पा रहा है।
मीडिया में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजहरुद्दीन हैदराबाद से चुनाव लड़ सकते हैं। यदि ऐसा होता है और वे चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें संसद में बल्लेबाजी का अवसर मिल जाएगा। वे मैच फिक्सिंग विवाद के कारण भारतीय टीम से बाहर हो गए थे। लेकिन अब भी उनके चाहने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है।
वहाँ फिक्सिंग किसके साथ करने जा रहे हैं?
अब कांग्रेस क्युँकर ऐसा मौका छोड़ने लगी। कहावत नही सुनी-“”चोर चोर मौसेरे भाई।”सो कोई आश्चर्य नही ।
फिक्सर को फिक्सर मिले, मिले चोर को चोर |
अधिक को अधिकतर मिले, मिले थोर को थोर ||