–विनय कुमार विनायक
हिन्दू को हिन्दू से जोड़ो
हिंसा द्वेष का दूषक जो
उसे सनातनी हिन्दू समझो
अहिंसा दया का पोषक जो
उसे हिन्दू होने का हक हो
जो हीन नहीं हिंसक नहीं
जो अहिंसक और दानी हो
उसे ही श्रेष्ठ हिन्दू समझो
हिन्दू वही जो राम जैसा
मर्यादित मातृ पितृभक्त हो
हिन्दू वही जो कृष्ण सा
माता पिता को बेड़ीमुक्त करे
हिन्दू वही जो बुद्ध सा
बुद्धिमान और तर्कवादी हो
हिन्दू वही जो जिन के जैसा
जितेन्द्रिय दयालु और त्यागी हो
हिन्दू वही जो नानक गोविंद सा
निरभिमानी ज्ञानी गुरु रहबर हो
हिन्दू वही जो एक साथ
राम कृष्ण अवतार ईश्वर
बुद्ध तीर्थंकर सद्गुरु अनुयाई हो
हिन्दू वही जो आगम निगम
गुरुग्रंथ ज्ञान को थाती समझे
हिन्दू वही जो विश्वासघाती ना हो
हिन्दू वही जो संत हो सत्संग करे
हिन्दू जो विश्व को भाई बहन कहे
हिन्दू हो जातिगत उपाधि छोड़ दो
हिन्दू हो बुद्ध जिन को जिंदा करो
मगर राम कृष्ण की निंदा ना करो
हिन्दू हो ब्रह्मज्ञान विज्ञान को जानो
हिन्दू हो गुरुओं के बलिदान को मानो
हिन्दू हो वेद उपनिषद जातक त्रिपिटक
गीता गुरुग्रंथ के आदर्श को ग्रहण करो
हिन्दू हो वर्णभेद अस्पृश्यता अंत करो
हिन्दू जाति त्याग दो गोत्र धारण करो
हिन्दू अहंकार छोड़के संस्कार वरण करो
हिन्दू प्रांतवाद भाषाई दुराग्रह छोड़ दो
हिन्दू साझी संस्कृतिवादी भारतीय बनो
हिन्दू हो धर्मांतरित हो चुके स्वजन को
अपनाओ स्वधर्म घर वापसी अंगीकार करो
हिन्दू हो मानव मात्र से प्रेम व्यवहार करो!
—विनय कुमार विनायक