नरेगा की मलायी भाजपा को मिलने से चुनाव मंहगे हो सकते हैं

0
211

नगरीय निकायों के चुनावों को लेकर राजनैतिक हलचल अब तेज होती जा रहीं हैं। इस सिलसिले में जिले में इकलौते इंका विधायक हरवंश सिंह के मुख्यआतिथ्य में प्रबंध समिति की बैठक हुईं। जिला इंकाध्यक्ष महेश मालू की अध्यक्षता में संपन्न इस बैठक में सिवनी विस क्षेत्र के पूर्व इंका प्रत्याशी प्रसन्न मालू को बुलाया ही नहीं गया। परिणाम स्वरूप दो अन्य पूर्व प्रत्याशी राजकुमार पप्पू खुराना और आशुतोष वर्मा भी बैठक में नहीं गये। अपने भाषण में हरवंश सिंह ने साफ कर दिया कि वे विधानसभा उपाध्यक्ष के संवैधानिक पद के बंधनों से बंधें हैं अतः आपके साथ झंड़ा उठाकर नहीं चल सकता हँ। उन्होंने यह भी कहा कि नरेगा की मलाई राज्य सरकार और उसके अनुयायी खा रहे हैं इसलिये चुनाव मंहगा भी हो सकता हैं। इस बैठक में हरवंश समर्थक नेताओं ने यह आरोप भी लगाये कि लोग टिकिट लाकर चुनाव तो लड़ लेते हैं लेकिन उसके बाद ना तो वे कांग्रेस की मीटिंगों में आते हैं और ना ही उन्हें कांग्रेस से कोई मतलब ही रहता हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि ऐसा आरोप लगाने वाले ये सभी नेता पिछले 2008 के विधानसभा चुनावों में अपने हाथ में कांग्रेस का हाथ थामने के बजाय निदग्र्लीय मुनमुन राय की कपप्लेट थामें हुये थे जो कि कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण बना था। यहां यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि सन 1990 में सिवनी विस विस क्षेत्र से इंका प्रत्याशी के रूप में हरवंश सिंह ने जो हारने की शुरुआत की थी वह आज तक बदस्तूर जारी हैं और कांग्रेस इस क्षेत्र से लगातार पांच चुनाव हार चुकी हैं।इस बैठक में नगरीय निकायों के चुनावों के साथ साथ पंचायत चुनावों की रणनीति भी तय की गयी हैं। चुनावी रणनीति तय करने की शुरुआत ही गुटबाजी को ब़ावा देने से हुयी हैं तो अंजाम भला और क्या होगा? यहां यह विशेष रूप से उललेखनीय है कि जिले की दो विस सीटों सिवनी और बरघाट में पिछले पांच चुनावों से कांग्रेस को हार का मुह देखना पड़ रहा हैं जिसका प्रमुख कारण आपसी गुटबाजी के अलावा और कुछ भी नहीं हैं।
– आशुतोष वर्मा, सिवनी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,346 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress